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केजरीवाल का कारनामा : 4.5 करोड़ के काम और 22.75 करोड़ का विज्ञापन

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पूरी दुनिया में ईमानदारी का ढोल पीटने वाले दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो राजधानी में किसी भी नागरिक के गले नहीं उतर रहा है। आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने सीवर लाइन के काम में सिर्फ 4.5 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन अपना नाम चमकाने के लिए इसके विज्ञापन पर 22.75 करोड़ रुपये फूंक डाले।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महज 4.50 करोड़ रुपये के काम के लिए 22.75 करोड़ रुपये विज्ञापन पर लुटा दिए हैं। इसी को कहते हैं कि जितने का बौआ नहीं उतने का झुनझुना। वैसे भी केजरीवाल काम से ज्यादा ढिंढोरा पीटने में विश्वास करते हैं। गौरतलब है कि वेस्ट लक्ष्मी मार्केट और खुरेजी खास में सीवर लाइन बदलने के समारोह का विज्ञापन दिया गया है। ध्यान रहे कि सीवर लाइन डलवाने पर 4 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च आएगा, जबकि कार्य के शुभारंभ के लिए 22.75 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च किया गया है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं तो और क्या है? दिल्ली का बेड़ा गर्क करने वालों में प्रतियोगिता हुई तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही अव्वल आएंगे। ऐसा मुख्यमंत्री आप पहली बार देखें होंगे जो जितने का काम न कराया हो उससे पांच गुना ज्यादा इश्तिहार पर खर्च कर दिया हो। आप से निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को आत्ममुग्ध और बौना बताया है।

अखबारों में अटा पड़ा है सीवर लाइन का इश्तिहार

हमने इस बात की पड़ताल करने की कोशिश की कि आखिर विज्ञापन के लिए केजरीवाल ने ऐसा क्या कर दिया। जांच में चौकाने वाला खुलासा सामने आया। दरअसल केजरीवाल ने दिल्ली के अलग अलग इलाके और मोहल्लों के नाम पर अलग-अलग विज्ञापन छपवाया है, जिससे खर्च में भारी इजाफा हुआ है। गली मोहल्लों में सीवर लाइन बिछाने का इतना ढिंढोरा पीटा जाएगा इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तो दिल्ली के सभी अखबारों में विज्ञापन पर करोड़ों रुपये लुटा दिया है। शायद इसलिए आप के ही पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को घुंघरू सेठ नाम दिया है।

विज्ञापन की भूखी है केजरीवाल सरकार

केजरीवाल जैसा विज्ञापन का भूख शायद ही किसी दूसरे नेता को हो। विज्ञापन के माध्यम से अपना नाम छपवाने के पीछे वे इस कदर अंधे हो जाते हैं कि यह भी सुध नहीं रहती कि किसका विज्ञापन है। सरकार के तीन साल पूरा होने पर केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार का विज्ञापन चुराकर उसमें अरविंद केजरीवाल की तस्वीर लगा दी। जिसकी सोशल मीडिया पर खिंचाई भी हुई थी।

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