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देश के 70 छात्र पीएम मोदी के साथ देखेंगे चंद्रयान-2 की लैंडिंग

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पीएम मोदी के साथ देशभर के करीब 70 छात्र-छात्राओं को चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने का मौका मिलेगा। ये छात्र-छात्राएं शनिवार तड़के इसरो स्थित केंद्र से चांद के दक्षिणि ध्रुव क्षेत्र पर होने वाली चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ की साफ्ट लैंडिंग को दृश्य को सीधे देखेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में हर राज्य और केंद्रशसित प्रदेश से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले दो-दो छात्रों को अंतरिक्ष एजेंसी ने चांद की सतह पर ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ की ‘साफ्ट लैंडिंग’ का सीधा नजारा देखने के लिए यहां अपने केंद्र में आमंत्रित किया है।

जागरूकता बढ़ाने के लिए रखी गई थी प्रतियोगिता

इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी के मताबिक लगभग 70 छात्र-छात्राएं हैं, जो प्रधानमंत्री के साथ बैठकर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का दृश्य लाइव देखेंगे। अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इसरो के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय ने माईगोव डॉट इन के साथ मिलकर 10 से 25 अगस्त तक एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की अवधि 10 मिनट की थी, जिसमें अधिकतम 20 सवालों का जवाब देना था।

ये कारनामा करने वाला पहला देश बन सकता है भारत

लैंडर ‘विक्रम’ अपने साथ रोवर ‘प्रज्ञान’ को लेकर सात सितंबर की रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद पर लैंड करेगा। यदि इसमें सफलता मिलती है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा और चांद के अब तक अनदेखे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।

क्या करेगा लैंडर और रोवर

लैंडर के उतरने के लगभग चार घंटे बाद इसके अंदर से रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर एक चंद्र दिन (धरती के 14 दिन के बराबर) तक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। वहीं, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है। इस दौरान वह लगातार चांद की परिक्रमा कर धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिकों को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) के बारे में जानकारी भेजता रहेगा। 

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