Home समाचार आतंकी कैंप छोड़ क्रिकेट कैंप पर ध्यान देगा पाकिस्तान?

आतंकी कैंप छोड़ क्रिकेट कैंप पर ध्यान देगा पाकिस्तान?

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बर्मिंघम में चैंपियंस ट्रॉफी के अपने पहले मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को फिर धोकर रख दिया। भारत से मिली 124 रन की करारी शिकस्त से पाकिस्तानियों को अपने वजूद के खत्म होने का एहसास हो रहा है। क्रिकेट के मैदान में इस नई पटकनी के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में गुस्सा और मातम-दोनों का संगम नजर आया है।

मैदान पर पानी मांगता रहा पाकिस्तान!
भारत की ओर से दिये गए विशाल लक्ष्य के सामने पाकिस्तान की बल्लेबाजी 34 ओवर भी नहीं चल पाई और पूरी टीम 164 रनों पर ढेर हो गई। बारिश से प्रभावित रहे इस मुकाबले में डकवर्थ-लेविस नियम के तहत पाकिस्तान को 41 ओवर में जीत के लिए 289 रनों का लक्ष्य दिया गया था। भारत के सामने पाकिस्तान इस मुकाबले के हर क्षेत्र में पानी मांगता नजर आया।

पाकिस्तानियों ने टीम की हार पर टीवी तोड़े
पाकिस्तान में टीवी पर मैच देख रहे लोग अपनी टीम के कमजोर होने के बावजूद ये आस लगाये बैठे थे कि उनके खिलाड़ी भारत को हराकर उनके कलेजे को ठंडक पहुंचाने का काम करेंगे। लेकिन पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने अपने देश के उन क्रिकेटप्रेमियों की बेबुनियाद की मुराद पर पानी फेर दिया..जिन्होंने मैच शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान की जीत को निश्चित मानकर आतिशबाजी और जश्न के इंतजाम कर रखे थे।

पहले भारतीय बल्लेबाजों के हाथों पाकिस्तानी गेंदबाजों की धुनाई और फिर पाकिस्तानी बल्लेबाजों का भारतीय गेंदबाजों के आगे समर्पण देख पाकिस्तानियों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया और उन्होंने अपने टीवी सेट तोड़ने शुरू कर दिये। वीरेंन्द्र सहवाग को मानो यह बात एक साल पहले से पता थी। उन्होंने अपने पुराने ट्वीट के जरिए बताया कि चाहे क्रिकेट कितनी भी अनिश्चितताओं का खेल हो, लेकिन पाकिस्तान को हराने की निश्चितता भारतीय टीम लेकर चलती है।

टीम के प्रदर्शन का गुस्सा सड़कों पर भी
पाकिस्तानियों ने टीवी तोड़कर अपने गुस्से का इजहार तो किया ही, सड़कों पर उतरकर भी अपनी टीम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कई जगहों पर हुए प्रदर्शन में शामिल लोग पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के प्रदर्शन को देखकर आगबबूला दिखे।

प्रतिक्रियाएं ऐसी सामने आयीं कि खुदा की कसम कोई ऐसे भी खेलता है। 

कभी नहीं पचती है भारत से हार
दरअसल पाकिस्तानियों को अपनी टीम का किसी और टीम से हारना मंजूर है लेकिन भारत से हार इन्हें बर्दाश्त नहीं। मुश्किल ये है कि हार और जीत टीम की क्वालिटी के साथ उसकी सोच पर भी निर्भर करती है। लेकिन पाकिस्तान के अंदरूनी हालात का असर वहां की क्रिकेट तक किस कदर जा पहुंचा है..इसका अंदाजा उसकी आज की टीम और उसके खेल के स्तर को देखकर भी लगता है। पाकिस्तान के शासक अपने देश की तरक्की से ज्यादा इस बात पर हमेशा जोर देते रहे हैं कि कैसे भारत को अशांत रखा जाए। इसलिए शायद वो अपने क्रिकेटरों की ट्रेनिंग से ज्यादा आतंकियों की ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

आतंकी ट्रेनिंग नहीं, क्रिकेट की ट्रेनिंग पर दो ध्यान
पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक जड़ने वाले पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने तो पाकिस्तानियों को सलाह दी कि वो भारत को टक्कर देना चाहते हैं तो आतंकी कैंप से ज्यादा क्रिकेट के कैंप पर ज्यादा ध्यान दें। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान और पाकिस्तानी टीम का जमकर मजाक उड़ा है।

विश्व कप मुकाबलों में पाक से हमेशा जीता है भारत
बड़े मुकाबलों में अक्सर भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान पर भारी पड़ती रही है, इसकी सबसे बड़ी बानगी मिलती है विश्व कप मुकाबलों में दोनों देशों के रिकॉर्ड में। पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में भारत को कभी भी नहीं हरा पाया। भारत ने उसे हमेशा धूल चटाई है..और इसको लेकर पाकिस्तान की कसक हमेशा छलकती रही है।

पाक क्रिकेटरों के भारत प्रेम पर भी गुस्सा!
क्रिकेट मैदान में हार को लेकर अपनी टीम पर पाकिस्तानियों का गुस्सा तो बरसता ही है, कोई पाकिस्तानी क्रिकेटर भारत की तारीफ कर दे तो वो उसका भी जीना मुहाल कर देते हैं। पिछले दिनों रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से जाने जाने वाले शोएब अख्तर ने कहा था कि उन्हें पाकिस्तान से ज्यादा भारत में प्यार मिला। बस इतना कहना था, कि कट्टरवादी शोएब के पीछे पड़ गए। वैसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के समधी जावेद मियांदाद सरीखे पूर्व क्रिकेट हैं जो भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के साथ ही आपसी संबंधों को भड़काते रहते हैं। सच ये है कि भारत के सामने Inferiority Complex यानी हीन भावना से ग्रस्त पाकिस्तान क्रिकेट मैच को भी खेल भावना से नहीं ले पाता।

अब तो छोड़ दो कश्मीर का राग!
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने कभी कहा था कि क्यों ना कश्मीर मामले का फैसला क्रिकेट के मैदान में कर लिया जाए। उनका ये बयान काफी सुर्खियों में रहा था। अब जबकि भारत हमेशा पाकस्तान की टीम पर अपनी श्रेष्ठता हमेशा साबित करता रहा है, तो क्या पाकिस्तान का सियासी तंत्र कश्मीर का राग अलापना बंद करेगा?

भारत से हर मामले में पिछड़ने का गुस्सा
क्रिकेट के मैदान पर ही नहीं, भारत के सामने हर मामले में पाकिस्तान फिसड्डी साबित हुआ है। कश्मीर मामले को विश्व मंच पर अपनी तरह से पेश करने की उसकी चाल को भी भारत ने हमेशा नाकाम किया है। अपनी इसी बौखलाहट में पाकिस्तान आतंक को लगातार बढ़ावा देने पर उतारु है। लेकिन भारतीय जवान आतंक की हर नापाक कोशिश को ध्वस्त करने में सफल रहे हैं। सोमवार को तड़के उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में सुंबल स्थिति सीआरपीएफ कैंप पर हमला बोलने वाले चार पाक आतंकियों को कुछ ही मिनटों में ढेर कर दिया गया।

टीवी सेट नहीं तोड़ो, अपने हुक्मरानों को ठीक करो
दरअसल पाकिस्तान  का पूरा तंत्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व मंच पर भारत की बढ़ती साख को चोट पहुंचाने की हर कोशिश में जुटा हुआ है..लेकिन पाकिस्तान की तमाम बेजा हरकतों के बीच भारत विकास की दौड़ में आगे बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस आह्वान से सीख लेनी चाहिए थी जिसमें उन्होंने कहा था कि आओ मुकाबला किया जाए गरीबी से लड़ने के क्षेत्र में, आओ मुकाबला किया जाए विकास के क्षेत्र में, लेकिन पाक हुक्मरानों को इसकी चिंता नहीं। भारत से ईर्ष्या की अपनी इसी प्रवृत्ति में पाकिस्तान जलकर खुद खाक होता जा रहा है। टीवी सेट तोड़ने वालों को गुस्सा अपने क्रिकेटरों पर नहीं, हुक्मरानों पर जाहिर करना होगा।

 

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