Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री के विरुद्ध लाख करो दुष्प्रचार, अबकी बार फिर से मोदी सरकार!

प्रधानमंत्री के विरुद्ध लाख करो दुष्प्रचार, अबकी बार फिर से मोदी सरकार!

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पुरानी कहावत है कि जब तुम्हारे विरोधी तुम्हारी आलोचना कुछ ज्यादा ही करने लगें तो समझ लो कि तुम्हारे कार्यों का प्रभाव बढ़ रहा है, और तुम सही रास्ते पर हो। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मामले में भी बिल्कुल फिट बैठती है। कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी का सामना करने में समर्थ नहीं हो पा रहा है। इसी खीझ में निगेटिव प्रोपेगेंडा का दौर चला रखा है। गौरतलब है कि पीएम मोदी को हराने के लिए परस्पर विरोधी विचारों वाले दल भी एक दूसरे का हाथ थामने को मजबूर हो गए हैं, लेकिन चुनाव-दर-चुनाव यह बात साबित होती रही है कि देश की जनता का पूर्ण समर्थन नरेन्द्र मोदी के साथ पग-पग पर रहा है। गौरतलब है कि देश-विदेश की तमाम सर्वे एजेंसियां भी यह बता रही हैं कि 2019 में नरेन्द्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

हर सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी पर देश का भरोसा कायम
दैनिक भास्कर अखबार की तरफ से देशभर में कराए गए सर्वे में मोदी सरकार को जनता ने 10 में से 8 अंक दिए हैं। यानि 80 प्रतिशत लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं। इसके साथ ही 85 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नरेन्द्र मोदी 2019 में दोबारा सरकार बनाने में कामयाब होंगे। कम्यूनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स द्वारा मई, 2018 में कराए गए सर्वे के अनुसार 56 प्रतिशत लोग मानते हैं कि मोदी सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए सही रास्ते पर है। वहीं मई में ही Chrome Data Analytics and Media के सर्वे में 53 प्रतिशत लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनना चाहिए। इसी तरह एबीपी न्यूज और सीएसडीएस के सर्वे में भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के आगे कोई टिक नहीं पा रहा है।

सीडीएएम के सर्वे में भारतीय जनता पार्टी इसबार 300 के पार
Chrome Data Analytics and Media यानि CDAM द्वारा 9 से 22 मई के बीच कराए गए ओपिनियन सर्वे के अनुसार 2014 में 282 सीटें जीतने वाली बीजेपी के खाते में अभी चुनाव हों तो 318 सीटें आ सकती हैं। इसी तरह 55 प्रतिशत लोगों ने साफ कहा है कि NDA को दूसरा टर्म मिलना चाहिए। मोदी सरकार के चार साल के कामकाज को 76 प्रतिशत लोगों ने बढ़िया माना है।

एबीपी-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में इसबार भी एनडीए सरकार
एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के इस सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी आज भी सबसे लोकप्रिय नेता हैं। सीटों की बात करें तो 543 लोकसभा सीट पर आज चुनाव हों तो एनडीए को 274 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे के अनुसार 2019 में एक बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। वोट प्रतिशत के लिहाज से भी एनडीए को सबसे अधिक 37 प्रतिशत हिस्सा मिलने जा रहा है जो कि यूपीए की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है।

प्रधानमंत्री मोदी की पॉपुलेरिटी की तुलना में कोई नहीं आस-पास
मई, 2018 में कराए गए दैनिक भास्कर, एबीपी-सीएएसडीएस और CDAM के सर्वे का औसत निकाला जाए तो आज भी 66 प्रतिशत लोग नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी लोगों को इसलिए भी सबसे अधिक पसंद हैं, क्योंकि वे चुनाव परिणामों की चिंता किए बिना देशहित में निर्णय लेते हैं। नोटबंदी का निर्णय हो या फिर पूरे देश में जीएसटी लागू करने का फैसला, सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर डोकलाम में चीन के सामने अड़ जाने का साहस… प्रधानमंत्री मोदी को अन्य किसी भी नेता से अलग करता है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पैन इंडिया पार्टी बनी बीजेपी
प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी और एनडीए ने देश के हर चुनाव में लगातार जीत हासिल की है, फलस्वरूप 20 राज्यों में बीजेपी और एनडीए की सरकार है। देश के 75 प्रतिशत भू-भाग और 68 प्रतिशत आबादी पर एनडीए का शासन है। त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के सात राज्यों में भाजपा और एनडीए की सरकारें हैं। इसी तरह कर्नाटक में हुए हाल के चुनाव में 104 सीटें जीतकर विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं केरल में भारतीय जनता पार्टी के वोट प्रतिशत में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। जबकि पश्चिम भारत के सभी छह राज्यों में सरकार बनाकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह अब पैन इंडिया पार्टी है।

अवसरवादियों के कुनबे का इसबार हो जाएगा बंटाधार
कांग्रेस पार्टी समेत अधिकतर विरोधी दल देश का वातावरण खराब करने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है। असहिष्णुता का फर्जी वातावरण, अवार्ड वापसी अभियान, एससी-एसटी एक्ट पर कोर्ट के फैसले के बाद हिंसा फैलाना हो या फिर मूर्ति तोड़ो अभियान जैसे कुत्सित कार्य… विपक्ष अपनी राजनीति में खुद ही एक्सपोज होता चला जा रहा है। 23 मई को कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर जब मोदी विरोधी 19 दलों का जमावड़ा हुआ तो इनके बीच का अंतर्विरोध साफ नजर आया। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी और ममता बनर्जी जैसे विरोधाभासी विचारों वाले दलों के नेताओं के एस साथ आने पर भी प्रश्नचिन्ह है। सवाल यह है कि सिर्फ और सिर्फ मोदी विरोध के नाम पर परस्पर विरोधी विचारों वाले दलों का यह गठबंधन प्रधानमंत्री मोदी के आगे खड़ा भी हो पाएगा ?

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