भारतीय सेना ने एक बार फिर उग्रवादियों पर कहर बरसाया है। इस बार यह कार्रवाई म्यांमार सीमा पर हुई है। सीमा पर लांग्खू गांव के पास इस खास ऑपरेशन से नागा उग्रवादियों को काफी नुकसान पहुंचा है। तय प्लान के मुताबिक इंडियन आर्मी के स्पेशल कमांडो ने धावा बोला और एनएससीएन (के) गुट के कई आतंकी मार गिराए गए। गौरतलब है कि मोदी सरकार के तहत म्यांमार सीमा पर यह दूसरी बड़ी स्ट्राइक है जिसमें उग्रवादियों को जबरदस्त नुकसान हुआ है।
नगा उग्रवादियों के ठिकाने ध्वस्त
भारतीय सेना के पूर्वी कमान के इस ऑपरेशन में उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग (NSCN-K) के कई उग्रवादी हताहत हुए हैं, जबकि भारतीय सैन्य टुकड़ियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। सेना का यह ऑपरशन असम-नगालैंड बॉर्डर के पास हुआ। पूर्वी कमान के बयान के अनुसार, भारतीय-म्यांमार सीमा के पास तैनात भारतीय सेना के एक दल पर सुबह करीब 4:45 मिनट पर NSCN-K के अज्ञात चरमपंथियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे सैन्यदल ने तत्काल कार्रवाई की और चरपंथियों पर जवाबी गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद चरमपंथियों की ओर से गोलीबारी रुक गई और वह मौके से फरार हो गए।
Detailed statement attached pic.twitter.com/nbLYMLCqxQ
— EasternCommand_IA (@easterncomd) September 27, 2017
सेना के शौर्य से पस्त हुए उग्रवादी
सेना ने सुबह-सुबह ही इस ऑपरेशन को शुरू किया और लंगखू गांव के पास नगा उग्रवादियों पर धावा बोला। गौरतलब है कि यह जगह भारत-म्यांमार बॉर्डर से करीब 10-15 किमी दूर है। बड़ी बात ये है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में ऑपरेशन से जुड़े सेना के कमांडो और अफसरों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है। दरअसल ये उग्रवादी भारत-म्यांमार सीमा पर कोंसा इलाके में आतंकी छिप कर बैठे थे और सेना पर बड़े हमले की साज़िश कर रहे थे। भारतीय सेना ने साफ किया है कि ये कार्रवाई सीमा के अंदर की गई इसके लिए बॉर्डर क्रॉस नहीं किया गया।
Heavy casualties reportedly inflicted on NSCN(K) cadre. No casualties suffered by Indian Security Forces
— EasternCommand_IA (@easterncomd) September 27, 2017
Reports of casualties to #IndianArmy personnel factually incorrect. Firefight
occurred along Indo-Myanmar border at 0445 hrs today @adgpi— EasternCommand_IA (@easterncomd) September 27, 2017
मोदी सरकार में पहली भी हुई थी ‘स्ट्राइक’
इससे पहले जून 2015 में भी सेना ने मणिपुर में प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की थी। उस ऑपेरशन में भी कई उग्रवादी हताहत और उनके कैंप तबाह कर दिए गए थे। वहीं हाल ही में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे से पहले भी ऐसा ही एक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। भारत-म्यांमार सीमा पर नागा आतंकी संगठन एनएससीएन (के) एक आतंकवादी कैंप को नष्ट कर दिया गया था, जिसमें एक आतंकवादी को मार गिराया था।
20वें दिन ही दिखा निर्मला सीतारमण का दम
देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पदभार संभालने के 20वें दिन में ही बड़ी कार्रवाई हुई है। भारतीय सेना ने म्यांमार बॉर्डर पर उग्रवादियों के खिलाफ जबरदस्त प्रहार किया है। निर्मला सीतारमण जब से मिनिस्ट्री में आई हैं कई नियम बदले हैं। वे लगातार सीमा इलाकों का दौरा कर रही हैं। राजस्थान में एयरफोर्स के एक बेस पर वह पहुंचीं, जहां पिछले 16 साल से कोई रक्षा मंत्री नहीं गया था। वे फाइटर प्लेन के कॉकपिट में खुद बैठीं। इसके साथ ही पाकिस्तान से सटे गुजरात के कच्छ इलाके में भी उन्होंने दौरा किया।