आम आदमी पार्टी के नेता रहे आशुतोष ने एक बार फिर अपने मानसिक दिवालियेनपन का इजहार किया है। उन्होंने अपनी कुंठित सोच के तहत देश के सभी राष्ट्रवादियों को ‘गाली’ दी है। पहले आप उनका ये ट्वीट देखिये।
लेफ़्ट आंदोलन के साथ एक अच्छी बात ये है कि बहुत पढ़े लिखे लोग इससे जुड़ें है । दक्षिणपंथ अनपढों और जाहिलों की जमात है । इसलिये वामपंथ कमज़ोर होने के बाद भी प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करता है । और आज शिखर पर होने के बाद भी दक्षिणपंथ से लोग भाग रहे हैं ।
— ashutosh (@ashutosh83B) August 29, 2018
आशुतोष कौन हैं इससे जानना भी आप सब के लिए जरूरी है। आशुतोष गुप्ता जो की एक वामपंथी पत्रकार थे। कुछ अधिक पाने के चक्कर में वो आम आदमी पार्टी जुड़ गए। इसके बाद राज्यसभा सीट नहीं मिली तो पार्टी छोड़ दी। जाहिर है इनका पूरा फलसफा ही कुत्सित महात्वाकांक्षा के इर्द-गिर्द घूमता है।
हिन्दू विरोध, भारत विरोध तो जैसे इनके डीएनए में ही घुसा हुआ है। दरअसल आशुतोष गुप्ता उस समय से ज्यादा बिलबिलाए हुए हैं जबसे सुरक्षा एजेसियों ने 5 खूंखार ‘अर्बन नक्सलियों’ को गिरफ्तार किया है। ये और इनके साथी सोशल मीडिया पर तरह-तरह से भड़ास निकाल रहे हैं।
मंगलवार (28 अगस्त) को आशुतोष ने कहा था की मोदी सरकार ने 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है, ये दलितों पर हमला है।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन 5 को गिरफ्तार किया गया है उनमें से एक भी दलित नहीं हैं, लेकिन आशुतोष इसे दलितों पर हमला बता रहे हैं।
दरअसल आशुतोष के मुताबिक जो भारत की बात करे वो अनपढ़ जाहिल है, और जो टुकड़े-टुकड़े गैंग का हो, नक्सलियों की पैरवी करे, आतंकियों के लिए कोर्ट जाए वो वामपंथी बहुत ही भले और पढ़े-लिखे हैं। बहरहाल आशुतोष की इस टिप्पणी के बाद तो सोशल मीडिया पर उसकी जमकर क्लास लगाई गई। आइये हम भी इनमें से कुछ पर नजर डालते हैं।
#वामपंथी पढ़ लिखकर गद्दारी करते हैं क्यों ?
शराब शबाब और कबाब या कुछ और ?
चर्च से लेकर #नक्सल तक
सभी एक हैं ।। pic.twitter.com/NpDUSkQwbW— Sunil Jha (@suniljha899) August 29, 2018
ये अय्यासी भी कमाल की चीज है
बड़ा आकर्षित करती है भाई साहब।
जब चीनी और नापाक का मेल होता है तो एक वामपंथी बनते हैं।
शराब-शबाब और कबाब इन चीजों का घालमेल अच्छे अच्छों को आशुतोष पत्तलकार बना देता है?
दक्षिणपंथी बनना कौन चाहेगा जीवन कांटो भरा देशभक्त जो बनना पड़ता है!??— गोपाल राष्ट्रवादी???????? (@Aryaputra1982) August 29, 2018
बिल्कुल सही कहा भाई
Eat,Drink & Be marry के जाल में ही ये अच्छों अच्छों को फांस लेते हैं फिर इसी बल पर वो अपनी मर्जी का काम इनसे करवाते रहते हैं— ramnath jha (@ramnathjha7) August 29, 2018
सालाना जनता के करोड़ों रूपये सोखने वाले AMU और JNU से अच्छे तो गाँव देहात के सरकारी स्कूल हैं, जो फौजी पैदा करते हैं गद्दार नहीं।#गद्दारी_को_ज्ञान_का_चोला!
— Brajesh Patel (@brajeshgurukul) August 29, 2018
भाईसाब isis, लश्करे तैयबा, हिजबुल जैसे सभी संगठनों में डॉक्टर,इंजीनियर,वकील
जैसे लोग शामिल है इसका मतलब ऐसे संगठनों
को सही मानना चाहिए ??
नक्षलवादी किसे मार रहे है ??
आप जैसे चाटुकारो की वजह से ऐसे लोग को संरक्षण मिलता है ?— उƌᴀTᴀT?र ?? (@UdaTaTir) August 29, 2018
बकवास बन्द कर लोभी आदमी
केजरी की लात पड़ने वाली है इतना तो पढा न गया तुझसे
वामपंथ आत्ममोहित
दम्भी
बदजुबान
अराजक
पतित
देशद्रोही अय्याशों का जमावाड़ा है
अपने पर खुद ही बलिहारी रहते हो तुम सब जनता तो तुम्हें औकात में रखे हुए है ही
दुनिया से मिट गए पर दम्भ नही गया बकैतों का— त्रिजटा चौधरी (@trijata7) August 29, 2018
वाह, खुद अँग्रेजी के 4 अक्षर ठीक नहीं लिख पाते।और पूरे दक्षिण पंथ में इल्जाम लगा रहे हैं।आज सुबह-सुबह फूँक ली क्या?
— राहुल उपाध्याय (@Rahul0427111) August 29, 2018
हे! प्रतिभाशाली, मुझ जाहिल को ज़रा समझाना कि प्रतिभाशाली कैसे कमजोर हो सकते है और जिस पंथ से लोग भाग रहे है वह मजबूत कैसे हो सकता है?
वास्तव में वामपंथ हवाई किला है जो हिंसा और बौद्धिक जुगाली पर टिका है. और अंतिम साँसे गिन रहा है.— संजय ಸಂಜಯ್ சஞ்சய்?? (@sanjaybengani) August 29, 2018