प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतवासियों का भरोसा इसलिए अटूट हो चुका है, क्योंकि उन्होंने सबका साथ सबका विकास के मंत्र को सार्थक करके दिखाया है। इस बात को बड़ी ही शिद्दत से महसूस किया है शेख हसीना ने भी, जो चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। बांग्लादेश के चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली हसीना ने मीडिया से जो बातें कहीं, वो भारत के वर्तमान और पूर्व की सत्ता के फर्क को साफ-साफ उजागर कर जाती हैं।
बांग्लादेश के विपक्ष से कांग्रेस की तुलना
बांग्लादेश के चुनावों में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 300 में से 288 सीटें जीतकर विपक्ष का लगभग पूरा सफाया कर दिया है। विपक्ष के इस सफाए के बारे में मीडिया द्वारा सवाल किए जाने पर शेख हसीना ने 2014 में भारत के लोकसभा चुनावों में हुई कांग्रेस की स्थिति का हवाला दिया, जिसमें छह दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस 543 में से महज 44 सीटें जीत पाई थीं। जरा याद कीजिए, उन चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने शासन में देश की क्या दुर्दशा कर रखी थी।
क्यों सफाए के करीब पहुंची कांग्रेस
बांग्लादेश के चुनावों में अपनी मिट्टीपलीद होने के बाद वहां की विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) चुनाव परिणामों पर वैसे ही सवाल उठा रही है, जैसे भारत में अपने अनुकूल चुनाव नतीजे नहीं आने पर कांग्रेस उठाती रहती है। गौर करने वाली बात है कि BNP की नेता खालिदा जिया भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। शेख हसीना का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टी जनता के दिलों से उतर जाती है। भारत में भी कांग्रेस को भी जनता ने तब पूरी तरह से नकार दिया, जब वो भ्रष्टाचार में डूबी नजर आई।
जनता जनकल्याण में जुटी सरकार के साथ
शेख हसीना ने बातों ही बातों में अपने देश के विपक्ष को भारत में कांग्रेस की स्थिति से सीख लेने की सलाह दी। आखिर कभी ऐतिहासिक बहुमत के साथ राज करने वाली कांग्रेस सत्ता को मोहताज क्यों हो गई, वहीं कभी दो सीटें जीतने वाली बीजेपी आज पूरी ताकत के साथ सत्ता में क्यों है। हसीना ने अपने देश के विपक्ष को दिलासा दिलाया कि जनता के लिए सच्चे अर्थों में समर्पित होकर अगर वह काम करे, तभी उसके बेहतर दिन आ सकते हैं। वैसे भारत में तो कांग्रेस अपनी स्थिति से सीख लेने को तैयार नहीं।
एक तरफ नरेन्द्र मोदी, दूसरी तरफ नेतृत्वहीनता
शेख हसीना ने कहा कि भारत के पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के पास प्रधानमंत्री कौन होगा, इसको लेकर कोई फोकस नहीं था। यानि नरेन्द्र मोदी की उम्मीदवारी के सामने विपक्ष नेतृत्व को लेकर पूरी तरह दिशाहीन था। शेख हसीना की कही गई बातें भारत में इस वर्ष होने वाले चुनावों को लेकर भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मोर्चाबंदी के लिए हमेशा एक-दूसरे का हाथ झटकते रहने वाले दल, महागठबंधन की हवा बनाने में तो लगे हैं, लेकिन ना तो नेतृत्व का पता है, ना ही विजन का। भारत में इस बार कांग्रेस का हाल शायद बांग्लादेश के विपक्ष से भी बुरा होने वाला है!
Congress mukt Bharat hona chahiye Thanks my friends good morning all days all friends