लोकसभा में गुरुवार 11 जुलाई, 2019 की तारीख संसदीय इतिहास में दर्ज हो गई। पिछले 20 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा में देर रात तक चर्चा हुई। रेलवे की अनुदान मांगों पर चर्चा रात में करीब 12 बजे तक चली। इस चर्चा के दौरान विपक्ष के संसद सदस्य भी मौजूद रहे। 11 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही लगातार 13 घंटे तक मध्यरात्रि 11 बजकर 59 मिनट तक चली।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की पहल पर सभी दलों ने तय किया कि एक ही दिन की सिटिंग में आम बजट में रेलवे मंत्रालय से जुड़ी अनुदान मांगों पर चर्चा पूरी कर ली जाए। ये भी तय किया गया कि चर्चा में ज्यादा से ज्यादा सांसदों को बोलने का मौका दिया जाए। कोशिश की जाए कि पहली बार आए सांसदों को प्राथमिकता दी जाए।
- इसके पहले वर्ष 1998 में 8 जून को शुरू हुई संसद की कार्यवाही दूसरे दिन सुबह 6:40 बजे तक चली थी। उस समय नीतीश कुमार रेल मंत्री और जीएमसी बालयोगी लोकसभा के स्पीकर थे।
- इससे पहले 1996 में जब एचडी देवगौड़ा की सरकार में रामविलास पासवान रेल मंत्री थे, उस समय 26 जुलाई को 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही 27 जुलाई की सुबह सवा सात बजे तक लगातार 20 घंटे चली थी। इस दौरान 111 सदस्यों ने अपनी बात रखी थी।
देर रात तक सदन की हुई बैठक
- 09 जुलाई 2019- लोकसभा में बजट पर चर्चा के लिए देर रात तक कार्यवाही चली।
- 20 जुलाई 2018- मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा रात 11.15 तक चली।
- 29 दिसम्बर 2011- लोकपाल और लोकायुक्त बिल, 2011 के लिए मध्यरात्रि तक चली राज्यसभा की कार्यवाही।
मध्यरात्रि में सदन की बैठक
- 14-15 अगस्त 1947- देश को स्वतंत्रता मिलने पर।
- 14-15 अगस्त 1972- स्वतंत्रता की 25 वीं वर्षगांठ।
- 14-15 अगस्त 1997- स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ।
- 30 जून-01 जुलाई 2017-जीएसटी को लागू करने के लिए।