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देखिए प्रधानमंत्री मोदी के जयापुर गांव का विकास, ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ से बदली तस्वीर

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‘मैं देख रहा हूं कि कुछ गांवों में स्पर्धा चल पड़ी है कि हमारा गांव आदर्श गांव बने, सांसद हमारा गांव ले। यह गलती इसलिए हो रही है कि लोगों के मन में यह भ्रम है कि सांसद अगर ग्राम ले लेगा, तो उसके कारण पैसे आने वाले हैं। इस योजना में पैसे है ही नहीं। ये योजना पैसों वाली है ही नहीं, क्योंकि पैसे हों तो फिर कोई खाने वाली भी निकल आएगा न। ये योजना ऐसी है कि सरकार की इतनी योजनाएं चल रही हैं, इतने रुपये खर्च हो रहे हैं, गांव के जीवन में बदलाव क्यों नहीं आ रहा, क्या कारण है?’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार की ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के बारे में यह टिप्पणी 6 मार्च, 2016 को राष्ट्रीय महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन में की थी। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से स्पष्ट है कि गांवों के विकास के लिए चल रही महात्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना में केंद्र सरकार की तरफ से कोई अतिरिक्त फंड नहीं दिया जाता है, बल्कि केंद्र की जो भी योजनाएं हैं, उन्हीं का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया जाता है। केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उस सांसद की होती है, जिसने गांव को गोद लिया है। सांसद आदर्श ग्राम योजना को अगर गंभीरता के साथ लागू किया जाए तो यह गांवों के लिए कितनी फलदायी है, ये प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जयापुर गांव के विकास को देखकर लगता है।

पीएम मोदी द्वारा गोद लिए गए जयापुर गांव की कुछ तस्वीरों के माध्यम से बताते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम योजना किसी गांव की तकदीर बदलने, ग्रामीणों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में कितनी कारगर है।

सोलर प्लांट से गांव के हर घर में बिजली
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या होती है, लेकिन सौर ऊर्जा से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत जयापुर गांव में केंद्र सरकार के सोलर लैंप कार्यक्रम को बढ़ावा दिया गया है। इसी का नतीजा है कि इस गांव के हर घर में बिजली है, बच्चे पढ़ रहे हैं, गलियों का अंधकार दूर हुआ है।

स्वच्छता मिशन ने बदली गांव की सूरत
गांवों में शौचालय नहीं होना एक बड़ी समस्या है, मजबूरन ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों और शहरों में शौचालय बनाने का कार्य चल रहा है। इसी योजना के तहत जयापुर गांव में भी बड़ी संख्या में बायो टॉयलेट बनाए गए हैं, इससे गांव की महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को खुले में शौच जाने से मुक्ति मिली है। आपको बता दें कि पूरे देश में 2 अक्टूबर 2014 के बाद से अबतक 6 करोड़ 27 लाख शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

महिला सशक्तिकरण से आर्थिक उन्नति
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जयापुर गांव में महिला सशक्तिकरण की इन्हीं योजनाओं को लागू किया गया है। भारतीय रोजगार सृजन योजना के तहत भारतीय हरित खादी ग्रामोद्योग संस्थान ने जयापुर गांव में सोलर चरखा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया हैं। इस केंद्र से जुड़कर बड़ी संख्या में महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से मिला मकान
मोदी सरकार ने 2022 तक देश के सभी नागरिकों के सिर पर पक्की छत देने का वादा किया है। गांवों में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पक्के मकान बनाए जा रहे हैं। जयापुर गांव में भी इसी योजना के तहत वनवासियों को पक्के मकान दिए गए हैं। किचन, टॉयलेट, बिजली, पानी की सुविधा से लैस इन मकानों ने ग्रामीणों की जिंदगी बदल दी है।

सांसद आदर्श ग्राम योजना से समग्र विकास
आपने देखा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत कहीं से भी कोई अलग फंड नहीं आता है, बल्कि केंद्र सरकार की योजनाओं को ही कारगर तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यह योजना गांवों की तस्वीर बदलने वाली है। जब गांव में विकास होता है तो, वहां स्कूल खुलते हैं, बैंक आते हैं, सड़कें बनती हैं और रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। यानी कहा जा सकता है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के द्वारा गांवों का सर्वांगीण विकास संभव है और प्रधानमंत्री मोदी ने जयापुर गांव में यह कर के दिखाया है।

 

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