500 और 1000 के पुराने नोट बंद होने के एक निर्णय ने पूरे देश में क्रांति ला दिया है। जनता को पहली बार लग रहा है कि काले धन को रखने वाले लोगों पर प्रहार हुआ है।
हालांकि राजनीतिक पार्टियों और उसके सांसदों को यह फैसला रास नहीं आ रहा है। ये लोग नोटबंदी के चलते आम जनता को हो रही दिक्कतों के नाम पर संसद का शीतकालीन सत्र चलने नहीं दे रहे हैं।
देशवासी समझ रहे हैं, संसद में हंगामा करने से समस्या का समाधान नहीं मिलता है, उसका निराकरण तो संसद सत्र व्यवस्थित रूप से चलने से होती है।
नोट बंदी के कारण अचानक 86 फीसदी नोट चलन से बाहर हो गया और लोगों को पैसे के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर घंटों लाइनों में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बाद भी देश की जनता खुश है।
तमाम मीडिया संस्थानों से लेकर सर्वे एजेंसी ने इस पर अपने-अपने तरीके से जनता की राय ली। सबके सर्वे का नतीजा एक ही निकला। देशवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक फैसले के साथ हैं।
Dainikbhaskar.com पोल में 85% लोगों ने नोट बंदी को बताया सही
पोल में लोगों से दो तरह के सवाल पूछे गए। पहला सवाल था- नोटबंदी का फैसला सही कदम है? इसके जवाब में 85% लोगों ने इस फैसले को सही माना जबकि 15% लोगों ने इसे गलत कदम बताया है।
दूसरे सवाल में रीडर्स से नोटबंदी के बाद उठाए गए कदमों की रेटिंग देने की अपील की गई थी।
पोल में शामिल 65.6% लोगों ने बहुत बढ़िया, 14.1% लोगों ने अच्छा जबकि 6% लोगों ने औसत की रेटिंग दी है।
वहीं, 13.4% लोगों ने कहा कि इसे बेकार करार दिया है। इस पोल में दो लाख लोगों ने हिस्सा लिया।
Inshorts के सर्वे में 82% सरकार के साथ
82 प्रतिशत ने कहा उन्हें कैश की दिक्कत है, लाइन में लगना पड़ रहा है, लेकिन वो मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के सपोर्ट में हैं।
84 प्रतिशत लोगों ने माना कि पीएम मोदी में ही कालाधन खत्म करने की क्षमता है।
Inshorts ने ग्लोबल मार्केट रिसर्च कंपनी IPSOS की मदद से यह सर्वे किया। पल्स ऑफ नेशन के नाम से ये सर्वे 8 और 9 नवंबर को किया गया।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, पुणे,लखनऊ, हैदराबाद, अहमदाबाद, चंडीगढ़ के करीब पांच लाख लोगों की राय सर्वे में शामिल हुई। इसमें 2.69 लाख एप यूजर्स भी शामिल रहे।
HuffPost-BW-CVoter सर्वे में 87% ने कहा, काले धन पर करारी चोट
सी वोटर ने 21 नवंबर को 252 संसदीय क्षेत्रों में 1,212 लोगों से बातचीत करके सर्वे किया।
87 फीसदी ने माना कि ये फैसला काला धन रखने वालों पर करारी चोट है। 85 फीसदी ने काले धन के खिलाफ नोट बंदी के फैसले को लड़ने लायक बताया।
66.30 फीसदी लोगों ने इसे अच्छा कदम बताया, 27.40 फीसदी लोगों ने नोट बंदी के फैसले को सही बताया लेकिन उसे सही से लागू नहीं किया गया। 4.80 फीसदी लोगों ने इस फैसले को बेकार बताया जबकि 1.50 लोगों ने फैसले पर कुछ भी नहीं कहा है।
CVoter का सर्वे – 87% ने कहा, परेशानी तो है लेकिन भविष्य अच्छा
सर्वे एजेंसी सी वोटर के सर्वे में 80 फीसदी लोग नोटबंदी के फैसले से खुश हैं। 87 फीसदी लोगों ने माना कि परेशानी तो है लेकिन इस फैसले से भविष्य अच्छा होगा।
65.17 फीसदी लोगों ने कहा कि नोट बंदी के लिए सरकार की प्लानिंग ठीक है और लागू भी सही से कर रही है।
83.3 फीसदी निम्न आय वर्ग के लोगों ने माना कि नोट बंदी का फैसला अच्छा है जबकि 90 फीसदी उच्च आय वर्ग के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया।
23.8 फीसदी शहरी, 24.3 फीसदी अर्द्ध शहरी और 36 फीसदी ग्रामीणों ने माना कि नोट बंदी का फैसला सही था लेकिन उसे सही तरीके लागू नहीं किया गया।
जागरण का सर्वे, 86% परेशानी के बावजूद फैसले के पक्ष में
84.8% ने कहा सरकार ने नोटबंदी कर अच्छा कदम उठाया
86.1 फीसदी लोग परेशानी के बावजूद नोटबंदी के फैसले के साथ खड़े हैं।
66.1% ने कहा इसका आने वाले चुनाव में बीजेपी के लिए अच्छा असर पड़ेगा। 15.6% गलत असर पड़ेगा। 18.3% ने कहा – कह नहीं सकते।
67.2% ने कहा आगे काले धन का रास्ता बंद हो जाएगा। 84.8% ने कहा सरकार काला धन, भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए गंभीर हैं।
‘दैनिक जागरण’ ने सर्वे एजेंसी मार्केटिंग एंड डेवलपमेंट रिसर्च एसोसिएट(एमडीआरए) के साथ मिलकर सर्वे किया।
825 लोगों से बातचीत के जरिए सर्वे। 17-18 नवंबर को सर्वे
www.livehindustan.com के सर्वे में कम हुए नोटबंदी के समर्थक
8 नवंबर के तुरंत बाद हुए सर्वे में 78 फीसदी लोगों ने फैसले का समर्थन किया था। इसमें 10,660 लोगों ने भाग लिया था।
सात दिन बाद 15 नवंबर को हुए सर्वे में 62 फीसदी लोग नोटबंदी के समर्थन में थे। इसमें 11,142 लोगों ने लिया भाग।
18 नवंबर को केवल 46 फीसदी लोग ही नोटबंदी के समर्थन में रहे। 5,780 लोगों ने भाग लिया।
LocalCircles का सर्वे – 79% ने किया सपोर्ट
79 % ने लोगों ने नोटबंदी का समर्थन किया। 3% ने विरोध किया। 18% का मानना है कि फैसला सही है, लेकिन उन्हें परेशानी हो रही है।
इस सर्वे में 10,000 लोगों ने भाग लिया। 200 शहर सर्वे में शामिल किया गया।
SHADI.COM के सर्वे में ज्यादातर ने कहा शादी में दिक्कत नहीं
इस ऑनलाइन सर्वे में 13,200 लोगों ने भाग लिया। सर्वे में भाग लेने वाले 25-32 साल के युवा और सभी कुंवारे हैं।
41 फीसदी युवक जबकि 39 फीसदी युवतियों ने कहा कि नोटबंदी से शादी पर कोई प्रभाव नहीं। 20.3 फीसदी युवक और 24.5 फीसदी युवतियों ने बताया शादी पर नोट बंदी का थोड़ा असर पड़ा।
37 फीसदी लोगों ने कहा कि शादी एडवांस बुकिंग से मैनेज कर चुके थे। 35 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने शादी के खर्चे में कटौती की। कुछ लोगों ने कोर्ट मैरिज की।
सिर्फ 17.8 फीसदी युवकों जबकि 7.6 फीसदी युवतियों ने माना कि नकदी की कमी की वजह से शादी स्थगित की है।