”हिन्दुस्तान का आम आदमी भी वीआईपी है और हर भारतीय EPI यानि Every person is important है।” इस भावना के साथ पीएम मोदी 01 मई से देश में लालबत्ती संस्कृति खत्म करने की घोषणा की थी। लाल बत्ती संस्कृति के बारे में उनकी सोच है कि यह न केवल आम आदमी को शासन से दूर करती है, बल्कि उसे डराती भी है। दरअसल पीएम मोदी जिस तरीके से सोचते हैं और जैसा अनुभव करते हैं, उसे अपनी कार्य संस्कृति का हिस्सा बनाने का प्रयास भी करते हैं। केंद्र में पीएम मोदी की जबसे सरकार बनी है उन्होंने देश से वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए कई बड़े और ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। अब पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि उन्हें पांच सितारा होटलों में ठहरने से बचना चाहिए।
मोदी जी ने ‘5 सितारा’ होटलों में ठहरने के लिए अपने मंत्रियों को डाँट पिलायी है. अपने मंत्रालयों के PSU की गाड़ियाँ भी इस्तेमाल न करने को कहा
— Manak Gupta (@manakgupta) August 20, 2017
Modi told Ministers to avoid 5-star hotels & PSU perks. It reflects how PM observes things. Have you ever heard such thing from Congressi?
— Anshul Saxena (@AskAnshul) August 20, 2017
फाइव स्टार होटलों से बचें मंत्री
पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को चेताते हुए कहा है कि उन्हें 5 सितारा होटलों में ठहरने से बचना चाहिए। पीएम ने मंत्रियों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की सुविधाएं या किसी भी तरह के ऑफर को स्वीकार करने से मना किया है। पिछले दिनों पीएम मोदी ने कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्रियों को रुकने को कहा था। उसके बाद पीएम ने मंत्रियों से ये बातें कहीं। ऐसा कहा जा रहा है कि अपने कुछ मंत्रियों के फाइव स्टार होटल में ठहरने की आदत की वजह से काफी नाखुश हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि मंत्रियों को अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान सरकारी व्यवस्थाओं का ही लाभ उठाना चाहिए।
पीएसयू की गाड़ियां उपयोग न करें
पीएम ने मंत्रियों से कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स है कि वे अपने मंत्रालयों के अधीन आने वाले पीएसयू की गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। पीएम ने इसपर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर कोई मंत्री या किसी मंत्री के परिजन ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो वह कत्तई बर्दाश्त नहीं करेंगे। मंत्रियों को कहा गया है कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि उनके स्टाफ पीएसयू से मिलने वाली सुविधाओं का निजी इस्तेमाल न करें। पीएम मोदी ने मंत्रियों के सामने यह भी साफ किया वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति से कोई समझौता नहीं करेंगे।
One wonders how at such an age also, He is able to do such Micro Management on every single thing. ??
— Giri Nath (@Giri_Davey) August 20, 2017
Modi understands the value n worth of money .so all his efforts r directed towards welfare with minimum input n maximum output. Hats off
— Anshudhar (@Anshudhar2) August 20, 2017
सरकारी बंगलों में रहने की मनमानी खत्म
बीते 17 मई को केंद्रीय कैबिनेट ने निर्णय किया कि पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, मुख्यमंत्री या अधिकारी किसी भी सूरत में निर्धारित समय-सीमा से अधिक समय तक अपने सरकारी बंगले में नहीं रह सकता। केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के बाद संबंधित तथा कथित वीवीआईपी को तय अवधि खत्म होने के तीन दिन के अंदर सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो सरकार उन्हें जबरन निकाल-बाहर करेगी। दरअसल सरकारी आवास (अनाधिकृत कब्जा विरोधी) अधिनियम, 1971 में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के बाद डायरेक्टर एस्टेट जरूरत के मुताबिक सरकारी आवास को खाली कराने को लेकर सीधे संबंधित व्यक्ति से पूछताछ कर सकेंगे और उन्हें लंबी चौड़ी प्रक्रिया के पालन की जरूरत नहीं होगी। वो बंगला खाली करने का आदेश भी दे सकते हैं और अगर आदेश मानने में आनाकानी हुई तो पुलिस की मदद लेकर उसे जबरन कब्जे में भी लिया सकता है या भारी जुर्माना (10 लाख रुपये या अधिक) भी वसूला जा सकता है। इस बदलाव के बाद कब्जाधारकों को हाईकोर्ट से नीचे किसी अदालत में अपील करने का अधिकार भी नहीं रहेगा।
लालबत्ती पर भी लगाई रोक
एक मई, 2017 के पहले सरकारी गाड़ियों पर नेता और अफसर लाल-पीली-नीली बत्ती लगाकर ऐसे ठसक में निकलते थे कि वो जनता के सेवक नहीं, स्वामी हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से इस संस्कृति के खिलाफ रहे हैं। आखिरकार उनकी सरकार ने मजदूर दिवस से इस वीआईपी कल्चर पर हमेशा-हमेशा के लिए पूर्ण विराम लगा दिया। 1 मई, 2017 के बाद से कुछ इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक को लाल बत्ती के उपयोग का अधिकार नहीं रह गया है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि भारत का हर नागरिक वीआईपी है, इसीलिए कुछ गिने-चुने लोगों को खास सुविधाएं भोगने का अधिकार नहीं है।
‘EVERY PERSON IS IMPOROTANT’ यानि EPI
‘हर आदमी अब महत्वपूर्ण है यानि EVERY PERSON IS IMPOROTANT’ 30 अप्रैल, 2017 को मन की बात में प्रधानमंत्री ने एक नए शब्द ‘EPI’ का सृजन कर साफ कर दिया कि न्यू इंडिया में वीआईपी कल्चर की कोई जगह नहीं होगी वहां ‘EVERY PERSON IS IMPOROTANT’, प्रधानमंत्री के इस मैसेज को सोशल मीडिया में हर वर्ग ने चाहे वो राजनेता हो, फिल्मी जगत से हो या फिर पत्रकार सबने सराहा।
दरअसल श्री नरेंद्र मोदी की ये सोच इसीलिए है क्योंकि वो खुद को प्रधानमंत्री नहीं बल्कि प्रधानसेवक मानते हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जब जनता के पीएम ने जनता के साथ खड़े होकर अपने को एक आम नागरिक की तरह साबित करके दिखाया है। इसलिए वे चाहते हैं कि उनके सहयोगी भी ऐसा ही करें जिससे देश का आम नागरिक भी खुद को सिस्टम से जुड़ा हुआ महसूस करे।