Home विशेष 30 जून की आधी रात, अनगिनत टैक्स से मुक्ति का अहसास

30 जून की आधी रात, अनगिनत टैक्स से मुक्ति का अहसास

एक जुलाई से वन नेशन, वन टैक्स पर विशेष रिपोर्ट

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भारत के आर्थिक इतिहास का सबसे बड़ा कर सुधार 30 जून की आधी रात से अस्तित्व में आ जाएगा। संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल मे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी GST के लागू होने की घोषणा करेंगे और इसके साथ ही देश में ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का कानून लागू हो जाएगा। यह कुछ-कुछ वैसा ही दृश्य होगा, जैसा 14 अगस्त, 1947 की आधी रात का था… इसी रात संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अगुआई में संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था… तब ब्रिटिश झंडा और हमारी परतंत्रता का प्रतीक यूनियन जैक को नीचे लाया गया और शानदार ढंग से तिरंगा फहराया गया था। इसी केंद्रीय कक्ष में वंदे मातरम् गान के साथ आधी रात को स्वतंत्रता मिलने की विधिवत घोषणा की गई थी। यह सैकड़ों सालों की परतंत्रता से हमारी मुक्ति के अहसास का यह दृश्य था…

1997 में स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर इसी तरह आधी रात को संसद के केंद्रीय कक्ष में भव्य आयोजन हुआ था। इसके बाद यह पहला अवसर होगा, जब रात्रि में संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है।

एक बार फिर संसद के केंद्रीय कक्ष में ऐसा ही दृश्य सामने होगा… आज यानि 30 जून, 2017 को जैसे ही रात के बारह बजेंगे… संसद के केंद्रीय कक्ष में एक घंटा बजेगा… और इस घंटे की गूंज के साथ ही देश को अनगिनत टैक्स के मकड़जाल से मुक्ति मिल जाएगी।

राष्ट्रपति करेंगे जीएसटी लागू होने की घोषणा
15 अगस्त, 1947 की आधी रात को देश को मिली स्वतंत्रता से जोड़ते हुए किए जा रहे इस आयोजन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीएसटी लागू किए जाने की घोषणा करेंगे और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के भाषण के साथ ही देश ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का कंसेप्ट अपना लेगा और नयी आर्थिक आजादी का अहसास करेगा।

देश के गणमान्य रहेंगे केंद्रीय कक्ष में मौजूद
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा यहां उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन सहित लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद, लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्य और इससे जुड़े सभी लोग मौजूद रहेंगे। 2 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय इकॉनमी में बड़े टैक्स सुधार की लॉन्चिंग के इस अहम मौके का गवाह बनने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच.डी देवेगौड़ा को भी आमंत्रित किया गया गया है।

मशहूर हस्तियां रहेंगी मौजूद
महान गायिका लता मंगेशकर, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी सेंट्रल हॉल में इस ऐतिहासिक आयोजन के गवाह होंगे। इनके अतिरिक्त पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल रहीम रैदर भी इस मौके पर मौजूद होंगे। जीएसटी के पूर्व चेयरमैन सुशील कुमार मोदी, पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्रियों असीम दासगुप्ता और के.के. मणि को भी आमंत्रित किया गया है। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के साथ ही उनके पूर्ववर्ती बिमल जालान, वाईवी रेड्डी और डी. सुब्बाराव भी इस सूची में शामिल हैं।

इन दिग्गजों की रहेगी उपस्थिति
सीएजी शशि कांत शर्मा, विनोद राय, टीएन चतुर्वेदी, सीवीसी केवी चौधरी, मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया, मेट्रो मैन ई. श्रीधरन, एस. गुरुमूर्ति, एम. एस. स्वामीनाथन, यूपीएससी के चेयरमैन आर. सेमलिह और सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा जैसे कई दिग्गज इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनेंगे।

‘न्यू इंडिया’ के सपने को मिलेगा नया आधार
29 मार्च, 2017 को जब जीएसटी से जुड़े अनुपूरक विधेयक लोकसभा में पारित हुए तो पीएम मोदी ने तत्काल ही कहा, ”नया साल, नया विधेयक, नया भारत”। पीएम मोदी की ये बात इसका सबूत है कि जीएसटी कैसे पीएम मोदी के न्यू इंडिया विजन से जुड़ा हुआ है। एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर यानी GST एक सच्चाई होगी और भारत के आर्थिक आजादी की नई तस्वीर भी होगी।

वैश्विक आर्थिक मंदी से अछूता रहेगा भारत
2008 में अमेरिका की आर्थिक मंदी की याद अभी ताजा है। कैसे इस मंदी ने पूरी दुनिया को अपनी जद में ले लिया था। कुछ ऐसी ही तस्वीर फिर उभरने वाली है। लेकिन इस बार यह अमेरिका नहीं ऑस्ट्रेलिया से आने वाली है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 5 सालों में ऑस्ट्रेलियाई लोगों की सेविंग्स में आधे से ज्यादा गिरावट है और लिविंग कॉस्ट में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक संकट की आहट है, जिसका असर पूरे विश्व पर पड़ने वाला है। हालांकि भारत में इस वैश्विक मंदी का असर नहीं पड़ेगा।

कर सुधार से विकास को मिलेगी तेज रफ्तार
जहां विश्व की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कमजोरी की मार झेल रही हैं, वहीं भारत इस क्षेत्र में बुलंदियां हासिल कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का सकारात्मक और सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है। भारत तेज गति से ग्रोथ करने वाली आर्थिक शक्ति है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी माना है कि 2022 तक भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है। आईएमएफ ने साल 2017 और 2022 के लि‍ए ग्रॉस डोमेस्‍टि‍क प्रोडक्‍ट (जीएसटी) पर देशों की रैंकिंग के आधार पर आकलन किया है। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार भारत ब्रिटेन को दुनिया की पांच सबसे बड़ी इकोनॉमी से बाहर कर देगा।

जीएसटी लागू होने का पूरी दुनिया को है इंतजार
मोदी की सरकार ने कारोबार में सहूलियत के लिए अकेले सात हजार सुधार किए हैं| विदेशी निवेशक भी पूरे भारत में इस एकसमान कर प्रणाली जीएसटी के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिसके लागू होने के साथ ही देश में मौजूद केंद्र और राज्यों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगाया जाने वाला अलग-अलग कर समाप्त हो जाएगा। जिससे विदेशी कंपनियों को कारोबार में आसानी होगी।

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