Home विपक्ष विशेष गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट ना बनाएं, राहुल पर सीएम योगी का हमला

गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट ना बनाएं, राहुल पर सीएम योगी का हमला

SHARE

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को गोरखपुर दौरे पर हैं। राहुल यहां इंसेफेलाइटिस का शिकार हुए बच्चों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। राहुल गांधी के गोरखपुर दौरे से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनपर हमला बोला है। गोरखपुर में ‘स्वच्छ उत्तर प्रदेश-स्वस्थ उत्तर प्रदेश अभियान’ की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बैठा कोई युवराज उत्तर प्रदेश का दर्द नहीं जान सकता। सीएम योगी ने कहा कि वह गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनने देंगे। उन्‍होंने कहा कि पिछले 12-15 वर्षों में यहां की सरकारों ने अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार करके यूपी को बरबाद किया है। सत्ता पर काबिज लोगों ने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए यहां के बड़े-बड़े संस्थानों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। इसी के कारण आम आदमी सुविधा से वंचित रह गया। पूर्वी उत्तर भारत में स्वच्छ भारत अभियान इंसेफेलाइटिस से हो रही मौतों को रोकने का एक माध्यम है।

कितने गंभीर हैं राहुल!?
सीएम योगी ने साफ कहा कि वो गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनाने देंगे। राहुल गांधी राजनीति और देश के विकास को लेकर कितने गंभीर है यह उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में लगे उनकी गुमशुदगी के पोस्टर को देखकर लगाया जा सकता है। कहा जाता है कि गांधी परिवार की ये आदत रही है कि वो अपने क्षेत्र पर तभी ध्यान देते हैं जब चुनाव आने वाला होता है। जीत मिलने के बाद फिर उस क्षेत्र को उतना तवज्जों नहीं देते, जितना की वहां की जनता की अपेक्षा रहती है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष पर आरोप है कि वो पिछले 6 महीने से अमेठी नहीं गये हैं। शायद यही कारण है कि वहां की जनता ने गौरीगंज में उनके लापता होने का ये पोस्टर लगा दिया। पोस्टर पर स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है-

“अमेठी के माननीय सांसद राहुल गांधी अमेठी से लापता हैं। जिसके कारण सांसद द्वारा कराये जाने वाले विकास कार्य इनके कार्यकाल में ठप हैं। इनके व्यवहार से आम जनता ठगा व अपमानित महसूस कर रही है। अमेठी में इनकी जानकारी देने वाले को उचित पुरस्कार दिया जाएगा।” निवेदक- अमेठी की जनता।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर ये आरोप लगते रहे हैं कि जब भी पार्टी को उनकी ज्यादा जरूरत होती है, वो विदेश यात्राओं पर निकल जाते हैं। कभी वो नानी से मिलने इटली चले जाते हैं, तो कभी मानसिक तनाव एवं थकान मिटाने के लिये बैंकॉक और म्यांमार की यात्रा पर निकल जाते हैं। यही नहीं हो बीच-बीच में वो लंदन-न्यूयॉर्क की यात्राओं पर भी गुपचुप तरीके से निकलते रहते हैं।

राहुल के लिये विदेश यात्रा से बढ़कर कुछ भी नहीं
राहुल गांधी पर आरोप लगते रहे हैं कि वो हर अहम मौकों पर पार्टी को बीच मझधार में छोड़कर विदेश भाग जाते हैं। हाल ही में इसका उदाहरण तब भी देखने को मिला जब राष्ट्रपति चुनाव के लिये रणनीति बनानी थी लेकिन, वो अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ कर कहीं चले गये थे। हालांकि जब भी उनकी ऐसी हरकतों पर सवाल उठने लगते हैं, तो उनकी पार्टी उनका बचाव करने लगती है। पिछले जून में सहारनपुर और मंदसौर पर सियासी नौटंकी करने के बाद वो अचानक इटली चले गये और कहा कि नानी से मिलने जा रहे हैं। 

60 दिन की लंबी गुपचुप विदेश यात्रा
राहुल की सबसे चर्चित छुट्टी फरवरी, 2015 की थी, जब वो अचानक देश से बाहर चले गए थे और 60 दिन बाद दिल्ली लौटे। बाद में पता चला कि वह बैंकॉक और म्यांमार घूमने गये थे। कहा गया कि मानसिक तनाव से मुक्ति के लिये उन्होंने इन देशों की यात्राएं की हैं। तब का उनका यात्रा विवरण भी दिलचस्प है-

• 16 फरवरी को दिल्ली से बैंकॉक के लिए उड़ान भरा
• 17 फरवरी को बैंकॉक से कंबोडिया गये और वहां 11 दिनों तक ठहरे
• 28 फरवरी को वापस बैंकॉक आ गए
• अगले दिन म्यांमार पहुंच गये और वहां लगातार 21 दिनों तक विश्राम किया
• 22 मार्च को वापस थाइलैंड पहुंचे और अयुथ्या बौद्ध केन्द्र में 9 दिन रहे
• 31 मार्च को वियतनाम पहुंचे और 12 अप्रैल तक वहीं ठहरे
• 12 अप्रैल को एक बार फिर बैंकॉक पहुंच गये और 16 अप्रैल तक वहीं आराम किया। फिर वापस दिल्ली लौट आये।

अचानक विदेश जाने का क्या है राज ?
दिसंबर, 2016 में जब कांग्रेस नोटबंदी के विरोध में कार्यक्रम तैयार कर रही थी, ठीक उसी समय वो विदेश चले गये। तब पार्टी 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की भी तैयारी कर रही थी, लेकिन यूपी की खाट सभा छोड़कर राहुल लंदन में मस्ती कर रहे थे। यही नहीं 2015 में बिहार चुनाव के ठीक पहले भी वो इसी तरह अचानक फ्रांस चले गये थे। इससे पहले नवंबर, 2014 में भी वो अचानक गायब हो गये थे। जब उनके अचानक गायब होने का सवाल संसद में उठा तो कांग्रेस ने अमेरिका के एक सेमिनार की फोटो जारी की। राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम आने के ठीक पहले भी गुप्त स्थान पर छुट्टियां मनाने चले गये थे। तब एक खुली जीप पर घूमते राहुल की फोटो सामने आई थी और बताया गया कि वह रणथंभौर नेशनल पार्क की तस्वीर है। जून, 2013 में जब उत्तराखंड बाढ़ और भू-स्खलन की भारी तबाही झेल रहा था तब भी राहुल विदेशों में आराम फरमा रहे थे। उस समय वहां कांग्रेस की ही सरकार थी। 2012 में हद तब हो गई थी जब वे नये साल की छुट्टियां मनाने फ्रांस चले गए और एक फोटो में एक युवती के साथ दिखाई दिये।

Leave a Reply