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प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेसी और वामपंथी इकोसिस्टम ने कैसे फैलाईं झूठी खबरें

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इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में पहले के चुनावों से अलग साबित हुआ है। इस चुनाव में सबसे अधिक मतदाताओं ने मतदान किया और इस चुनाव में देश की सबसे पुरानी और दशकों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस पार्टी अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष करती नजर आई। पार्टी ने सत्ता के दौरान जिस वामपंथ और कांग्रेस के मिले-जुले वैचारिक इकोसिस्टम को पोषित किया था, वही इकोसिस्टम इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए उठ खड़ा हुआ। इकोसिस्टम से जुड़े पत्रकार, साहित्यकार, कलाकार, समाजसेवी, देशी-विदेशी मीडिया संस्थान सब मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ खड़े हो गए।

‘TIME’ मैगजीन ने एक पाकिस्तानी लेखक से लेख लिखवाया-

चुनाव के दौरान TIME मैगजीन के इस अंक में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर दो लेख प्रकाशित किए गए। लेकिन TIME मैगजीन के संपादकीय मंडल के प्रधानमंत्री मोदी के विरोध के रुख का पता इस बात से चल जाता है कि पाकिस्तानी लेखक आतीश तासीर के लेख India’s Divider in Chief को प्रमुखता दी (जैसा कि मैगजीन के कवर पेज पर दिख रहा है), जबकि एक अन्य लेख -Modi the reformer को ऐसा हल्के रंग और छोटे फॉन्ट में लिखा कि किसी पढ़ने वाले को यह पहली नजर में दिखाई ही न दे। सिर्फ और सिर्फ India’s Divider in Chief पर ही नजर पड़े और उसका अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो।

EVM को लेकर कांग्रेस-वामपंथ इकोसिस्टम ने जमकर फैलाई अफवाह

19 मई की शाम को चैनलों पर Exit Poll में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता देखकर, कांग्रेस-वामपंथ इकोसिस्टम के पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी। पूरे चुनाव के दौरान जहां EVM को लेकर कोई आरोप नहीं लगाए गए थे, वहीं Exit Poll के आते ही राहुल गांधी ने EVM पर सवाल खड़े करते हुए पहला Tweet किया-इसके बाद तो इकोसिस्टम के सारे पत्रकार ही इस झूठ को फैलाने में शामिल हो गए।

राजदीप सरदेसाई @sardesairajdeep ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को संप्रदायिकता का रंग दिया

इस लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ-साथ वायनाड से भी चुनाव लड़ा, क्योंकि उनको अमेठी में भाजपा की उम्मीदवार स्मृति इरानी से हार जाने का डर था। राहुल गांधी के इसी डर पर हमला करते हुए वर्धा की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने शांति प्रिय जनता के लिए हिन्दू आतंकवाद का शब्द गढ़ा, वे ही आज हिन्दू बाहुल्य अमेठी से भागकर वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां हिन्दू अल्पमत में हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के इस बयान को राजदीप ने सांप्रदायिकता का रंग देते हुए हिन्दू बनाम मुसलमान बना दिया।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा श्रीरामपुर में दिए गये बयान को तोड़ मरोड़ कर झूठ फैलाना

29 अप्रैल को श्रीरामपुर, पश्चिम बंगाल की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की तानाशाही पर हमला बोलते हुए कहा था कि “दीदी 23 मई को जब परिणाम आयेंगे तो हर जगह कमल खिलेगा और आपके विधायक आपका साथ छोड़ देंगे, और दीदी आज भी आपके 40 विधायक मेरे साथ हैं।” प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान को ANI ने भी अपने ट्वीट में बताया था।

लेकिन कांग्रेस और वामपंथ इकोसिस्टम के पत्रकारों ने प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान को तोड़-मरोड़ कर इस तरह झूठ फैलाया-

प्रधानमंत्री मोदी के New India को हिन्दू आतंकवाद से जोड़ने की झूठी खबर

30 अप्रैल को Indian Express ने यासीन भटकल को पुणे कोर्ट में पेश किए जाने की खबर के साथ ही साध्वी प्रज्ञा और उमा भारती की केसरिया रंग की तस्वीर को प्रकाशित किया। लेकिन इस खबर को कांग्रेस-वामपंथ इकोसिस्टम की पहरेदार पत्रकार राणा अयूब ने एक अलग ही ढंग से पेश कर दिया। पत्रकार ने अपने ट्वीट में लिखा-यह है New India की कहानी जिसमें दो कथित आतंकवादी हैं। इस तरह साध्वी प्रज्ञा को खूंखार आतंकवादी य़ासीन भटकल से तुलना करने में कोई परेहज नहीं किया, साथ ही साथ प्रधानमंत्री मोदी के New India पर भी तंज कसा।

मुख्यमंत्री कमलनाथ के बचाव के लिए Indian Express ने मोदी सरकार पर हमला बोला

लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के घरों पर छापा मारा। दिल्ली और भोपाल के साथ-साथ देश के कई स्थानों पर मारे गए इस छापे के दौरान 281 करोड़ की अघोषित संपत्ति बरामद हुई। 

लेकिन Indian Express ने इस खबर को तोड़-मरोड़ कर इस तरह से प्रकाशित किया, जिससे लगे कि प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी भाजपा को इसके बारे में सब पता था और उसने चुनावों के लिए ऐसा करवाया है।

 

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