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मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स छूट से बाजार में आई रौनक, फेस्टिव सीजन में लाखों लोगों को मिला रोजगार

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अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार ने हाल में कई सूत्री राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसमें मुख्य था कॉरपोरेट कर में छूट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉरपोरेट टैक्‍स में इस छूट को ‘ऐतिहासिक कदम’ करार देते हुए कहा था कि इससे ‘मेक इन इंडिया’ में बड़ा उछाल आने के साथ ही निवेश भी आकर्षित होगा। निजी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी एवं रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पीएम मोदी की यह उम्मीद सही साबित हो रही है। इस टैक्स छूट से बाजार में आई बहार के बाद रोजगार क्षेत्र से भी एक राहत भरी खबर आई है। ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों की फेस्टिव सीजन की सेल शुरू होने जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस सेल से पहले ही करीब 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

ई-कॉमर्स सेक्टर की दो दिग्गज कंपनी अमेजन इंडिया और फ्लिपकार्ट का कहना है कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए टैक्स छूट की जो डोज दी, उसका असर दिखाई देने लेगा है। लोगों की जेब में पैसा आएगा और वे इस त्योहारी सीजन में खुलकर खरीदारी करेंगे। इस उम्मीद से दोनों कंपनियों ने अपनी त्योहारी सेल पर कुल मिला कर लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। अमेजन की ‘ग्रेट इंडियन फेस्टिवल’ और फ्लिपकार्ट की ‘बिग बिलियन डेज’ 29 सितंबर से शुरू होकर चार अक्टूबर तक चलेगी।

ई-वाणिज्य कंपनी ऐमजॉन इंडिया ने फेस्टिव सीजन में अपने आपूर्ति केंद्रों, सामान को छांटने वाले केंद्रों, डिलीवरी केंद्रों और सहयोगी नेटवर्क एवं ग्राहक देखभाल सेवा क्षेत्र में 90,000 लोगों को अस्थायी रोजगार उपलब्ध कराया है। इसका मकसद ग्राहकों को सामान की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित करना है। ऐमजॉन कंपनी ने एक बयान में कहा कि इससे आने वाले त्योहारी सीजन में कंपनी की डिलीवरी क्षमता को समर्थन मिलेगा। वहीं ग्राहकों का अनुभव भी बेहतर होगा। ऐमजॉन ने अपने मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नै, बेंगलुरु, अहमदाबाद और पुणे समेत अन्य शहरों में यह रोजगार अवसर सृजित किए हैं। ऐमजॉन ने कहा कि इनके अलावा हजारों और अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित हुए हैं। इसमें ट्रक से सामान पहुंचाने वाले, पैकिंग करने वाले, साफ-सफाई की एजेंसिया इत्यादि सहयोगियों को भी रोजगार मिला है।

वहीं, वालमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट ने भी अपने आपूर्ति केंद्रों, लॉजिस्टिक और ग्राहक सहयोग सेवा क्षेत्र में 50,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष नौकरियां दी है। फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा कि उसे उम्मीद है कि उसके बिग बिलियन डेज सेल में विक्रेता नेटवर्क के जरिए पिछले साल सृजित अप्रत्यक्ष रोजगार में इस साल 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी।

अमेजन इंडिया के उपाध्यक्ष (ग्राहक आपूर्ति) अखिल सक्सेना ने कहा कि इस साल हमने पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुनी संख्या में त्योहारी नौकरियों के अवसर सृजित किए हैं। इससे आने वाले त्योहारी सीजन में कंपनी की डिलीवरी क्षमता को समर्थन मिलेगा और ग्राहकों का अनुभव भी बेहतर होगा। वहीं, फ्लिपकार्ट समूह के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि सरकार के राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के अनुसार ही नौकरियां दी गई हैं। इससे स्थानीय रोजगार एवं अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर-

हेल्थकेयर सेक्टर में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि भारत में हेल्थकेयर क्षेत्र में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां पैदा होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग 2022 तक 3 गुना बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरणों का बाजार 2025 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल भारत दुनिया के शीर्ष 20 चिकित्सा उपकरणों के बाजार में शामिल है। जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरणों का बाजार है। साफ है कारोबार और बाजार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेंगे।

एग्रीटेक सेक्टर्स में मिलेंगे 90 लाख जॉब्स
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर 90 लाख लोगों को रोजगार देगा। देश में एग्रीटेक सेक्टर काफी तेजी से विकास कर रहा है। इस सेक्टर में 450 स्टार्टअप हैं। दुनिया का हर 9वां एग्रीटेक स्टार्टअप भारत से उभर रहा है। आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में एग्रीटेक स्टार्टअप की सालाना ग्रोथ रेट 25% है। एग्रीटेक स्टार्पअप को इस साल की पहली छमाही में मिली फंडिंग पिछले साल की पहली छमाही के मुकाबले 300% ज्यादा है।नैसकॉम के मुताबिक, एग्रीटेक कंपनियों को जून 2019 तक 248 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली जो 2018 में सिर्फ 73 मिलियन डॉलर थी। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत शीर्ष 5 देशों में है। पिछले 5 साल में 5 ग्लोबल एग्रीटेक कंपनियों ने भारत में बिजनेस शुरू किया है। इससे युवाओं के पास रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर में 90 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

आईटी उद्योग में रिकॉर्ड संख्या में कर्मचारियों की भर्ती
मोदी सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मोर्चे पर गंभीरता से काम किया है। लगभग सभी सेक्टरों में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरियां मिल रही हैं। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड संख्या में भर्तियां की गई हैं। अप्रैल से जून की तिमाही में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में रिकॉर्ड 85,000 नई नौकरियां दी गई हैं। पिछले छह साल में यह आईटी इंडस्ट्री द्वारा किसी एक तिमाही में दी गई सबसे ज्यादा नौकरियां हैं। इक्विटी रिसर्च फर्म सीएलएसए की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, अमेरिका में एच-1बी वीजा नियमों में सख्ती की वजह से अब आईटी कंपनियां घरेलू दफ्तरों में भर्ती बढ़ाने को मजबूर हुई हैं। जानकारों का कहना है कि आईटी कंपनियों को आगे मांग काफी मजबूत रहने की उम्मीद है, इसलिए वे भर्ती में तेजी ला रही हैं। ऑनसाइट लोकेशन यानी कंपनी के अपने दफ्तरों और इन-हाउस प्रोजेक्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती बड़ी संख्या में हुई है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने करीब 12,356 कर्मचारियों की भर्ती की है, जो पिछले पांच साल में किसी एक तिमाही में कंपनी द्वारा की गई सबसे ज्यादा भर्ती है। इसी प्रकार, विप्रो ने पहली तिमाही में 3425, नोएडा स्थित कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 5935 और इन्फोसिस ने करीब 8000 लोगों को नौकरियां दी हैं।

जून में 12.19 लाख लोगों को मिली नौकरी
इस साल जून महीने में 12.19 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के वेतन भुगतान से जुड़े आंकड़ों से यह पता चलता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार ESIC से 2018-19 में 1.49 करोड़ नये अंशधारक जुड़े। NSO की यह रिपोर्ट ESIC, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ने वाले नए अंशधारकों के आंकड़ों पर आधारित है।

पीएमकेवीवाई के तहत 52.12 लाख लोगों को मिला रोजगार
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के अनुसार 52.12 लाख लोगों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत रोजगार मिला है। कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री आरके सिंह लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 12 जून 12 जून 2019 तक लगभग 52.12 लाख लोगों को रोजगार मिला है। एमएसडीई सहित लगभग 20 केंद्रीय मंत्रालय स्किल इंडिया के तहत 40 से अधिक योजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल हैं। पीएमकेवीवाई के शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग (एसटीटी) के तहत प्रमाणित उम्मीदवारों की संख्या 21.97 लाख है

स्किल डेवलपमेंट के तहत हर साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण 
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए पूरे देश में 13,000 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। इन केंद्रों से प्रत्येक साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि खुद रोजगार पाने के साथ ही दूसरे को भी रोजगार दे सके। 

पिछले दो साल में 3.81 लाख नई सरकारी नौकरियां
केंद्र सरकार का कहना है कि उसके विभिन्न संगठनों में पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान 3.81 लाख से अधिक रोजगार दिए गए। बजट 2019-20 के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च, 2017 तक विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई। इस तरह दो साल के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसरों में 3,81,199 का इजाफा हुआ।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बन रहे हैं युवा
प्रधानमंत्रीमोदी द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2015-16 से अब तक अपना कारोबार शुरू करने के लिए 18.87 करोड़ से ज्यादा लोगों को बिना गारंटी का ऋण दिया गया है। इस योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, यानि महिलाओं की आर्थिक उन्नति में भी यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। मुद्रा लोन लेने वाले 18.7 करोड़ लोगों में से 3 करोड़ लोगों ने भी अगर एक व्यक्ति को रोजगार दिया तो सीधे तौर पर छह करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलता है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान योजना देगी 10 लाख रोजगार
पीएम नरेन्द्र मोदी की दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना से अब रोजगार भी मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से पांच साल में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी सरकार अब सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात करेगी, इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुष्मान मित्रों को हर लाभार्थी पर 50 रुपए का इंसेंटिव भी मिलेगा। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे अन्य पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। इस योजना से देशभर के 20 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।

एमएसएमई क्षेत्र में एक करोड़ रोजगार के अवसर
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है। 

मोदी राज में पर्यटन के क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार देने वाला देश है भारत
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कन्नमथानम ने बताया कि भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है। जिन लोगों को रोजगार मिला है, उनमें ज्यादातर गरीब हैं। अल्फोंस ने कहा कि भारत में करीब 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है। विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोप, चीन सहित देशों में कई अभियान चलाए हैं, जिससे भारत विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।

‘मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार 
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

 

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