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इंडियन एक्सप्रेस ने शुरू की तस्वीरों के जरिये ओछी पत्रकारिता

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कभी अपनी संजीदगी और गंभीरता के लिए जाना जाने वाला ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार अब ‘इडियट एक्सप्रेस’ बनता जा रहा है। ऐसा लगता है मानो अपनी टैगलाइन के अनुरूप ‘JOURNALISM OF COURAGE?’ फूहड़ तस्वीरों के जरिये दिखाने की कोशिश हो रही है। आजकल जिस तरह के तस्वीरों को फ्रंट पेज पर स्पेस दी जा रही है, वो बेहद गंभीर है और पत्रकारिता के मापदंड पर सवालिया निशान खड़े करता है। हमने इंडियन एक्सप्रेस में पिछले कुछ समय में छपी विवादास्पद तस्वीरों की पड़ताल की।

तस्वीर से फूट डालने की कोशिश?
19 जुलाई, 2017 को इंडियन एक्सप्रेस में छपी सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और राज्यवर्धन राठौर की ये तस्वीर ही देख लीजिए। मौका था स्मृति ईरानी के सूचना प्रसारण मंत्रालय में कार्यभार संभालने का। लेकिन तस्वीर ऐसी लगाई गई है मानो सरकार के मंत्रियों में आपस में ठनी हुई है

मुख्य पृष्ठ, इंडियन एक्सप्रेस (19/07/2017)

प्रधानमंत्री मोदी की फूहड़ तस्वीर छापी
17 जुलाई, 2017 को इंडियन एक्सप्रेस ने फ्रंट पेज पर ये तस्वीर प्रकाशित की। मौका मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले ऑल पार्टी मीटिंग का था। इस दौरान प्रधानमंत्री बाकी नेताओं के साथ थे। इस मौके की कई अच्छी तस्वीर ली गई होगी, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस ने जो तस्वीर छापी, वो किसी की भी समझ से परे है। आखिर एक गलत ऐंगल से ली गई इस फूहड़ तस्वीर को प्रकाशित करके इंडियन एक्सप्रेस क्या हासिल करना चाहता है? कम से कम प्रधानमंत्री के पद की गरीमा का तो ख्याल रखना चाहिए था।

मुख्य पृष्ठ, इंडियन एक्सप्रेस (17/07/2017)

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गलत छवि पेश की
6 सितंबर, 2016 को इंडियन एक्सप्रेस ने जी-20 सम्मेलन की प्रधानमंत्री मोदी की एक बेहद आपत्तिजनक तस्वीर छापी। इस तस्वीर में पीएम मोदी ओबामा के पीछे चल रहे है और उन्हें उंगली दिखा रहे हैं। ऐसा लगता है मानो इंडियन एक्सप्रेस शरारत करते हुए जान बूझकर गलत एंगल से ली गई तस्वीरें पेश करने की कोशिश करता है।

इंडियन एक्सप्रेस (07/09/2016)

आपत्तिजनक कमेंट और तस्वीर
7 सितंबर, 2016 को छपी जी-20 की ये तस्वीर देखिये। अखबार ने सभी अच्छी फोटो को दरकिनार करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी की कैमरे को देखते हुए एक अजीब तस्वीर छाप दी। इस तस्वीर के साथ लिखा गया कमेंट और भी आपत्तिजनक है।

इंडियन एक्सप्रेस (07/09/2016)

तस्वीर के जरिये विवाद पैदा करने की कोशिश
24 सितंबर, 2016 को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की बुक रिलीज का मौका था। प्रधानमंत्री मोदी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। अखबार ने प्रधानमंत्री मोदी की ऐसी तस्वीर प्रकाशित की, मानो वो कार्यक्रम में नाराज बैठे हों।

इंडियन एक्सप्रेस (24/09/2016)

समझ से परे अटपटी तस्वीर
17 मई, 2016 को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा सचिव एस्टन कार्टर ने मुलाकात की। लेकिन उनकी कुछ अच्छी तस्वीरों को छोड़कर एक अटपटी सी तस्वीर छाप दी।

इंडियन एक्सप्रेस (17/05/2016)

पत्रकारिता की मर्यादा को तार-तार करते हुए इन फूहड़ तस्वीरों को प्रकाशित करने की इंडियन एक्सप्रेस की फेहरिस्त काफी लंबी है। सवाल ये है कि क्या इन तस्वीरों के जरिये इंडियन एक्सप्रेस अपनी गंभीरता को खत्म नहीं करता जा रहा है?

 

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