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लोकसभा में हो रहा है रिकॉर्डतोड़ काम, पिछले 20 सालों के मुकाबले कामकाज में टॉप रहा पहला सत्र

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार दिन-रात जनता की भलाई के लिए काम में जुटी हुई है। मोदी सरकार पार्ट-2 ने तो कामकाज के सभी रिकॉर्ड़ तोड़ दिए हैं। 30 मई को शपथ लेने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्री कामकाज में जुट गए। बिना आराम के सभी मंत्री और अधिकारी देशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने में लगे हैं।

मोदी सरकार की इसी मुस्तैदी का नजारा लोकसभा में भी नजर आ रहा है। पिछले बीस वर्षों की तुलना में 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सबसे अधिक उत्पादक रहा है, यानी इस सत्र में पहले के मुकाबले सबसे अधिक काम हुआ है। अब मोदी सरकार इस सत्र की कुछ और बैठकें बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हुई भाजपा की संसदीय दल की बैठक में दिए। कई विधेयक अभी भी लंबित हैं और सरकार अलग मानसून सत्र बुलाने के बजाय इस सत्र को ही बढ़ाकर लंबित कई कानूनों को पास करना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक मौजूद सत्र के बाद अब अगला सत्र शीतकालीन सत्र ही होगा।

पीआरएस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार 16 जुलाई तक लोकसभा की उत्पादकता 128% है, जो पिछले 20 वर्षों में किसी भी सत्र के लिए सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरे स्थान पर 2016 में बजट सत्र और 2014 में शीतकालीन सत्र की उत्पादकता लगभग 125% थी। 11 जुलाई को, लोकसभा की उत्पादकता सबसे अधिक थी क्योंकि सदन ने आधी रात तक रेल मंत्रालय के लिए अनुदान की मांग पर चर्चा की।

मंगलवार को भी, लोकसभा ने आधी रात तक कार्य किया। सदन के निरंतर कामकाज के बावजूद, पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सत्र को कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जाएगा क्योंकि कारोबार पूरा होना चाहिए। इसके अलावा, अगले सत्र से पहले 4-5 महीने का अंतर होगा और सरकार कई प्रमुख विधानों को लंबित नहीं रखना चाहती है।अब तक, सत्र में कम से कम आठ बिल पारित हो चुके हैं।

लोकसभा ने बनाया इतिहास, पिछले 20 साल में पहली बार आधी रात तक चली बहस
लोकसभा में गुरुवार 11 जुलाई, 2019 की तारीख संसदीय इतिहास में दर्ज हो गई। पिछले 20 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा में देर रात तक चर्चा हुई। रेलवे की अनुदान मांगों पर चर्चा रात में करीब 12 बजे तक चली। इस चर्चा के दौरान विपक्ष के संसद सदस्य भी मौजूद रहे। 11 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही लगातार 13 घंटे तक मध्यरात्रि 11 बजकर 59 मिनट तक चली।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की पहल पर सभी दलों ने तय किया कि एक ही दिन की सिटिंग में आम बजट में रेलवे मंत्रालय से जुड़ी अनुदान मांगों पर चर्चा पूरी कर ली जाए। ये भी तय किया गया कि चर्चा में ज्यादा से ज्यादा सांसदों को बोलने का मौका दिया जाए। कोशिश की जाए कि पहली बार आए सांसदों को प्राथमिकता दी जाए। 

  • इसके पहले वर्ष 1998 में 8 जून को शुरू हुई संसद की कार्यवाही दूसरे दिन सुबह 6:40 बजे तक चली थी। उस समय नीतीश कुमार रेल मंत्री और जीएमसी बालयोगी लोकसभा के स्पीकर थे।
  • इससे पहले 1996 में जब एचडी देवगौड़ा की सरकार में रामविलास पासवान रेल मंत्री थे, उस समय 26 जुलाई को 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही 27 जुलाई की सुबह सवा सात बजे तक लगातार 20 घंटे चली थी। इस दौरान 111 सदस्यों ने अपनी बात रखी थी।

देर रात तक सदन की हुई बैठक

  • 09 जुलाई 2019- लोकसभा में बजट पर चर्चा के लिए देर रात तक कार्यवाही चली।
  • 20 जुलाई 2018- मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा रात 11.15 तक चली।
  • 29 दिसम्बर 2011- लोकपाल और लोकायुक्त बिल, 2011 के लिए मध्यरात्रि तक चली राज्यसभा की कार्यवाही।

मध्यरात्रि में सदन की बैठक

  • 14-15 अगस्त 1947- देश को स्वतंत्रता मिलने पर।
  • 14-15 अगस्त 1972- स्वतंत्रता की 25 वीं वर्षगांठ।
  • 14-15 अगस्त 1997- स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ।
  • 30 जून-01 जुलाई 2017-जीएसटी को लागू करने के लिए।

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