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जनमानस के साथ ‘मन की बात’ शत-प्रतिशत अटूट रिश्ते से बंध चुकी है- पीएम मोदी

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‘मन की बात’के 37वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्व-त्योहार से लेकर मानव जीवन के विभिन्न विषयों पर विस्तार से बात की है। उन्होंने सरदार पटेल की जयंती और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। इस अवसर पर उन्होंने ‘मन की बात’ के माध्यम से खादी की बढ़ती लोकप्रियता पर बहुत ही प्रसन्नता और संतोष जाहिर किया है। पीएम मोदी ने इस बात पर भी बहुत खुशी जताई है कि तीन वर्ष के प्रसारण के बाद ‘मन की बात’ आम जनता से पूरी तरह जुड़ चुका है। उन्होंने कहा, “‘मन की बात’ की सराहना भी होती रही है, आलोचना भी होती रही है। लेकिन जब कभी मैं ‘मन की बात’ के प्रभाव की ओर देखता हूं तो मेरा विश्वास दृढ़ हो जाता है कि इस देश के जनमानस के साथ ‘मन की बात’ शत-प्रतिशत अटूट रिश्ते से बंध चुकी है।”

धनतेरस पर खादी की रिकॉर्ड खरीदारी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के प्रभाव की बात करते हुए हैंडलूम और खादी की बिक्री में हुए रिकॉर्ड इजाफे की बात कही है। उन्होंने गांधी जयंती पर हमेशा हैंडलूम और खादी की वकालत की है और इसका परिणाम ये हुआ है कि लोगों ने इसे बढ़-चढ़कर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले धनतेरस के दिन अकेले दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन स्टोर में लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपये के खादी के कपड़ों की लोगों ने खरीदारी की है। एक ही स्टोर में एक दिन में इतनी बिक्री अपने आप में बहुत ही उत्साहवर्धक बात है। यही नहीं पीएम मोदी के अनुसार दिवाली के दौरान खादी गिफ्ट कूपन की बिक्री में करीब-करीब 680 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। खादी और हैंडीक्राफ्ट की कुल बिक्री में भी पिछले वर्ष से, इस वर्ष लगभग 90 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है। इसके चलते खादी उत्पादन से जुड़े गरीबों का बहुत कल्याण हो रहा है। पीएम के शब्दों में, “पहले खादी, ‘Khadi for Nation’ था और हमने ‘Khadi for Fashion’ की बात कही थी, लेकिन पिछले कुछ समय से मैं अनुभव से कह सकता हूं कि Khadi for Nation और Khadi for Fashion के बाद अब, Khadi for Transformtion की जगह ले रहा है।”

जब अवसर मिले जवानों की गौरवगाथा सुनें- पीएम मोदी
अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने धनतेरस-दिवाली और छठ पूजा से लेकर आने वाले गुरुनानक जयंती पर भी विस्तार से बात की है। आस्था के महापर्व छठ पूजा के माहात्म से कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने इससे जुड़ी महिमा पर विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया तो उगने वालों की पूजा में लगी रहती है, लेकिन ये ऐसा पावन-पर्व है जो पहले डूबते सूरज की पूजा का संस्कार देता है। पीएम ने कहा कि, “छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं , तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंदमूल, इनकी पूजन-विधि से जुड़ी अभिन्न सामग्रियां हैं।” पीएम ने ये भी कहा कि, “सूर्य वंदना या छठ-पूजा – पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व है। हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समाई हुई है। ” इस अवसर पर पीएम मोदी ने दिवाली के मौके पर कश्मीर के गुरेज सेक्टर में जवानों के साथ बितायी गई दिवाली के बारे में दिल की गहराइयों से बात की। उन्होंने देश की जनता का आह्वान किया कि, “जहां हमें अवसर मिले, जब हमें मौका मिले – हमारे जवानों के अनुभव जानने चाहिए, उनकी गौरवगाथा सुननी चाहिए।”

गुरु नानक देव जी जगत गुरु हैं- पीएम मोदी
आने वाले 4 नवंबर को गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों से गुरु नानक देव जी के संदेश और शिक्षा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि उन्होंने सिर्फ संदेश ही नहीं दिया बल्कि अपने कर्मों से उसे करके भी दिखाया। पीएम मोदी ने कहा कि, “गुरु नानक देव जी, सिखों के पहले गुरु ही नहीं बल्कि जगत गुरु हैं। उन्होंने पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचा, उन्होंने सभी जातियों को एक समान बताया और महिला सशक्तिकरण एवं नारी सम्मान पर जोर दिया था। उन्होंने सच्ची मानवता का सन्देश दिया, लोगों से संवाद किया, उन्हें सच्चाई, त्याग और कर्म-निष्ठा का मार्ग दिखाया और अपने संदेशों को बातों से ही नहीं, अपने कर्म से करके दिखाया।”

कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने आधुनिक अखण्ड भारत की नींव रखने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशेषताओं पर भी विस्तार से बात की। पीएम ने कहा कि, “सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशेषता ये थी कि वे न सिर्फ परिवर्तनकारी विचार देते थे, बल्कि वे, इसको कर दिखाने के लिए जटिल-से-जटिल समस्या का व्यावहारिक हल ढूंढने में भी काबिल थे। विचार को साकार करने में उन्हें महारत प्राप्त थी। देश को एक अखण्ड राष्ट्र का स्वरूप देने में उनका योगदान अतुलनीय है।” इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों का आह्वान किया कि सरदार पटेल की जयंती यानी 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’के दिन ‘Run for Unity’ के सद्भावना उत्सव में उत्साहपूर्वक शामिल हों।

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