लोकसभा में शुक्रवार को 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान वर्ष में 3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना को हासिल करने के रास्ते पर है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 55 वर्ष लगे और पिछले 5 वर्ष में करीब 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने के लिए सरकार ने एक ट्रिलियन डॉलर जोड़े हैं। भारत अब विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि 5 वर्ष पूर्व यह 11वें स्थान पर थी।
अपने बजट भाषण की उत्साह के साथ शुरूआत करते हुए वित्त मंत्री ने हाल ही में संपन्न आम चुनाव को उज्ज्वल और स्थिर नये भारत के लिए नागरिकों की आशा और आकांक्षा जागृत करने का चुनाव बताया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव काम करने वाली सरकार को उनकी मंजूरी की मुहर है, एक ऐसी सरकार जो अंतिम मील तक लाभ पहुंचाना चाहती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014-19 के बीच सरकार ने नयी स्फूर्ति के साथ केन्द्र-राज्य संबंध, सहकारी संघवाद, जीएसटी परिषद, वित्तीय अनुशासन के लिए मजबूत प्रतिबद्धता और नीति आयोग से नियोजित तथा सहायता प्राप्त नया भारत दिया। पिछले 5 वर्षों में सरकार ने अनेक बड़े सुधार शुरू किए। खासतौर से अप्रत्यक्ष कराधान, दिवालियापन, रियल एस्टेट के क्षेत्र में और जो लोग सामाजिक क्षेत्र में हैं वे जन सामान्य के जीवन में सुधार ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के सुदूरवर्ती इलाकों के अज्ञात नागरिकों तक अंतिम मील तक लाभ पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। सरकार ने अपने कार्यों से ‘सुधार, कार्य निष्पादन, बदलाव’ के सिद्धांत को साबित कर दिया है।
अगले दशक में भारत की परिकल्पना के लिए गति तय करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रमुख कार्यक्रम और सेवाएं जिनकी शुरूआत पिछले 5 वर्षों के दौरान की गई और उन्हें सौंपा गया, उनमें और तेजी लाई जाएगी। सरकार की प्रक्रियाओं को सरल बनाने, कामकाज के लिए प्रोत्साहन देने, लाल फीताशाही को कम करने और प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करने की योजना है, ताकि आवश्यक लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। नीतिगत निष्क्रियता और लाइसेंस कोटा नियंत्रण राज के दिन अब लद चुके हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में भारत के निजी उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है, उन्होंने कहा कि ये भारत के रोजगार सृजक और पूंजी लाने वाले हैं।
वित्त मंत्री ने मोदी सरकार की ‘दशक की परिकल्पना’ के 10 बिन्दुओं को रखा:
1. वास्तविक और सामाजिक बुनियादी ढांचा तैयार करना;
2. डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुंचाना;
3. हरी-भरी धरती और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्त भारत;
4. विशेषकर एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, रक्षा निर्माण, वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्रों और बैटरियों तथा चिकित्सा उपकरणों के साथ मेक इन इंडिया;
5. जल, जल प्रबंधन, स्वच्छ नदियां;
6. नीली अर्थव्यवस्था;
7. अंतरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान, चन्द्रयान और उपग्रह कार्यक्रम;
8. खाद्यान्नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों में आत्मनिर्भरता और निर्यात;
9. स्वस्थ समाज- आयुष्मान भारत, अच्छी तरह से पोषित महिला और बच्चा। नागरिकों की सुरक्षा;
10. जन भागीदारी के साथ टीम इंडिया। न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन।
वित्त मंत्री ने इसके लिए निवेश चालित विकास के मॉडल पर जोर दिया, ताकि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को पहचानती है कि निवेश चालित विकास के लिए कम लागत की पूंजी तक पहुंचना आवश्यक है। यह अनुमान लगाया गया है कि भारत को हर वर्ष औसतन 20 लाख करोड़ रुपए (एक वर्ष में 300 अरब अमरीकी डॉलर) के निवेश की आवश्यकता होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह भी अनुमान लगाया गया है कि रेलवे के बुनियादी ढांचे के लिए 2018-2030 के बीच 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। उन्होंने तेजी से विकास और परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का इस्तेमाल करने तथा राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड, गैस ग्रिड, जल ग्रिड, अंतर्देशीय राजमार्गों और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास के लिए इस वर्ष एक खाका तैयार करने का प्रस्ताव रखा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संभावनाओं का पता लगाने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि गैर-वित्तीय क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को मजबूत बनाने के साथ कुछ चुनी हुई सीपीएसई का रणनीतिक विनिवेश इस सरकार की प्राथमिकता बनी रहेगी। यदि उपक्रम सरकार के नियंत्रण में रहता है, तो सरकार अलग-अलग मामलों के आधार पर 51 प्रतिशत से लेकर किसी उपयुक्त स्तर तक जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश राजस्व का 1,05,000 करोड़ रुपए का बढ़ा हुआ लक्ष्य स्थापित कर रही है।
भारत के युवाओं को विदेशों में नौकरियों के लिए तैयार करने के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार भाषा के प्रशिक्षण सहित विदेश के लिए आवश्यक निर्धारित कौशल बढ़ाने पर ध्यान देगी। नये युग के कौशलों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा, 3डी प्रिंटिंग, वर्चुअल रिएलिटी और रॉबोटिक्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनको देश के भीतर और बाहर काफी महत्व दिया जाता है और उन्हें अधिक वेतन की पेशकश की जाती है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने दूरदर्शन के चैनलों पर विशेष रूप से स्टार्ट-अप्स के लिए टीवी कार्यक्रम शुरू करने, उनके विकास को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा करने, पूंजीपतियों के साथ मैचमैकिंग और निधियन तथा कर नियोजन का प्रस्ताव रखा।
उद्योग क्षेत्र के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई के लिए ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत वृद्धिशील ऋणों पर सभी जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई को 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 350 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। सरकार एक भुगतान प्लेटफॉर्म बनाएगी, ताकि वहां बिल जमा कराने और भुगतान की व्यवस्था हो सके। इसके अलावा सरकार का बहुउद्देशीय श्रम कानूनों का 4 श्रम कानून कोड बनाने का प्रस्ताव है, जिससे विवादों को कम किया जा सकेगा।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हम अपने अधिकारों को कम किए बिना देश के प्रति अपने कर्तव्यों पर ध्यान दें।