मोदी सरकार के इस साल के केन्द्रीय बजट में ‘मेक इन इंडिया’ उन प्रमुख क्षेत्रों में से है, जिन पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए इस क्षेत्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रस्तावों की घोषणा की। एमएसएमई क्षेत्र की ऋण तक सुगम पहुंच उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एक समर्पित ऑन लाइन पोर्टल के माध्यम से 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है। ब्याज माफी योजना के तहत समस्त जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए नए अथवा पुराने ऋणों पर दो प्रतिशत की ब्याज माफी हेतु वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एमएसएमई के लिए एक भुगतान प्लेटफॉर्म का सृजन करेगी। ताकि बिल प्रस्तुत करने और उसके भुगतान का कार्य एक ही प्लेटफॉर्म पर किया जा सके।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना नामक नई योजना के तहत 1.5 करोड़ से कम वार्षिक कारोबार करने वाले लगभग तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ देने का फैसला किया है। इस योजना में नामांकन प्रक्रिया को सरल रखा जाएगा जिसमें केवल आधार और बैंक खाते ही जरूरत होगी और शेष स्वघोषणा पर निर्भर करेगा।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि ‘पारंपरिक उद्योगों के उन्नयन एवं पुनर्निर्माण के लिए कोष की योजना (स्फूर्ति)’ के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान 100 नए कलस्टरों की स्थापना की जाएगी। जिससे 50,000 शिल्पकारों को आर्थिक मूल्य श्रंखला में शामिल होने में समर्थ बनाया जाएगा। स्फूर्ति का लक्ष्य पारंपरिक उद्योगों को अधिकाधिक उत्पादक, लाभदायक और रोजगार के निरंतर अवसर सृजित करने में सक्षम बनाने हेतु कलस्टर आधारित विकास को सुगम बनाना है। बांस, शहद और खादी क्षेत्र संकेन्द्रित क्षेत्र हैं।
वर्ष 2019-20 में 80 आजीविका व्यवसाय इन्क्यूबेटरों और 20 प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों की स्थापना करने के लिए लिए ‘नवाचार, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने की योजना (एस्पायर)’ को समेकित किया जाएगा। ताकि 75,000 कुशल उद्यमियों को विकसित किया जा सके।
बजट में कहा गया है कि सरकार किसानों के खेत से होने वाली उपज और संबद्ध क्रियाकलापों के लिए मूल्यवर्धन के कार्य में लगे निजी उद्यमशीलता की सहायता करेगी। मवेशी चारा विनिर्माण, सामान्य खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए सहकारी समितियों के माध्यम डेयरी कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा।
बजट में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए अप्रत्यक्ष करों के अंतर्गत भी प्रस्ताव किए गए हैं, जिनसे एमएसएमई क्षेत्र भी लाभान्वित हो सकता है। उदाहरण के लिए घरेलू उद्योग को समस्तरीय क्षेत्र मुहैया कराने के लिए काजू गरी, पीबीसी, विनाइल फ्लोरिंग, टाइल, फर्नीचर के लिए मैटल फिटिंग माउंटिंग, ऑटो पार्ट्स कुछ खास प्रकार के सिंथेटिक रबड़, मार्बल स्लैब्स, ऑप्टिकल फाइबर केवल, सीसीटीवी कैमरा, आईपी कैमरा, डिजिटल और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर जैसी मदों पर बुनियादी सीमा शुल्क बढ़ाया जा रहा है। भारत में विनिर्मित किए जाने वाली कुछ खास मदों पर सीमा शुल्क छूट को भी वापस लिया जा रहा है। इसके अलावा पाम, स्टेरिंग, वसा युक्त तेलों पर अंतिम प्रयोग आधारित छूट तथा विभिन्न प्रकार के कागजों पर छूट भी समाप्त की जा रही है।