Home समाचार मोदी राज में जॉब: पिछले दो साल में 3.79 लाख लोगों को...

मोदी राज में जॉब: पिछले दो साल में 3.79 लाख लोगों को मिली केंद्र सरकार में नौकरी

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और आने वाला साल नौकरियों के सृजन के लिहाज से बढ़िया रह सकता है। केंद्रीय विभागों में वर्ष 2017-2019 में 3.79 लाख से अधिक लोगों को नौकरियां मिली, जबकि केंद्र सरकार ने 2017 और 2018 के बीच केंद्रीय विभागों में 2,51,279 नौकरियां सृजित की। अंतरिम बजट के दस्तावेज के अनुसार, एक मार्च 2019 तक सरकार द्वारा सृजित नौकरियां 3,79,544 से बढ़कर 36,15,770 पर पहुंच जाएंगी। रेलवे एक मार्च 2019 तक सबसे अधिक 98,999 नौकरियों का सृजन करेगा। पुलिस विभाग में एक मार्च 2019 तक 79,353 अतिरिक्त नौकरियां सृजित की जाएंगी। प्रत्यक्ष कर विभाग में मार्च, 2017 में 50,208 लोग कार्यरत थे, जिनकी संख्या 1 मार्च 2019 में 29,935 बढ़कर 80,143 हो जाएगी। डाक विभाग में 1 मार्च, 2019 में 4,21,068 कर्मचारी होंगे।

मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से पिछले साढ़े चार वर्षों में देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर-

प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना लाभार्थियों की संख्या पहुंची 1.5 करोड़ के पार
प्ररोजगार सृजन के लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों की संख्या डेढ़ करोड़ के पार निकल चुकी है। केंद्र सरकार ने नए रोजगार पैदा करने के लिए अगस्त, 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार, 8 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के शताब्दी समारोह में कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना से करीब डेढ करोड़ श्रमिकों को फायदा हुआ है। यह योजना नियोक्ताओं को रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने बताया कि सरकार इस योजना पर अब तक 3,648 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

पीएमआरपीवाई की घोषणा 07 अगस्त, 2016 को की गई थी और उसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के जरिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय लागू कर रहा है। योजना के तहत सरकार नियोक्ता के योगदान का पूरा 12 प्रतिशत का भुगतान कर रही है। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी पेंशन योजना, दोनों शामिल हैं। सरकार का यह योगदान उन नए कर्मचारियों के संबंध में तीन वर्षों के लिए है, जिन्हें ईपीएफओ में 01 अप्रैल, 2016 को या उसके बाद पंजीकृत किया गया हो तथा जिनका मासिक वेतन 15 हजार रुपये तक है।

पिछले 4 साल में छोटे कारोबारियों ने 10 करोड़ लोगों को दिया रोजगार
पिछले चार वर्षों में छोटे कारोबारियों (एमएसएमई सेक्टर) ने 10 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार, 5 फरवरी को कहा कि एमएसएमई सेक्टर ने 2014-18 के दौरान 10 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। सिंह ने कहा कि मौजूदा एमएसएमई ने कम से कम 7 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है जबकि नए उद्यमियों ने 3 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि 2014-18 के दौरान लोन गारंटी योजना के तहत 18 लाख उद्यमियों ने कर्ज लिया, जबकि 2010-14 के दौरान सिर्फ 11 लाख उद्यमियों ने इस योजना के तहत लोन लिया था।

मुद्रा लोन ने 3 साल में 13 करोड़ लोगों को दिए रोजगार
8 अप्रैल, 2015 को शुरू किया गया मुद्रा लोन योजना आज देश में सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए रोजगार ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास भी लेकर आया है। सिर्फ सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से 13 करोड़ नए ऋण दिए गए हैं। आ्रर्थिक अंग्रेजी अखबार Financial Express की एक दिसंबर की खबर के मुताबिक पिछले तीन साल में इस योजना से 13 करोड़ रोजगार का सृजन हुआ। इस योजना के तहत सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन दिया गया है। इसमें 55 प्रतिशत से ज्यादा लाभार्थी SC/ST और OBC कैटेगरी से हैं। खास बात ये है कि 13 करोड़ लोगों में से 28 प्रतिशत यानी सवा तीन करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार लोन लिया है। एक और विशेष बात ये है कि इनमें से 75 प्रतिशत यानी 9 करोड़ लाभार्थी महिलाएं हैं।

स्किल डेवलपमेंट से 2.5 करोड़ लोगों को रोजगार
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development and Entrepreneurship (MSDE) मंत्रालय के अंतर्गत साल 2017 तक ही 2.5 करोड़ युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके थे, जिनमें से एक करोड़ तो सिर्फ 2017 में ही प्रशिक्षित हुए थे। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े, इसके लिए सरकार ने 2017 तक 27 राज्यों के 484 जिलों में 527 प्रधानमंत्री कौशल केंद्र बनाए थे। जो युवा Long Term Training करना चाहते हैं, उनके लिए उनकी आवश्यकता के अनुरूप भी व्यवस्था की गई है।

2017 तक कुल 13,912 ITI स्थापित की गई। मात्र पिछले वर्ष ही इनकी Seating Capacity 77,040 बढ़ाकर कुल 22.82 लाख कर दी गई। 2017 में ITI Ecosystem से 12.12 लाख युवाओं को प्रशिक्षण का अवसर मिला। सरकार ने अब इस स्कीम की सफलता को देखते हुए वर्ष 2020 तक 1 करोड़ युवाओं के कौशल विकास का लक्ष्य रखा है। साथ ही, सरकार इसमें 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी।

टेक्सटाइल सेक्टर में 10 करोड़ लोगों को मिलेगा रोजगार
मोदी सरकार ने 300 से अधिक टेक्सटाइल प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी दोगुनी करने का फैसला किया। सरकार ने टेक्सटाइल उत्पादों के आयात पर शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से घरेलू कपड़ा उद्योग को मजबूती मिलेगी और इससे देश में टेक्सटाइल सेक्टर में 10 करोड़ रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

रोजगार सृजन के मामले में मोदी सरकार ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री मोदी को आज पूरी दुनिया एक ग्लोबल लीडर के तौर पर जानती है, लेकिन रोजगार को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसने भी दुनिया के लिए नजीर पेश की है। रेलवे में चाहे दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी भर्ती का वर्ल्ड रिकॉर्ड हो या फिर मुद्रा योजना, स्टार्ट अप और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम के तहत करोड़ों लोगों को रोजगार देना हो, मोदी सरकार की नीतियां युवाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।

सड़कपोत परिवहनजल संसाधन विभागों में पैदा हुए 1 करोड़ रोजगार
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक उनके मंत्रालयों की परियोजनाओं से चार साल में रोजगार के एक करोड़ से अधिक अवसर सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनके अधीन आने वाले विभागों ने मई 2014 में एनडीए सरकार आने के बाद से एक करोड़ युवाओं को रोजगार दिया है। नितिन गडकरी के पास सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग, पोत परिवहन और नदी विकास एवं गंगा संरक्षण जैसे अहम मंत्रालय हैं। 

अगले तीन साल में 1 करोड़ रोजगार देने के लिए मेगा प्लान
मोदी सरकार देशभर में मेगा एंप्लॉयमेंट जोन बनाने के लिए सरकार 1 लाख करोड़ रुपये की योजना तैयार कर रही है। इसका उद्देश्य अगले 3 साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। एंप्लॉयमेंट जोन में टैक्स में छूट, कैपिटल सब्सिडी और सिंगल-विंडो क्लियरंस जैसे फिस्कल और नॉन-फिस्कल इन्सेंटिव्स दिए जाएंगे।

मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार 
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

पर्यटन को बढ़ावा देने से 1.46 करोड़ लोगों को मिला रोजगार
पर्यटन के क्षेत्र में पिछले चार वर्षों में 1.46 करोड़ रोजगार के अवसर मिले हैं। पर्यटन मंत्रालय अब पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रति पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रचार गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जैसे मेघालय में एशिया के सबसे बड़े गुफा वाले नेटवर्क के प्रचार पर ध्यान दिया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक, विदेशों में भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोपीय और चीन जैसे देशों में कई ‘अतुल्य भारत रोड शो’ आयोजित किए हैं।

पीआईसी से मिलेंगे पांच लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर
ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई डाक विभाग की डाक बीमा कंपनी (PIC) अगले दो साल में पांच लाख से ज्यादा रोजगार सृजित करेगी। डाक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की तरह बीमा सुविधा मुहैया कराएगी। संचार मंत्रालय से संबंधित सलाहकार समिति की बैठक में डाक विभाग की बीमा कंपनी बनाने की रूपरेखा पेश की गई। इसी दौरान रोजगार सृजन का यह लक्ष्य तय किया गया। बैठक में देश भर में डाक विभाग की सेवाओं की प्रगति पर भी चर्चा हुई।

हेल्थ और बीमा सेक्टर में सृजित होंगी 10 लाख नौकरियां
मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी स्कीम आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी हेल्थ और इंश्योरेंस सेक्टर में नौकरियों के अपार मौके ला रही है। एक अनुमान के मुताबिक, जितने बड़े स्तर पर इस योजना को शुरू किया गया है, उससे देशभर में स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र में रोजगार के 10 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. इंदू भूषण के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस स्कीम से स्वास्थ्य और बीमा के क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा। आपको बता दें कि इस योजना के तहत देश के दस करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों यानी 50 करोड़ से अधिक लोगों को 5 लाख रुपये सालाना का हेल्थ कवर दिया जा रहा है।

दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती रेलवे में, 1.2 लाख लोगों को रोजगार
रोजगार के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही मोदी सरकार अब सरकारी नौकरी देने में भी दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाने जा रही है। भारतीय रेलवे ने दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती का ऑफर निकाला है। एक साथ 1 लाख 20 हजार लोगों को रेलवे सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है। हालांकि, पहले इसके लिए 90 हजार नौकरियां निकाली गई थीं। इसमें ग्रुप डी, ग्रुप सी (टेक्नीशियन व असिस्टेंट लोको पायलट) के अलावा आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) और आरपीएसएफ (रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स) के रिक्त पद शामिल हैं।

साल 2018 में सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। एक नजर कुछ ऐसी पहलों पर..

रोजगार सृजन मदद के लिए नेशनल करियर सर्विस
नेशनल करियर सर्विस- एनसीएस- परियोजना नियोक्ताओं, प्रशिक्षकों और बेरोजगारों को एक मंच पर लाती है। 31 नवंबर, 2018 तक इस पोर्टल पर रोजगार चाहने वाले लोगों की संख्या 98,92,350 और रोजगार देने वाले सक्रिय नियोक्ताओं की संख्या 9822 दर्ज की गई। एनसीएस ने डाक विभाग से साथ पोस्ट ऑफिस के माध्यम से नौकरी चाहने वालों के पंजीकरण के लिए भागीदारी की है। युवाओं की रोजगार के अवसरों तक पहुंच और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए शीर्ष नौकरी पोर्टलों, प्लेसमेंट संगठनों और प्रसिद्ध संस्थानों के साथ रणनीतिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये हैं। सरकार ने हाल ही में सरकारी नौकरियां एनसीएस पोर्टल पर पोस्ट करना जरूरी कर दिया है।

एनसीएस रोजगार मैचिंग, करियर सलाह और कौशल विकास पाठ्यक्रमों, एप्रैंटिसशिप और इंटर्नशिप आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है। एनसीएस के पास 52 क्षेत्रों में 3600 से अधिक नौकरियों के बारे में नौकरी से संबंधित जानकारी का समृद्ध भंडार उपलब्ध है। एनसीएस पोर्टल नौकरी मेलों को आयोजित करने में भी सहायता प्रदान करता है, जहां नियोक्ता और नौकरी की तलाश करने वाले आपस में बातचीत कर सकते हैं।

मॉडल करियर केंद्र
सरकार ने 107 मॉडल करियर केंद्र स्थापित किए हैं, जिन्हें राज्यों और अन्य संसाधनों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इन केंद्रों में विभिन्न सुविधाएं प्रदान कराने के लिए पर्याप्त सुविधाएं और बुनियादी ढांचा उपलब्ध किया गया है। इन्हें राज्यों द्वारा अन्य स्थलों पर भी स्थापित किया जा सकेगा। इसके अलावा, 1.50 लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्र दूरदराज के स्थानों में एनसीएस की पहुंच का विस्तार करने में मदद करते हैं। 

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में सर्वेक्षण
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत जुटाये गये रोजगारों का अनुमान लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का कार्य श्रम ब्यूरो को सौंपा गया। पीएमएमवाई सर्वेक्षण से संबंधित तकनीकी विवरण को अंतिम रूप देने के बाद सर्वेक्षण का काम पूरा कर डाटा एंट्री का कार्य प्रगति पर है।

Leave a Reply