Home विशेष आतंकवाद पर मोदी सरकार की नीति को मिल रहा वैश्विक समर्थन

आतंकवाद पर मोदी सरकार की नीति को मिल रहा वैश्विक समर्थन

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वर्तमान दौर में दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब से देश की कमान संभाली है आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक अभियान चला रखा है। पीएम मोदी के प्रयास से ही पश्चिमी दुनिया अच्छे और बुरे आतंकवाद  में फर्क करना भूल गई है। लगभग पूरी दुनिया आतंकवाद को मानवता के सबसे बड़े दुश्मन के तौर पर देख रही है। भारत आतंकवाद से सबसे अधिक त्रस्त है जिसकी एक मात्र वजह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है। दुनिया के अधिकतर देश भी यह मानने लगे हैं कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और इसपर लगाम कसना आवश्यक है।  

ग्लोबल टेरर वॉच लिस्ट में पाकिस्तान!
अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने टेरर फंडिंग पर रोक लगाने में नाकाम रहने की वजह से पाकिस्तान को ग्लोबल वॉचलिस्ट में शामिल करने के लिए फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) में एक प्रस्ताव लाया है। दरअसल अमेरिका और ब्रिटेन ने कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तान को इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के शक वाले देशों की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। फ्रांस और जर्मनी भी इस कदम में अमेरिका के साथ हैं।

आतंक को संरक्षण देने वाला देश घोषित हुआ पाकिस्तान
2017 में भारत को सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब प्रधानमंत्री मोदी के दबावों के चलते ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया। अमेरिका ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिलती हैं और यहां से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।

ब्रिक्स ने आतंकवाद पर कार्रवाई को कहा
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में शामिल करवाने के भारत के प्रयासों पर चीन ही अंतिम वक्त पर अडंगा लगाता रहा है, लेकिन सितंबर, 2017 में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद पर रुख को चीन ने ना केवल भरपूर समर्थन दिया, बल्कि अपने ‘ऑल वेदर फ्रैन्ड’ पाकिस्तान का साथ छोड़ने को भी तैयार हो गया। ब्रिक्स घोषणा पत्र में लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे दस आतंकी संगठनों का नाम शामिल किया जाना पीएम मोदी के आतंकवाद विरोधी आह्वान की बड़ी सफलता है।

जी 20 ने भी की आतंकवाद की निंदा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए जी-20 देशों के सम्मेलन में 11 सूत्रीय एक्शन प्लान पेश किया है। सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया। श्री मोदी ने इस विषय को चुनने के लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की तारीफ की।

सार्क देशों ने पाक का किया बॉयकाट
वर्ष 2016 में पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में जब भारत ने शामिल नहीं होने की घोषणा की तो संगठन के अन्य कई देशों, जैसे – श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और अफगानिस्तान ने भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। हालांकि पाकिस्तान ने अन्य देशों को बुलाने की कोशिश की, लेकिन वो विफल रहा और अंत में सार्क सम्मेलन रद्द करने को मजबूर होना पड़ा। पीएम मोदी की कोशिशों से जी-20 हो या हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन, ब्रिक्स हो या सार्क समिट सभी ने हमारे साथ आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताते हुए दुनिया को इसके खिलाफ एक होने का आह्वान किया है।

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