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मोदी सरकार की नीतियों का असर, भारत में पेटेंट की संख्या दो वर्ष में दोगुनी हुई

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में तेजी से वृद्धि कर रहा है। इनोवेशन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का विजय स्पष्ट है और इनोवेशन के बढ़ावे के लिए मोदी सरकार ने कई अहम नीतिगत फैसले लिए हैं। इन्हीं फैसलों का असर है कि भारत ने इनोवेशन के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। मोदी सरकार की नीतियों की वजह से ही देश में पेटेंट की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2017 में कुल 12,387 पेटेंट दिए गए हैं। भारत में पेटेंक की यह संख्या पिछले वर्ष की तुनला में 50 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2016 में 8,248 जबकि 2015 में 6,022 पेटेंट दिए गए थे। इस तरह पिछले दो साल में पेटेंट मंजूरी मिलने की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई।

आपको बता दें कि भारत में पिछले साल कुल 46,582 पेटेंट एप्लिकेशन दाखिल की गईं थी, इनमें 14,961 घरेलू लोगों की जबकि 31,621 विदेशियों की थीं। घरेलू आवेदनों में 15.7% फार्मा सेक्टर से थे। साल 2017 में पेटेंट मंजूरी के मामले में भारत दुनियाभर में 10वें नंबर पर रहा।

इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। देखते उसकी एक झलक –

पीएम मोदी की पहल पर ‘इनोवेट इंडिया’ प्लेटफॉर्म लांच, कोई भी किसी के इनोवेशन को दे सकता है रेटिंग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि अगर इनोवेशन नहीं है तो जीवन में ठहराव आ जाता है। इनोवेशन से बदलाव आता है। इनोवेशन ही जीवन है। पीएम मोदी की पहल पर अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और माई गोव ने हाल ही में इनोवेट इंडिया प्लेटफॉर्म लांच किया है। यह पोर्टल देश में होने वाले समस्त अभिनव कदमों के लिए एक साझा केंद्र के रूप में काम करेगा।

अटल नवाचार मिशन के मिशन निदेशक ने कहा कि इनोवेट इंडिया माईगव-एआईएम पोर्टल राष्ट्रीय स्तर पर बुनियादी एवं गहन तकनीक वाले अन्वेषकों दोनों को ही पंजीकृत करने के लिए अत्यंत आवश्यक नवाचार प्लेटफॉर्म का सृजन करता है। ऐसे लोग जो किसी महत्वपूर्ण नवाचार की तलाश में हैं, वह अर्थव्यवस्था के फायदे के साथ-साथ राष्ट्रीय सामाजिक जरूरतों की पूर्ति के लिए इस पोर्टल से लाभ उठा सकते हैं।

इनोवेट इंडियो पोर्टल की विशेषताएं  

  • यह प्लेटफॉर्म सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला हुआ है। 
  • इसके उपयोगकर्ता (यूजर) #इनोवेट इंडिया पोर्टल पर एकत्रित नवाचारों को देख सकते हैं, टिप्पणी एवं साझा कर सकते हैं और इसके साथ ही इनकी रेटिंग भी कर सकते हैं।
  • लीडरबोर्ड का अवलोकन कर सकते हैं, जिसकी गणना प्रत्येक नवाचार को मिले वोटों के आधार पर की जाती है। 
  • नागरिक माई गोव वेबसाइट पर लॉग-इन करके अपने / संगठन / किसी और के नवाचार को इस प्लेटफॉर्म पर साझा कर सकते हैं।
  • इन नवाचारों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर भी साझा किया जा सकता है।
  • इस प्लेटफॉर्म को लांच करने के साथ ही देश का कोई भी व्यक्ति या संगठन अपना नवाचार को इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड एवं उसकी रेटिंग कर सकता है। 
  • नागरिक https://innovate.mygov.in/innovateindia/ के जरिए प्लेटफॉर्म पर पहुंच सकते हैं। 

अटल टिंकरिंग लैब के लिए तीन हजार और स्कूलों का चयन
अटल नवाचार मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) के लिए 3,000 और स्‍कूलों का चयन किया है। इसके साथ ही एटीएल स्‍कूलों की कुल संख्‍या बढ़कर 5,441 हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्कूलों, विश्वविद्यालयों में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 26 दिसंबर, 2017 को अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत हुई थी। चयनित स्‍कूलों को बच्‍चों के बीच इनोवेशन और स्टार्टअप की भावना बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में बतौर अनुदान 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। नीति आयोग के इस अटल नवाचार मिशन के तहत जल्‍द ही देश के प्रत्‍येक जिले में अटल टिंकरिंग लैब की स्‍थापना की जाएगी। अटल नवाचार मिशन के प्रबंध निदेशक श्री रामनाथन रमणन के अनुसार, ‘ये 3,000 अतिरिक्‍त स्‍कूल एटीएल कार्यक्रम की पहुंच को काफी हद तक बढ़ा देंगे जिससे और ज्‍यादा संख्‍या में बच्‍चे टिंकरिंग एवं नवाचार से अवगत हो सकेंगे। इसके साथ ही भारत के युवा अन्‍वेषकों की पहुंच अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों जैसे कि 3डी प्रिटिंग, रोबोटिक्‍स, इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स (आईओटी) और माइक्रोप्रोसेसर तक सुनिश्चित हो जाएगी।’ 

स्टार्ट-अप इनोवेशन्स से अपनी तकदीर बदल रहे युवा
देश के युवाओं के सपनों को बल देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्ट-अप इंडिया की शुरुआत की थी। पिछले चार वर्षों में ही स्टार्ट-अप के क्षेत्र में आज भारत का अहम स्थान है और उसने ग्लोबल स्टार्ट-अप इको-सिस्टम में खुद को प्रतिष्ठित किया है। स्टार्ट-अप सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए लोगों से पर्याप्त पूंजी और लोगों से जुड़ना बेहद जरूरी है। इसके लिए आगे बढ़ने में फंड की कमी एक बड़ी समस्या थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस समस्या को खत्म कर दिया। युवाओं को इनोवेशन्स की सुविधा प्रदान करने के लिए मोदी सरकार ने ‘धन का निधि’ शुरू किया। इसमें 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। यही नहीं एक वक्त वह भी था जब स्टार्ट-अप सिर्फ डिजिटल और टेक इनोवेशन के लिए बना था। अब हालात बदल चुके हैं और कई कृषि, सामाजिक क्षेत्र, मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में स्टार्ट-अप आ गए हैं।

मोदी सरकार के प्रयासों से गांवों तक फैला स्टार्ट-अप
मोदी सरकार ने स्टार्ट-अप के क्षेत्रों को जहां विस्तार दिया, वहीं इसका दायरा भी बढ़ाया। स्टार्ट-अप अब केवल बड़े शहरों में नहीं हैं। छोटे शहर और गांव वाइब्रेंट स्टार्ट-अप केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। गौरतलब है कि पहले ज्यादातर स्टार्ट अप टायर-1 सिटी में केंद्रित रहते थे, लेकिन अब यह टायर-2 टायर-3 जैसे शहरों में ले में शुरू हो गए हैं। स्टार्ट-अप कार्यक्रम के तहत 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 419 जिलों में स्टार्टअप्स फाइल हुए हैं। इनमें से 44 प्रतिशत स्टार्ट-अप टायर-2 और टायर-3 सिटीज में हैं। लगभग आधे स्टार्ट-अप मध्यम शहरों और गांवों में विकसित हो रहे हैं।

इंडिया-इजरायल इनोवेशन चैलेंज से स्टार्ट-अप को मिल रही नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से ही पिछले साल इजरायल से मिलकर इंडिया-इजरायल इनोवेशन चैलेंज शुरू किया था। इससे भारत और इजरायल में स्टार्ट-अप इको-सिस्टम के बीच प्रौद्योगिकी और बेस्ट प्रैक्टिसेज के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है। दरअसल यह मंच ‘कॉम्पिटिशन से क्रिएटिविटी’ को निखारने की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन का काम कर रहा है। इसी के तह एग्रीकल्चर सेक्टर में बदलाव लाने के लिए एग्रीकल्चर ग्रांड चैलेंज भी शुरू किया गया है। अटल न्यू इंडिया चैलेंज जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें जीतने वाले को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

68 हजार से ढाई लाख तक पहुंचा ट्रेड मार्क रजिस्ट्रेशन
स्टार्ट-अप इंडिया के शुरू होने के बाद ट्रेड मार्क रजिस्ट्रेशन में भी वृद्धि हुई है। 2013-14 में लगभग 68,000 ट्रेड मार्क रजिस्टर होते थे, लेकिन महज चार साल में ही अब ये आंकड़ा ढाई लाख से भी ऊपर पहुंच गया। पेटेंट रजिस्ट्रेशन में भी जबरदस्त तेजी आई है। पहले चार हजार के करीब पेटेंट रजिस्टर होते थे और अब 11, 500 पेटेंट रजिस्टर हुए हैं।  पीएम मोदी की पहल पर ही सहायकों की एक टीम बनाई है जो स्टार्ट-अप के लिए एंटरप्रेन्योर्स को कानूनी मदद भी मुहैया करवा रही है।

छात्रों के हित के लिए कुछ अन्य निर्णय भी लिए गए हैं, आइए देखते है ये कौन से निर्णय हैं-

रेलवे में आयु सीमा बढ़ाई गई
भारतीय रेलवे ने फरवरी महीने में 90 हजार पदों के लिए रिक्तियां निकाली थीं। आयु सीमा को लेकर छात्रों ने अपनी शिकायत की। मोदी सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए उम्मीदवारों की मांगें मान ली और आयु सीमा बढ़ाने का फैसला लिया। ग्रुप डी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 2 साल बढ़ाकर 28 से 30 वर्ष कर दिया। लेवल 1 पोस्ट के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 31 से 33 कर दी गई।

रेलवे में ITI की अनिवार्यता खत्म
फरवरी, 2018 में रेलवे ने लेवल एक के 62,907 पदों के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 10 और रेलवे एप्रेंटिसशिप या समकक्ष का आईटीआई प्रमाणपत्र का मानक रखा था, लेकिन छात्रों की शिकायतों के बाद तकनीकी प्रमाणन को वैकल्पिक बना दिया गया। मोदी सरकार की संवेदशीलता को मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान से समझा जा सकता है, उन्होंने कहा- ”हमें एहसास हुआ कि हमने उम्मीदवारों को पर्याप्त समय नहीं दिया है कि वे समझ सकें कि मानदंड बदल गया है, ऐसे में हमें कक्षा दसवीं की योग्यता की जरूरत है। हमें प्रशिक्षण कार्यक्रम को मजबूत करना है जिसे हमारी आगे मजबूत करने की योजना है। ऐसे में कोई समस्या नहीं होगी।”

SELF ATTESTED कीजिए प्रमाण पत्र
प्रधानमंत्री को देश के लोगों पर पूरा भरोसा है, उनकी ईमानदारी पर विश्वास है। तभी तो उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में किसी अधिकारी से सर्टिफिकेट प्रमाणित करवाने की बाध्यता खत्म कर दी। जुलाई, 2014 के बाद से ही उम्मीदवार स्वयं सत्यापित कर सकता है और सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के वक्त ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट दिखाता है।

तृतीय और चतुर्थ वर्ग में इंटरव्यू खत्म
वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करवा दिया। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में समूह तीन और चार के तहत आने वाली नौकरियों के लिए साक्षात्कार को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया था, जिनमें व्यक्तित्व परीक्षण आवश्यक नहीं हो। अब तक 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने समूह ग और घ वर्ग में साक्षात्कार का प्रावधान खत्म कर दिया है।

छात्रों के बैंक खाते में छात्रवृति की रकम
छात्रों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति जमा करने के लिए मंत्रालय ने 2015-16 से राष्‍ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के जरिए प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का इस्‍तेमाल शुरू कर दिया है। इस कदम से धनराशि के अंतरण की प्रक्रिया छोटी हो गई है और भुगतान के विलम्‍ब में कमी आई है।

मेडिकल शिक्षा को बड़ा प्रोत्‍साहन
शैक्षिक सत्र 2017-18 के लिए विभिन्‍न मेडिकल कॉलेजों और अस्‍पतालों में 4,000 पीजी की सीटें बढ़ा दी गई हैं। सीटों की संख्‍या की दृष्‍टि से यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है। अब देश में मेडिकल की कुल 35,117 पीजी सीटें उपलब्‍ध हैं। बजट में इसे बढ़ाकर कुल 5000 पीजी मेडिकल सीटें करने का लक्ष्‍य रखा गया है, जिसके शीघ्र ही पूरा हो जाने की संभावना है। वर्ष 2021 तक सरकार एमबीबीएस की सीटें 80 हजार और स्नातकोत्तर की 45 हजार करने का लक्ष्य हासिल करना चाहती है। 

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET)
सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल, 2016 और 9 मई, 2016 को संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद NEET(UG) तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया था। इसके लिए अध्यादेश लाया गया और CBSE ने 2016 में इस परीक्षा का सफलतापूर्वक आयोजन करा लिया।

दस नए IIT-IIM
केंद्र सरकार ने 2014 में ही जम्मू, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्र प्रदेश और केरल में पांच नए IIT खोलने का फैसला किया था। इसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा और महाराष्ट्र में पांच नए IIM खोले जा रहे हैं। सरकार एमपी में जयप्रकाश नारायण नैशनल सेंटर फॉर एक्सिलेंस इन ह्यूमनिटीज भी स्थापित करेगी। इन सबके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

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