अब तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी मान लिया कि देश की जनता ने अपने स्वार्थ की वजह से नहीं बल्कि होशियार होने की वजह से कांग्रेस को वोट नहीं दिया। भले ही चुनाव अभियान खत्म हो गया हो और चुनाव प्रक्रिया भी पूरी हो गई हो, लेकिन वह बुराई तो खत्म नहीं हुई है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार जीत मिली है। इसलिए देश की जनता को यह जानने का हक है कि आखिर आलसी और हकमारी राजवंश की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कांग्रेस पार्टी अपनी ‘न्याय’ योजना के लिए देश के ईमानदार और मेहनतकश जनता के साथ कितना बड़ा अन्याय करने वाली थी।
न्याय योजना से देश से अन्याय करने वाली थी कांग्रेस
इस चुनाव में कांग्रेस ने जो सबसे नया आइडिया लॉन्च किया वह था न्याय योजना। इस योजना को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश से गरीबी मिटाने वाली योजना करार दिया। राहुल गांधी ने इस योजना के बल पर चुनावी जंग जीतने तक का ऐलान कर दिया। लेकिन देश की जनता स्मार्ट निकली। वह समझ गई कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 72,000 हजार रुपये वार्षिक देने वाली घोषणा एक लालच से ज्यादा नहीं है। अगले ही दिन राहुल गांधी के राजनीतिक गुरू सैम पित्रोदा ने कांग्रेस की मंशा जगजाहिर कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए पैसे कहां से लाएंगे। तो उन्होंने कह दिया देश का मध्यम वर्ग काफी स्वार्थी है। इसलिए उनपर कर बढ़ाकर देश के गरीबों को पैसे दिए जाएंगे। तभी तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि कांग्रेस को देश की जनता ने इसलिए वोट नहीं दिया कि वे स्वार्थी है बल्कि इसलिए नहीं दिया क्योंकि वे होशियार है।
जनता को अन्याय लगा राहुल गांधी का ‘न्याय’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्याय योजना पर अगर कांग्रेस को वोट नहीं मिला तो इसका मतलब है कि कांग्रेस पर से देश की जनता का भरोसा उठ चुका है। देश की जनता को कांग्रेस पर कोई भरोसा नहीं रहा। इतना ही नहीं जनता को राहुल गांधी का ‘न्याय’ किसी अन्याय से कम नहीं लगा। कांग्रेस भले ही देश की जनता की हकमारी कर ले लेकिन देश की अधिकांश जनता अभी भी ईमानदारी और मेहनत को ही अपना ईमान मानती है। अभी भी देश की जनता किसी के अंश पर पलने को तैयार नहीं है। कांग्रेस भी देश की जनता को यह समझाने में असफल रही कि वह देश में गरीब का निर्धारण कैसे करेगी और किस मापदंड के आधार पर देश के गरीबों को 72,000 रुपये वार्षिक दिया जाएगा? कांग्रेस ने कभी भी देश की जनता को न्याय योजना पर उठने वाले इस प्रकार के सवालों का जवाब नहीं दिया। इसके दो ही कारण हो सकते हैं। पहला या तो कांग्रेस इसके लिए पूरा होमवर्क नहीं कर पाया था या फिर जानबूझ कर देश की जनता से असलियत छिपाना चाहती थी।
देश की जनता का मोदी पर कायम रहा अटूट विश्वास
वहीं दूसरी ओर चुनाव अभियान के दौरान देश की जनता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अटूट विश्वास कायम रहा। पिछले पांच सालों की कार्यशैली को देखते हुए देश की जनता यह जान चुकी थी कि पीएम मोदी बोलेंगे नहीं बल्कि कर के दिखाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनता के इस विश्वास पर हमेशा खड़े उतरे। पीएम मोदी ने चुनाव से पहले जब देश के गरीब किसानों को साल में छह हजार रुपए किसानी करने के लिए देने की घोषणा की तो चुनाव में जाने से पहले उसकी शुरुआत भी कर दी।