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सरकारी योजनाओं को जन आंदोलन बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि भारतीय मीडिया सकारात्मक भूमिका निभा रहा है, जिससे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। प्रधानमंत्री ने दैनिक जागरण समाचार पत्र की स्थापना के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हीरक जयंती समारोह को संबोधित किया।उन्होंने विस्तार से बताया कि समाज में मीडिया का ये रोल आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण होने वाला है। आज डिजिटल क्रांति ने अखबारों को और विस्तार दिया है। मेरा मानना है कि नया मीडिया नए भारत की नींव को और ताकत देगा।

… इन सबके बावजूद देश क्यों पिछड़ा रहा ?

प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया कि विशाल उपजाऊ भूमि, कुशल और मेहनती युवा शक्ति और प्रचुर प्राकृतिक संपदा के बावजूद भारत विकास की दौड़ में पीछे कैसे रह गया। उन्होंने गांधी परिवार और कांग्रेस का नाम लिये बगैर कहा कि बड़े सरनेम वाले लोग भी राज कर गए लेकिन भारत की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाए। 

उन्होंने कहा कि हमें खुद से सवाल पूछना चाहिए कि आप भी अकसर सोचते होंगे, हैरत में पड़ते होंगे, कि आखिर हमारा देश पिछड़ा क्यों रह गया? आजादी के इतने दशकों के बाद ये कसक आपके मन में भी होगी कि हम क्यों पीछे रह गए। हमारे पास विशाल उपजाऊ भूमि है। हमारे नौजवान बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती भी हैं। हमारे पास प्राकृतिक संसाधनों की भी कोई कमी नहीं रही। इतना सब कुछ होने के बावजूद हमारा देश आगे क्यों नहीं बढ़ पाया?

उन्होंने कहा कि आज आंकड़े भी प्रगति की गवाही दे रहे हैं। पीएम ने कहा कि हम आज न्यू इंडिया के संकल्प से सिद्धि की ओर अग्रसर हैं।

आखिर कमी कहां थी?

प्रधानमंत्री मोदी का देशवासियों की क्षमता और उनकी कुशलता में अगाध विश्वास है। प्रधानमंत्री ने कहा-

‘मंजिलों की कमी नहीं थी, नीयत की कमी थी।

पैसों की कमी नहीं थी, पैशन की कमी थी।

सॉल्यूशंस की कमी नहीं थी, संवेदना की कमी थी।

सामर्थ्य की कमी नहीं थी, कमी थी कार्यसंस्कृति की।’

उन्होंने थोथे नारे देने वाले नेताओं को भी आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारे देश के गरीब, शोषित और वंचितों को सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी, उन्हें शौचालय, बिजली, बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन जैसी चीजों की चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी, तो फिर मेरे देश के गरीब खुद ही अपनी गरीबी को परास्त कर देंगे।

थोथे नारों के लिए देश का किया नुकसान

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके चार साल का कार्यकाल जनता की भलाई के लिये बेहतरीन योजनाओं और उनके कुशल क्रियान्वयन के साल हैं। उन्होंने कहा, बीते चार वर्षों में आप इस परिवर्तन को होते हुए देख भी रहे हैं। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। लेकिन ये सब पहले नहीं हुआ। पहले इसलिए नहीं हुआ क्योंकि गरीबी कम हो जाएगी, तो ‘गरीबी हटाओ’ का नारा कैसे दे पाएंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार शत-प्रतिशत लोगों को करीब-करीब सभी मूलभूत सुविधाएं देने के करीब पहुंच गई है। तो भारत दूसरे युग में छलांग लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि करोड़ों भारतीयों की सरकार, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तत्पर है। आज हम न्यू इंडिया की संकल्प से सिद्धि की यात्रा की ओर अग्रसर हैं।

सिस्टम पर ऐसा विश्वास पहले कभी नहीं था

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की योजनाओं की कुशलता का राज भी खोला। उन्होंने कहा कि नए भारत की जब भी हम बात करते हैं तो मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस और सबका साथ, सबका विकास इसके मूल में है। हम एक ऐसी व्यवस्था की बात करते हैं जहां जनभागीदारी से योजनाओ का निर्माण भी हो और जनभागीदारी से ही उन पर अमल भी हो। इसी सोच को हमने बीते चार वर्षों से आगे बढ़ाया है। केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं को जनता अपनी जिम्मेदारी समझकर आगे बढ़ा रही हैं। सरकार, सरोकार और सहकार, ये भावना देश में मज़बूत हुई है। देश का युवा आज विकास में खुद को स्टेक होल्डर मानने लगा है, सरकारी योजनाओं को अपनेपन के भाव से देखा जाने लगा है। उसको लगने लगा है कि उसकी आवाज़ सुनी जा रही है। यही कारण है कि सरकार और सिस्टम पर विश्वास आज अभूतपूर्व स्तर पर है। ये विश्वास तब जागता है, जब सरकार तय लक्ष्य हासिल करते हुए दिखती है, पारदर्शिता के साथ काम करती हुई नज़र आती है।

पूर्वोत्तर में रेल क्यों नहीं पहुंची 

मोदी ने हैरानी जताते हुए कहा कि हमारे सत्ता में आने से पहले मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा भारत के रेल मैप में ही नहीं थे। सोचिए, इसने किस तरह इन राज्यों के लोगों की जिंदगी पर असर डाला होगा।

तकनीक और संवेदनशीलता का मेल

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार तकनीक और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। इसके नतीजे भी दिख रहे हैं। उन्होंने कहा आज भारत में Connectivity से लेकर Communication तक, Competition से लेकर Convenience तक, जीवन के हर पहलू को तकनीक से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। तकनीक और मानवीय संवेदनाओं की शक्ति से Ease of Living सुनिश्चित की जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, गरीब के सशक्तिकरण का माध्यम बनाने का ये काम सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहने वाला है, इसको आने वाले समय में विस्तार दिया जाना है। हमारा प्रयास है कि बिचौलियों को तकनीक के माध्यम से हटाया जाए। उत्पादक और उपभोक्ता को जितना संभव हो पाए उतना पास लाया जाए। भ्रष्टाचार चाहे किसी भी स्तर पर हो, हमारी नीति स्पष्ट भी है और सख्त भी।

भगोड़ों को बख्शेंगे नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने इस समारोह में कहा कि उनकी सरकार की ये कोशिश है कि जो लोग देश का पैसा लेकर विदेश भाग जाते हैं, उनको कहीं शरण न मिले। उन्होंने कहा, जैसा कि आप सभी जानते हैं पिछले दिनों अर्जेंटीना में G-20 का सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन में आए नेताओं से मेरी बातचीत हुई, हमने अपनी बातें भी दुनिया की ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं के बीच रखी। जो आर्थिक अपराध करने वाले हैं, भगोड़े हैं, उनको दुनिया में कहीं भी सुरक्षित पनाहगाह ना मिले इसके लिए भारत ने कुछ सुझाव अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच रखे हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी ये मुहिम रंग लाएगी।

पूर्ण बहुमत की सरकार का कमाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, आज बड़े लक्ष्यों, कड़े और बड़े फैसलों का अगर साहस सरकार कर पाती है, तो उसके पीछे एक मजबूत सरकार है, पूर्ण बहुमत की सरकार है। न्यू इंडिया के लिए सरकार का फोकस सामर्थ्य, संसाधन, संस्कृति और सुरक्षा पर है। विकास की पंचधारा यानि बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई,किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, इसी को केंद्र में रखते हुए सरकार आगे बढ़ रही है।

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