Home चुनावी हलचल लोकतंत्र के इतिहास में ये जीत सबसे बड़ी घटना है- प्रधानमंत्री मोदी

लोकतंत्र के इतिहास में ये जीत सबसे बड़ी घटना है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में ये जीत सबसे बड़ी घटना है। सबसे अधिक मतदान इस चुनाव में हुआ है। इसके लिए मैं आप सबका बेहद आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘ आज स्वयं मेघराज भी इस विजयोत्सव में शरीक होने के लिए हमारे बीच हैं। 2019 लोकसभा के चुनाव में हम सब देशवासियों के पास नए भारत के लिए जनादेश लेने गए थे। आज हम देख रहे हैं कि देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने इस फकीर की झोली को भर दिया है। मैं भारत के 130 करोड़ नागरिकों का सिर झुका कर नमन करता हूं।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘2019 के मतदान का आंकड़ा अपने-आप में लोकतांत्रिक विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है। देश आजाद हुआ इतने लोकसभा के चुनाव हुए, लेकिन आजादी के बाद इतने चुनाव होने के बाद सबसे अधिक मतदान इस चुनाव में हुआ है। मैं इस लोकतंत्र के उत्सव में लोकतंत्र की खातिर, जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है, जो घायल हुए हैं, उनके पारिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और लोकतंत्र के इतिहास में लोकतंत्र के लिए मरना, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस चुनाव में मैं पहले दिन से कहा रहा था कि ये चुनाव कोई दल नहीं लड़ रहा है, कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा है, कोई नेता नहीं लड़ रहा है। ये चुनाव देश की जनता लड़ रही है। महाभारत के युद्ध के बाद श्रीकृष्ण से पूछा गया था कि वो किसके पक्ष में थे। जो जवाब तब श्रीकृष्ण ने दिया था, वही जवाब आज देश की जनता ने दिया है। श्रीकृष्ण ने तब कहा था कि मैं किसी के पक्ष में नहीं था, मैं सिर्फ हस्तीनापुर के पक्ष में खड़ा था। आज भारत के 130 करोड़ नागरिक भारत के पक्ष में खड़े थे, भारत के पक्ष में उन्होंने मतदान किया। आज कोई विजयी हुआ है तो हिन्दुस्तान विजयी हुआ है, लोकतंत्र विजयी हुआ है, जनता-जनार्दन विजयी हुई है।’

श्री मोदी ने कहा, ‘जिनके आंख-कान बंद थे उनके लिए मेरी बात समझना मुश्किल था, लेकिन आज मेरी उस भावना को जनता-जर्नादन ने प्रकट कर दिया है। हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, हम सभी एनडीए के साथी, नम्रता पूर्वक इस विजय को जनता-जर्नादन के चरणों में समर्पित करते हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस लोकसभा चुनाव में जो विजयी हुए हैं, उन सभी विजेताओं को मैं हृदयपूर्वक बधाई देता हूं। वो किसी भी दल से आए हों, लेकिन देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए कंधे से कंधा मिलाकर ये सभी विजयी उम्मीदवार देश की सेवा करेंगे, इस विश्वास के साथ मैं उन्हें शुभकामना देता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता, उनके परिश्रम, उनका पुरुषार्थ, कितना गर्व होता है कि जिस दल में हम हैं, उसमें कितने दिलदार लोग हैं। कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं का सिर्फ एक ही भाव- भारत माता की जय और कुछ नहीं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भाजपा की एक विशेषता है कि हम कभी दो भी हो गए, लेकिन हम कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए। आदर्शों को ओझल नहीं होने दिया। न रुके, न झुके, न थके। कभी हम दो हो गए, तो भी और आज दोबारा आ गए। दो से दोबारा होने की यात्रा में कई उतार चढ़ाव आए। हम दो थे, तब भी निराश नहीं हुए। अब दोबारा आए हैं तब भी न नम्रता छोड़ेगे, न विवेक को छोड़ेंगे, न हमारे आदर्शों को छोड़ेंगे, न हमारे संस्कारों को छोड़ेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘ये 21वीं सदी है, ये नया भारत है। ये चुनाव की विजय मोदी की विजय नहीं है। ये देश में ईमानदारी के लिए तड़पते हुए नागरिक की आशा-आकांक्षा की विजय है। यह 21वीं सदी के सपनों को लेकर चल पड़े नौजवान की विजय है। ये विजय आत्मसम्मान, आत्मगौरव के साथ एक शौचालय के लिए तड़पती हुई उस मां का विजय है। ये विजय उस बीमार व्यक्ति की है जो 4-5 साल से पैसों कमी की वजह से अपना उपचार नहीं करवा पा रहा था और आज उसका उपचार हो रहा है। ये उसके आशीर्वाद की विजय है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ये विजय देश के उन किसानों की है, जो पसीना बहाकर राष्ट्र का पेट भरने के लिए अपने को परेशान करता रहता है। ये उन 40 करोड़ असंगठित मजदूरों की विजय है, जिन्हें पेंशन योजना लागू करके सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। इस चुनाव ने 21वीं सदी के लिए एक मजबूत नींव हमारे सामाजिक, सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन के लिए निर्मित की है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस चुनाव में एक भी राजनीति दल सेकुलरिज्म का नकाब पहनकर देश को गुमराह नहीं कर पाया। ये चुनाव ऐसा है, जहां महंगाई को एक भी विरोधी दल मुद्दा नहीं बना पाया। ये चुनाव ऐसा है जिसमें कोई भी दल हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उसे मुद्दे नहीं बना पाया। भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए देश की एकता और अखंडता के लिए जनता ने इस चुनाव में एक नया नैरेटिव देश के सामने रख दिया है। सारे समाजशास्त्रियों को अपनी पुरानी सोच पर पुनर्विचार करने के लिए देश के गरीब से गरीब व्यक्ति ने मजबूर कर दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘अब देश में सिर्फ दो जाति ही रहने वाली हैं और देश इन दो जातियों पर ही केंद्रित होने वाला है। 21वीं सदी में भारत में एक जाति है- गरीब और दूसरी जाति है- देश को गरीबी से मुक्त कराने के लिए कुछ न कुछ योगदान देने वालों की।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘चुनावों के बीच क्या हुआ, मेरे लिए वो बात बीत चुकी है। हमें सबको साथ लेकर चलना है। घोर विरोधियों को भी देशहित में उन्हें साथ लेकर चलना है। इस प्रचंड बहुमत के बाद भी नम्रता के साथ लोकतंत्र की मर्यादाओं के बीच चलना है। संविधान हमारा सुप्रीम है, उसी के अनुसार हमें चलना है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं देश को कहूंगा कि आपने 2014 में मुझ पर भरोसा किया, 2019 में ज्यादा जानने के बाद और ज्यादा ताकत दी। मैं इसके पीछे की भावना को भलीभांति समझता हूं। भरोसा जैसे बढ़ता है, जिम्मेवारी और ज्यादा बढ़ती है। मैं देशवासियों से कहना चाहूंगा कि आपने जो हमें दायित्व दिया है, एनडीए के साथियों ने भी मिलकर मेहनत की है। मैं देशवासियों से आज जरूर कहना चाहूंगा, इसे मेरा वादा-संकल्प-प्रतिबद्धता मानिए कि आपने जो मुझे फिर से काम दिया है, आने वाले दिनों में मैं बदइरादे से, बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा। काम करते-करते गलती हो सकती है, लेकिन बदइरादे से कोई काम नहीं करूंगा। दूसरा, देशवासियों आपने मुझे इतना बड़ी जिम्मेवारी दी है, तब मैं देशवासियों को फिर से कहूंगा कि मैं मेरे लिए कुछ नहीं करूंगा। और तीसरी बात, मेरे समय का पल-पल, मेरे शरीर का कण-कण सिर्फ और सिर्फ देशवासियों के लिए है।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘मेरे देशवासी आप जब भी मेरा मूल्यांकन करें, इन तीन तराजू पर मुझे जरूर कसते रहना। कभी कोई कमी रह जाए तो मुझे कोसते रहना। लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं सार्वजनिक रूप से जो बातें बताता हूं उन्हें जीने के लिए भरपूर प्रयास करूंगा।’

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