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जाति, धर्म, वर्ण के आधार पर भेद करना बुद्ध का संदेश नहीं: पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में बुद्ध जयंती समारोह का उद्घाटन किया। समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत जैसी विरासत की समृद्धि कहीं और देखने के नहीं मिलती है। भारत से जितने भी धर्म निकले हैं सबके केंद्र में मानव कल्याण ही है। तमाम कठिनाइयों के बावजूद हमारी धरोहर बची हुई है। हम गर्व से ये बात कह सकते हैं कि हिंदुस्तान कभी भी आक्रांता नहीं रहा है। हमने कभी भी दूसरे की जमीन पर कब्जा नहीं किया है।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, “सत्य और करुणा का बोध ही बुद्ध बनाता है और हमारे अंदर बुद्ध जगाता है। जाति, धर्म, वर्ण के आधार पर भेद करना बुद्ध का संदेश नहीं है, समानता के भाव को जीना ही बुद्ध को जीना है। समय की मांग है कि संकट से विश्व को बचाना है तो बुद्ध का संदेश सबसे उपयुक्त है।” इस बीच पीएम मोदी ने बाबा साहेब को याद करते हुए कहा, “किसी भी जाति धर्म का हो उसे स्वीकारा गया, कभी भी भेद भाव की कल्पना नहीं की, समता, समानता का भाव, बुद्ध विश्व भर के सर्वाधिक स्वीराय युक्त हो गए। इसलिए बाबा अंबेडकर भी बुद्ध की रास्ते पर चल पड़े थे।”

दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हुए इस समारोह के दौरान पीएम मोदी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति पवित्र अवशेषों के दर्शन किए, जिन्हें खासतौर से समारोह के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय से इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम लाया गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 2015 में बुद्ध जयंती दिवस को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम के मौके पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू मौजूद रहे।

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