प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय संस्कृति और शिष्टाचार को पूरा सम्मान देते हैं। देश के सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली पद पर पहुंचने के बावजूद उनमें पद का कोई अहंकार नहींं है। वह आज भी अपने से बड़ों का उसी तरह सम्मान करते हैं, जैसे पहले किया करते थे। ऊंचे पद पर पहुंचने के बाद भी पीएम मोदी में कोई बदलाव नहीं आया है। वह अपने करीबी लोगों और जनता के साथ हमेशा एक सेवक के रूप में पेश आते हैं।
#WATCH Prime Narendra Modi touches feet of former Gujarat Chief Minister Keshubhai Patel, at an event in Adalaj, Gujarat. pic.twitter.com/hlewIV8T7T
— ANI (@ANI) March 5, 2019
पीएम मोदी ने हमेशा दिया संस्कारों को महत्त्व
यह वीडियो यह बताने के लिए काफी है, कि पीएम मोदी को न तो पद का अहंकार है, और न ही उन्होंने कभी अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। दरअसल यह वीडियो गुजरात के अडालज में शिक्षण भवन और विद्यार्थी भवन का शिलान्यास कार्यक्रम का है, जहां मंच पर कुछ ऐसा हुआ कि सभी की नजरें टिक गईं। मंच पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल भी मौजूद थे जिन्हें पीएम मोदी अपना राजनैतिक गुरु मानते हैं। जैसे ही पीएम मोदी सभी से हाथ मिलाते हुए उनके पास आए तो उन्होंने झट से झुककर केशुभाई पटेल के पैर छू लिए।
पीएम मोदी के शिष्टाचार के मुरीद हुए लोग
पीएम मोदी के इस तरह केशुभाई पटेल का पैर छूने पर सोशल मीडिया में कई लोगों ने तारीफ की। कई ट्विटर यूजर्स ने कहा कि पीएम मोदी ऊंचे पद पर पहुंचने के बावजूद अपना संंस्कार नहीं भूले हैं।
देश के पीएम है फिर भी अपने संस्कार साथ है
यहां तो एक पार्टी के अध्यक्ष होकर भी 70 साल के बुजुर्ग से चरण स्पर्श करवाते हैं https://t.co/uye8InxeIU— Rajan Gaur (@RajanGaur20) March 5, 2019
Very humble… #Modi #BJP #Respect https://t.co/rIvakxasRe
— αηίLOCK (@ani_lock) March 5, 2019
एक ट्विटर यूजर ने कहा कि नफरत करने वाले पीएम मोदी से नफरत करते रहते हैं। लेकिन पीएम मोदी उनकी परवाह किए बिना अपने काम में लगे रहते हैं। वह हमेंश भारतीय मूल्यों और संस्कारों का पालन करते हैं।
Hater keep hating..He wont stop..This shows the value system of Indians..?
— Aditya?? (@AdityaA85866011) March 5, 2019
Indian Culture, where we bow down out of respect even to our blatant adversaries
— ANSHU CHOUDHARY ?? (@KumarAnshu04) March 5, 2019
संस्कार यही है ,जो मात्र भारत मे ही दिखाई देता है…@bjpsamvad
— jain vinit (@jain13vinit) March 5, 2019
हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंच से पैर छूकर सम्मानित किया है। आइए देखते हैं, पीएम ने किन-किन को सम्मानित किया –
पीएम उम्मीदवार बनने के बाद आडवाणी का पैर छू कर लिया आशीर्वाद
बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नरेंद्र मोदी सितंबर 2013 में पहली बार लालकृष्ण आडवाणी के साथ भोपाल में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान आडवाणी ने मंच पर नरेंद्र मोदी को गुलदस्ता भेंट किया, जिसके बाद मोदी ने आडवाणी के पांव छूकर आशीर्वाद लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ सफाईकर्मियों के पखारे पांव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज कुंभ में कुछ ऐसा कर दिखाया, जो पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले की स्वच्छता में बड़ी भूमिका निभाने वाले पांच सफाई कर्मचारियों के पैर धोए। पवित्र संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने कुंभ सफाईकर्मियों के पांव पखारे और कर्मयोगी की संज्ञा देकर सम्मानित भी किया। पीएम मोदी ने सफाई कर्मचारियों के पांव पखार सामाजिक सुधार की कड़ी को एक नई ऊंचाई दी।
पीएम मोदी ने आदिवासी महिला को पहनाई चप्पल
अप्रैल 2018 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आदिवासी महिला को मंच पर अपने हाथों से चप्पल पहनाई। जब पीएम मोदी रत्नी बाई को चप्पल पहना रहे थे तब सभा स्थल में तालियों की गूंज सुनाई दे रही थी। इस दौरान पीएम मोदी ने तेंदूपत्ता संग्राहक महिलाओं में चप्पलों का वितरण किया।
बकरी बेचकर शौचालय बनाने वाली वयोवृद्ध कुंवर बाई के छुए पैर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले राजनंदगांव के कुरुभात गांव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन को लॉन्च करने 21 फरवरी, 2016 को आए थे। वहां उन्होंने 105 साल की वयोवृद्ध महिला कुंवर बाई को सम्मानित किया था। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच पर ही कुंवर बाई के पांव भी छुए थे। कुंवर बाई छत्तीसगढ़ के कोटाभरी गांव की रहने वाली थी। बाई के पास 10 बकरियां थी। उनमें से उन्होंने 8 को बेच दिया था। बकरियां बेचकर जो पैसा आया उससे कुंवर बाई ने घर में ही दो टॉयलेट बनावाए। इसके अलावा वह गांव के लोगों को अपने घर बुलाकर टॉयलेट का महत्व भी समझाती थीं।
कर्नल निजामुद्दीन के छुए पैर
वाराणसी की रोहनिया की रैली में 8 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने जिस शख्स के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, वह कर्नल निजामुद्दीन थे। वह सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर और बाडीगार्ड रह चुके थे। 7 फरवरी 2017 को 117 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। कर्नल निजामुद्दीन की हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, जर्मन, जापानी, बांग्ला समेत ग्यारह भाषाओं पर पकड़ थी। कर्नल अचूक निशानेबाज थे। उन्होंने बताया कि 1945 में जंग के दौरान ब्रिटिश जहाज मार गिराया था। मुबारकपुर आजमगढ़ के ग्राम ढकवां के साकिन कर्नल निजामुद्दीन पांच जून 1969 में सिंगापुर से भारत लौटे थे।