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प्रधानमंत्री मोदी ने किया ‘ब्रिजिटल नेशन’ का विमोचन, कहा- टेक्नोलॉजी जोड़ती है, तोड़ती नहीं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में रविवार को ‘ब्रिजिटल नेशन’ पुस्तक का विमोचन किया। प्रधानमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने किताब की पहली प्रति रतन टाटा को भेंट की। यह किताब एन चंद्रशेखरन और रूपा पुरुषोत्तम ने लिखी है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक दूरदर्शी पुस्तक लिखने के लिए दोनों लेखकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सकारात्मकता और आशावाद से परिपूर्ण है तथा प्रौद्योगिकी के महत्व के बारे में गहराई से बताती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुस्तक ऐसे समय में प्रकाशित हुई है जब टेक्नोलॉजी सकारात्मक रूप से लाखों भारतीयों के जीवन को बदल रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि टेक्नोलॉजी एक सेतु है न कि एक विभाजक। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी, सबका साथ, सबका विकास’ अर्जित करने के लिए आकांक्षाओं और उपलब्धि, मांग और प्रदायगी, सरकार और शासन के बीच सेतु का निर्माण करती है। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते आकांक्षी भारत के लिए सकारात्मकता, रचनात्मकता और रचनात्मक मानसिकता जरूरी है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मानवीय इरादों के बीच सेतु निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि प्रौद्योगिकी सुधार, परिवर्तन और प्रदर्शन के लिए किस प्रकार सरकारी योजनाओं का एक प्रमुख घटक रही है। उन्होंने उज्ज्वला योजना में आंकड़ा आसूचना, डिजिटल मैपिंग और वास्तविक समय निगरानी के उपयोग के बारे में उल्लेख किया जिसने लाखों महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से प्रौद्योगिकी ने जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से लोगों को अधिकार संपन्‍न बनाने में सहायता की है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) जैसे अभिनव विचारों के माध्यम से सरकारी विभागों के बीच एक सेतु का निर्माण करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि कैसे देश में विशेष रूप से, टियर -2 और टियर 3 शहरों में, एक मजबूत स्टार्ट-अप सिस्टम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया था, जिसने स्टार्टअप्स के एक पूरी तरह से नए तंत्र के विकास में मदद की है।

प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी द्वारा उत्‍पन्‍न की गई चुनौतियों को अवसरों में बदलने की आवश्यकता का उल्‍लेख करते हुए, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के निर्माण का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पूरे डाक संगठन के लिए प्रौद्योगिकी द्वारा उत्‍पन्‍न व्यवधान को एक प्रौद्योगिकी सघन बैंकिंग प्रणाली में बदल दिया गया, जिससे डाक बैंक के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हुए, जिसने ‘डाकिया को बैंक बाबू’ में बदल दिया।

यह पुस्तक भविष्य का एक शक्तिशाली विज़न प्रस्तुत करती है जहां प्रौद्योगिकी और मानव परस्पर लाभकारी पारिस्थितिकी तंत्र में सह-अस्तित्व में हैं। यह पुस्‍तक तर्क प्रस्‍तुत करती है कि मानव श्रम के प्रतिस्थापन के रूप में प्रौद्योगिकी को स्वीकार करने की जगह, भारत इसका उपयोग अधिक रोजगार उत्पन्न करने के लिए एक सहायता के रूप में कर सकता है। अत्याधुनिक डिजिटल उपकरण आकांक्षाओं और उपलब्धियों के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं – इसलिए इसे ‘ब्रिजिटल’ नाम दिया गया है।

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