Home समाचार प्रधानमंत्री मोदी ने की वाराणसी में बीजेपी की महा-सदस्यता अभियान की शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी ने की वाराणसी में बीजेपी की महा-सदस्यता अभियान की शुरुआत

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 6 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी के देशव्यापी सदस्यता अभियान की शुरूआत की। यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन तक ले जाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज मुझे काशी से बीजेपी के सदस्यता अभियान को आरंभ करने का अवसर मिला है। अब से कुछ देर पहले मुझे एयरपोर्ट पर स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा का अनावरण करने का मुझे सौभाग्य मिला और उसके साथ ही वृक्षारोपण का एक बहुत बड़ा अभियान जो आदरणीय योगी जी के नेतृत्व में शुरू हुआ है, उसका भी मैं हिस्सा बना।’

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक कविता पढ़ी-
‘वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है
उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है।
चुनौतियों को देखकर, घबराना कैसा
इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है।
विकास के यज्ञ में जन-जन के परिश्रम की आहुति
यही तो मां भारती का अनुपम श्रृंगार है
गरीब-अमीर बनें नए हिंद की भुजाएं
बदलते भारत की, यही तो पुकार है।
देश पहले भी चला, और आगे भी बढ़ा
अब न्यू इंडिया दौड़ने को तैयार है,
दौड़ना ही तो न्यू इंडिया का सरोकार है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अंग्रेजी में एक कहावत होती है कि size of the cake matters यानि जितना बड़ा केक होगा उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा। इसलिए हमने भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। आखिर 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य का मतलब क्या है, एक आम भारतीय की जिंदगी का इससे क्या लेना-देना है, ये आपके लिए, सबके लिए जानना बहुत जरूरी है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक राष्ट्र के तौर पर हमारे सामूहिक प्रयास 5 वर्ष में 5 ट्रिलियन डॉलर के आर्थिक पड़ाव तक हमें ज़रूर पहुंचाएंगे। लेकिन साथियों, कुछ लोग कहते हैं कि इसकी क्या जरूरत है। ये सब क्यों किया जा रहा है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोग पेशेवर निराशावादी हैं। ये वो वर्ग है जिन्हें हम ‘Professional Pessimists’ भी कह सकते हैं। ये पेशेवर निराशावादी सामान्य लोगों से बिलकुल अलग होते है। मैं आपको बताता हूं, कैसे? आप किसी सामान्य व्यक्ति के पास समस्या लेकर जाएंगे तो वो आपको समाधान देगा। पर इन पेशेवर निराशावादियों के पास आप समाधान लेकर जाएंगे, तो वो उसे समस्या में बदल देंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘समुद्री संसाधनों, तटीय क्षेत्रों में पानी के भीतर जितने भी संसाधन है, उनके विकास के लिए बजट में विस्तार से बात की गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गहरे समंदर में मछली पकड़ना, स्टोरेज, उनकी वैल्यू एडिशन को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे मछली के एक्सपोर्ट में हमारी भागीदारी कई गुणा बढ़ेगी। जिससे देश को विदेशी मुद्रा भी मिलेगी और मछुआरों को अधिक दाम भी मिल पाएंगे। विकास की एक और ज़रूरी शर्त है पानी। इसलिए जल संरक्षण और जल संचयन के लिए पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। पानी के संरक्षण और संचयन के साथ-साथ घर-घर पानी पहुंचाना भी ज़रूरी है। देश के हर घर को जल मिल सके इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय तो हम बना ही चुके हैं, जल शक्ति अभियान भी शुरू किया गया है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘स्वस्थ भारत बनाने के लिए आयुष्मान भारत योजना भी बहुत मददगार सिद्ध हो रही है। देश के करीब 50 करोड़ गरीबों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित हो रहा है। अब तक लगभग 32 लाख गरीब मरीज़ों को अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल चुका है। स्वच्छता का संबंध स्वास्थ्य से तो है ही सुंदरता से भी है। जब देश सुंदर होता है तो टूरिज्म भी बढ़ता है। यहां काशी में भी स्वच्छता और सुंदरता का लाभ हम सभी को देखने को मिल रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में गति तब तक संभव नहीं है, जब तक इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर ना हो। यही कारण है कि 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार हम पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। साल 2022 तक हर गरीब बेघर के सिर पर पक्की छत हो इसके लिए सिर्फ गांव में ही लगभग 2 करोड़ घरों का निर्माण किया जाएगा। सस्ते घरों के लिए मिडिल क्लास जो होम लोन लेता है उसके ब्याज पर इनकम टैक्स की छूट में डेढ़ लाख रुपए की वृद्धि की गई है। यानि अब होम लोन के ब्याज पर साढ़े 3 लाख रुपए तक की छूट मिल पाएगी। रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एक Model Tenancy कानून राज्य सरकारों को बनाकर भेजने वाली है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज देश खाने-पीने के मामले में आत्मनिर्भर है, तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ देश के किसानों का पसीना है, सतत परिश्रम है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी तो विकास होगा। आय बढे़गी तो खर्च बढ़ेगा और मांग बढ़ेगी, मांग बढ़ेगी तो उत्पादन भी बढ़ेगा और सर्वांगीण विकास होगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जनता की ताकत असंभव को संभव बना सकती है। याद करिए, एक समय था जब देश अनाज के संकट से जूझता था। लेकिन उसी दौर में शास्त्री जी ने जय जवान-जय किसान का आह्वान किया और देश के किसानों ने अनाज के भंडार भर दिए। आखिर क्यों हमारा देश बाहर से, खाने वाला तेल मंगवाए? मैं जानता हूं, अगर देश का किसान ठान ले, अपनी जमीन के दसवें हिस्से को भी तिलहन के लिए समर्पित कर दें, तो तेल आयात में बहुत बड़ा फर्क आ जाएगा।’

इसके पहले वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी ने बाबतपुर एयरपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय भी मौजूद थे।

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