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पीएम मोदी करेंगे 12 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आजीविका मिशन के लाभार्थियों से संवाद

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल यानि बृहस्तपतिवार (12 जुलाई, 2018) को सुबह साढ़े नौ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), डीडीयू-जीकेवाई तथा आरएसईटीआई के तहत स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ सीधा संवाद करेंगे। इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर दिखाया जाएगा। इसके अलावा एनआईसी अपने नेटवर्क के माध्यम से इसे वेबकास्ट करेगा। इसमें पीएम मोदी सीधे स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों से डीएवाई-एनआरएलएम के तहत उनके द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्योकलापों तथा इससे जीवन में होने वाले बदलाव को जानेंगे।

पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जिन लाभार्थियों से बात करेंगे। उनमें बिहार के शराब विरोधी आंदोलन, मक्का मूल्य श्रृंखला एवं विपणन, छत्तीसगढ़ की ईट निर्माण इकाई, झारखण्ड के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सखी एवं इमली मूल्य श्रृंखला तथा विपणन और एक लाभार्थी, मध्य प्रदेश के सेनेटरी नैपकिन के विनिर्माण एवं विपणन तथा डीडीयू-जीकेवाई, राजस्थान के सोलर पैनल एवं लैम्प के विनिर्माण एवं विपणन, महाराष्ट्र के पशु सखी एवं डीडीयू-जीकेवाई, तमिलनाडु के दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए युक्तियां, तेलंगाना के एसएचजी के निर्माण के लिए बाहरी समुदाय संसाधन व्यक्ति, जम्मू एवं कश्मीर के डेरी फॉर्म तथा गुजरात के नीम बीजों का संग्रह एवं विपणन पर काम करने वाले स्वयं सहायता समूह शामिल हैं।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इस योजना में लगभग 9 करोड़ परिवारों को एसएचजी में जोड़कर उन्हें सक्षम बनाने के लिए टिकाऊ आजीविका अवसर प्रदान करने की बात की गई है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनआरएलएम महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़े संस्थागत मंच के रूप में उभरा है। इस मिशन ने अब 29 राज्यों एवं 5 केंद्र शासित राज्यों में 600 जिलों में फैले प्रखण्डों (ब्लॉक) में काम शुरू कर दिया है। मई, 2018 तक 45 लाख स्वयं सहायता समूहों में 5 करोड़ से अधिक महिलाओं को संगठित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 2.48 लाख ग्रामीण संगठनों तथा 20 हजार क्लस्टर स्तर संघों का भी उन्ययन किया गया है। अब प्रत्येक राज्य के पास राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन है जिससे विभिन्न स्तरों पर 20 हजार से अधिक पेशेवर व्यक्ति जुड़े हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं के संगठन को प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण उपलब्ध कराने और दीर्घकालीक सहायता प्रदान करना है।

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