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पीएम मोदी का करिश्माः 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीजेपी को मिले 50% से ज्यादा वोट

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लोक सभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी का ऐसा जादू चला कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का 17 राज्यों में खाता तक नहीं खुला। दूसरी ओर, बीजेपी ने कम से कम 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए। कांग्रेस केवल एक केंद्र शासित क्षेत्र पुडुचेरी में ही 50 फीसदी से ज्यादा वोट ला पाई। वहीं, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों में कांग्रेस के वोटों का आंकड़ा 10 फीसदी से कम रहा। पीएम मोदी ने अपने प्रचार में सबसे ज्यादा जोर राष्ट्रवाद पर तो कांग्रेस ने न्याय योजना पर दिया। नतीजे बताते हैं कि मतदाताओं को कांग्रेस का न्याय रास नहीं आया क्योंकि पार्टी आजादी के बाद से हर चुनाव में गरीबी हटाओ के वादे करती रही है। वहीं, बीजेपी का राष्ट्रवाद लोगों को पसंद आया क्योंकि अब तक कोई भी पार्टी इसे चुनावी मुद्दा बनाने से परहेज करती रही है।

बीजेपी+ शासित राज्यों में जीतीं 85 फीसदी सीटें
फिलहाल देश के 16 राज्यों में भाजपा+ की सरकार है और इनमें लोकसभा की कुल 253 सीटें हैं। बीजेपी और उसके गठबंधन के सहयोगियों ने इनमें से 216 सीटें यानी करीब 85 फीसदी सीटें जीत लीं। 2014 में पार्टी को इनमें से 212 सीटें मिली थीं और उसे चार सीटों का फायदा हुआ। कांग्रेस और उसके सहयोगियों को मात्र 15 सीट से संतोष करना पड़ा। पिछली बार यूपीए के हिस्से इन राज्यों की 26 सीटें आईं थीं। यानी उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ है।

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कांग्रेस शासित राज्यों में भी जीतीं 85 फीसदी सीटें
देश के 6 राज्यों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार है। इन राज्यों में कुल 107 लोकसभा सीटें हैं। पीएम मोदी के करिश्मे का यह असर रहा कि बीजेपी ने इन राज्यों में भी करीब 85 फीसदी सीटें जीत लीं। बीजेपी को इन राज्यों की 92 सीटें पर जीत मिली। वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगियों के हिस्से महज 14 सीटें आईं। 2014 में यह आंकड़ा 16 था। इन राज्यों में पिछली बार बीजेपी+ को 86 सीटें मिलीं थीं। इस बार पार्टी ने यहां अपनी 6 सीटें और बढ़ा लीं।

गैर बीजेपी-कांग्रेस सरकार वाले राज्यों में भी सीटें बढ़ीं
देश के जिन 9 राज्यों में गैर बीजेपी-कांग्रेस दलों की सरकारें हैं, वहां 178 लोकसभा सीटें हैं। यहां बीजेपी को 42 सीटें मिलीं जो 2014 की तुलना में 8 ज्यादा है। हालांकि, इन 9 राज्यों में कांग्रेस की सीटें भी बढ़ी हैं। 2014 में कांग्रेस+ के हिस्से महज 18 सीटें आईं थीं। इस बार यह आंकड़ा 58 पहुंच गया। बाकी 78 सीटें अन्य के खाते में गईं।

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कांग्रेस के न्याय पर भारी मोदी का राष्ट्रवाद
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए राष्ट्रवाद और कांग्रेस के लिए न्याय योजना प्रमुख मुद्दे रहे। पीएम मोदी ने प्रचार के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और पाकिस्तान के मुद्दे को राष्ट्रवाद से जोड़ा। इसी तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्याय योजना का प्रचार सबसे ज्यादा किया। भाजपा को गुजरात और राजस्थान में पूरी सीटें मिलीं। वहीं, पश्चिम बंगाल में भी भाजपा ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जमकर प्रचार किया। वहां भाजपा की सीटें 2 से बढ़कर 18 पर पहुंचीं।

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कांग्रेस ने गरीबों के साथ न्याय के रूप में पेश की थी ‘न्याय योजना’
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस न्याय योजना को गेम चेंजर बताती रही। राहुल गांधी ने अपने भाषणों में ज्यादातर समय लोगों को न्याय योजना क्या है, इसके बारे में बताया। राहुल ने अपनी रैलियों में बताया कि मोदी ने 15 लाख देने का झूठा वादा किया था, लेकिन हम न्याय योजना के तहत हर साल 72,000 रुपए देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को देंगे।

बीजेपी का चुनाव प्रचार और राष्ट्रवाद
भाजपा ने राष्ट्रवाद को अपने चुनाव प्रचार का मुख्य मुद्दा बनाया। मोदी ने अपनी रैलियों में राष्ट्रीय सुरक्षा, पाकिस्तान, आतंकवाद, सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक का ज्यादातर जिक्र किया। मोदी कई मौकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी सरकार की तुलना यूपीए सरकार से करते रहे।

पूरे देश में छा गए मोदी

  • बीजेपी को हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, दिल्ली, चंडीगढ़ और अरुणाचल प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक रहा।
  • उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को 50 फीसदी के करीब वोट मिले। पार्टी ने पश्चिम बंगाल में 40 प्रतिशत के आसपास मत हासिल किये और जम्मू कश्मीर में उसका मत प्रतिशत लगभग 46 प्रतिशत रहा।
  • गठबंधन वाले राज्यों में पंजाब में बीजेपी को 10 फीसदी, महाराष्ट्र में 27 फीसदी, असम में 35 फीसदी, बिहार में 24 फीसदी और तमिलनाडु में 3.34 फीसदी वोट मिले।

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