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राहुल की राजनीतिक हूटिंग जारी, कांग्रेस नेता वाघेला ने अनफॉलो किया

वघेला से पहले राणे, शीला, दिग्विजय, पवार भी राहुल पर भांज चुके हैं 'तलवार'

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राहुल गांधी की राजनीति में लगातार हूटिंग जारी है। कांग्रेसी नेता ही उनके नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। सवाल उठाने का अंदाज अपमानजनक है। चुनाव मैदान में एक के बाद एक पराजय से उनके नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं अब पार्टी के वरिष्ठ नेता भी खुलकर उनके खिलाफ अपने असंतोष का इजहार करने लगे हैं।

शंकर सिंह वाघेला ने राहुल को ट्विटर पर अनफॉलो किया
ताजा खबर गुजरात से है, जहां कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में चुनाव की जोर-शोर से तैयारी कर रही है। इस तैयारी को इस खबर से तगड़ा झटका लगा है कि शंकर सिंह वाघेला ने बगावत के सुर अपना लिए हैं। पर, पार्टी से ज्यादा ये बगावत राहुल गांधी के खिलाफ लगता है। वाघेला ने राहुल गांधी के ट्विटर अकाउन्ट को अनफॉलो कर दिया है।

नेतृत्व को वाघेली की खुली चुनौती !
पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ट्टिवटर अकाउन्ट अन फॉलो करना और उसको सार्वजनिक चर्चा में लाना दरअसल नेतृत्व को खुली चुनौती है।

वाघेला ने कांग्रेस नेताओं को भी अनफॉलो किया!
बात सिर्फ इतनी नहीं है कि उन्होंने राहुल गांधी को ट्विटर अकाउन्ट से अनफॉलो कर दिया। वाघेला ने पार्टी कई वरिष्ठ नेताओं के अकाउन्ट को भी अनफॉलो किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से वाघेला ने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बगावत का ये झंडा बुलन्द कर दिया है।

वाघेला ने हटाए बीजेपी के विरोध वाले ट्विट्स
राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि शंकर सिंह वाघेला बीजेपी नेताओं के सम्पर्क में हैं। वाघेला के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें इसलिए भी लग रही हैं क्योंकि उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी के विरोध वाले सभी ट्वीट्स हटा दिए हैं। हालांकि बीजेपी नेताओं की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।

राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा- विश्वजीत राणे
इससे पहले गोवा में कांग्रेस छोड़ चुके नेता विश्वजीत राणे ने दावा किया था कि अगर राहुल गांधी जैसे विफल नेतृत्व में कांग्रेस 2019 का चुनाव लड़ती है तो पार्टी का पूरे देश से सफाया हो जाएगा। विश्वजीत राणे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और पर्रिकर सरकार में मंत्री हैं।

इम्मैच्योर हैं राहुल – शीला दीक्षित
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी राहुल गांधी को ‘इम्मैच्योर’ कहा था। उन्होंने राहुल के नेतृत्व को परिपक्व होने के लिए थोड़ा और समय देने की बात कही थी। शीला दीक्षित का राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाने को राजनीतिक गलियारे में खूब तरजीह मिली थी।

ज्यादा रिएक्ट करें- दिग्विजय
खुद को राहुल गांधी का गुरु बताते रहे दिग्विजय सिंह ने भी मौके पर चौका जड़ने का अवसर जाने नहीं दिया था। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी को राजनीतिक मुद्दों पर ज्यादा रिएक्ट करना होगा। उन्हें फोर फ्रंट पर आकर राजनीति करनी होगी। तब भी माना यही गया था कि यह सलाह कम, आरोप ज्यादा है।

राहुल जनता को हमेशा उपलब्ध रहें- पवार

हाल ही में एनसीपी नेता शरद पवार ने भी राहुल गांधी को सलाह दी थी कि उन्हें राजनीति में आगे मुकाम बनाना है तो हर मौके पर दिखना होगा। उन्होंने राहुल गांधी को हमेशा उपलब्ध रहने और तत्पर रहने की जरूरत उन्होंने बतायी थी। शरद पवार की सलाह से भी यही संदेश निकला था कि मौका-बेमौका राहुल गांधी विदेश चले जाते हैं या फिर राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो जाते हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो बाहर वाले तो राहुल गांधी को पप्पू कहते ही रहे हैं, अब घर वाले भी पप्पू साबित करने में जुट गये हैं। जिन्हें बगावत करना हो, वो राहुल पर निशाना साधते हैं, जिन्हें नेतृत्व पर दबाव बनाना हो वो भी राहुल को ही निशाना बनाते हैं। ये ट्रेंड राहुल के नेतृत्व के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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