Home नरेंद्र मोदी विशेष पीएम मोदी के हर फैसले के साथ रहे हैं राष्ट्रपति प्रणब

पीएम मोदी के हर फैसले के साथ रहे हैं राष्ट्रपति प्रणब

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ऐसा विरला ही देखने को मिलता है कि अलग-अलग पार्टी से होने के बाद भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच एक तारतम्य, एक रिदम और एक समझ हो। दोनों एक-दूसरे के फैसले का पक्ष लेते हो। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हर फैसले पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का साथ मिला है। पीएम मोदी को राष्ट्रपति से उन मुद्दों पर भी जोरदार समर्थन मिला है जिसपर कांग्रेस कड़ा विरोध जताती रही है। इसका एक ही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई भी फैसला लेते हैं, तो उसमें सबसे पहले देश होता है। प्रधानमंत्री पार्टी, पॉलिटिक्स और परिवार को दूर रख, देश के प्रोग्रेस को ध्यान में रखकर फैसले लेते हैं। जिसका प्रणब मुखर्जी भी समर्थन करते रहे हैं।

चुनाव पर समर्थन
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 25 जनवरी को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का समर्थन करते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत की। राष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ कराने से खर्च और प्रबंधन के संदर्भ में कठिनाइयों को कम करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रपति ने इस बारे में चुनाव आयोग को कदम उठाने की सलाह देते हुए कहा कि वो सभी राजनीतिक पार्टियों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आए, ताकि इस मुद्दे पर विचार किया जा सके।

पीएम मोदी ने कहा था कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ होने चाहिए। इस पर सभी राजनीतिक दलों को साथ आना चाहिए और व्यापक बहस होनी चाहिए।

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की प्रशंसा
इसके पहले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पिछले साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ आह्वान की प्रशंसा कर चुके हैं। एक कार्यक्रम में पीएम मोदी की तारीफ में राष्ट्रपति ने कहा कि वह प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया और इस दिशा में पहल की। उससे महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा और देश आगे बढ़ेगा।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर आयोजित राज्य विधानसभाओं की महिला विधायकों और पार्षदों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह साफ है कि वह जो कहते हैं, वह करते हैं।

नोटबंदी पर मिला साथ
नोटबंदी को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का साथ मिला। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित कर सरकार की नीतियों का समर्थन किया। इस मौके पर उन्होंने नोटबंदी को भ्रष्टाचार से लड़ने का एक हथियार के रूप में चिन्हित किया और कहा कि लेन-देन के अधिक से अधिक नकदी रहित होने से अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ये कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगे।

नीतियों का किया समर्थन
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि हुई है, गरीबी अनुपात में दो-तिहाई की गिरावट आई है। मुखर्जी ने कहा कि आज हम विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन जैसी पहलें इनोवेशन और नए युग की उद्यमिता को प्रोत्साहन दे रही हैं, और कौशल भारत पहल के अंतर्गत, राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन 2022 तक 30 करोड़ युवाओं को कौशलयुक्त बनाने का काम कर रहा है।

स्वच्छ मिशन की सराहना
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की प्रमुख पहलों का निर्माण समाज कल्याण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य गांधीजी की 150वीं जयंती के साथ दो अक्तूबर, 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए मनरेगा जैसे कार्यक्रमों पर बढ़े व्यय से रोजगार में वृद्धि हो रही है।

आर्थिक सुधारों की तारीफ
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आर्थिक फ्रंट पर अच्छे नेतृत्व के लिए भी पीएम मोदी की तारीफ की। 23 दिसंबर 2016 को हैदराबाद में व्यवसाय जगत से जुड़ी हस्तियों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा कि जिस समय पूरी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल से आगे बढ़ रही हैं उस समय भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने हाल में ब्रिटेन जैसी अर्थव्यवस्था को भी पीछे छोड़ दिया। अब भारत की अर्थव्यवस्था विकास के शीर्ष पर है। प्रणव मुखर्जी ने पीएम मोदी द्वारा उठाए गए आर्थिक सुधारों के कदमों की तारीफ की।

राष्ट्रपति ने साफ कहा कि जो काम आज तक की सरकारें नहीं कर पाईं, वो काम मोदी सरकार ने कर दिखाया है। सरकार जो भी फैसले ले रही है, उसमें देश की जनता का हित छुपा है और इससे देश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदलेगी।

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