पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की भाषण शैली अद्भूत है। सभी लोग चाहे पक्ष में हों या विपक्ष में, उनके भाषण के कायल होते थे। उन्होंने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय समेत सभी मंचों से एक के बाद एक शानदार और यादगार भाषण दिया। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की सोच बड़ी साफ थी। उनका मानना था कि शांति के प्रयास होने चाहिए। हालांकि उनका मानना था कि शांति के प्रयास हमारी कमजोरी नहीं बल्कि विवाद सुलझाने की लालसा के प्रतीक हैं।
आइए जानते हैं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ मशहूर कोट्स –
1. आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं।
2. हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी की तरफ से परमाणु हमले के डर को खत्म करने के लिए हैं।
3. हकीकत यह है कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन उतने ही प्रभावी हो सकते हैं जितना उनके सदस्य उन्हें होने की अनुमति दें।
4. मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूं जो समृद्ध और मजबूत है। ऐसा भारत जो दुनिया के महान देशों की पंक्ति में खड़ा हो।
5. गरीबी बहुआयामी होती है। यह कमाई के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीतिक सहभागिता और हमारी संस्कृति व सामाजिक संगठनों के विकास पर भी असर डालती है।
6. पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध बनाने की कोशिशें हमारी कमजोरी का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता की संकेत हैं।
7. विकास के लिए शांति जरूरी है।
8. अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं होता, तो भारत भारत नहीं होता।
9. कोई बंदूक नहीं, केवल भाईचारा ही समस्याओं का समाधान कर सकता है।
10. सार्वजनिक दिखावे से शांत कूटनीति कहीं ज्यादा प्रभावी होती है।
11. मेरा कवि हृदय मुझे राजनीतिक समस्याएं झेलने की ताकत देता है।
12. देश एक मंदिर है, हम पुजारी हैं, राष्ट्रदेव की पूजा में हमें, खुद को समर्पित कर देना चाहिए।
13. लोकतंत्र एक ऐसी जगह है जहां दो मूर्ख मिलकर एक पावरफुल इंसान को हरा देते हैं।
14. मैं हमेशा से ही वादे लेकर नहीं आया, बल्कि इरादे लेकर आया हूं।
15. कड़ी मेहनत कभी भी थकान नहीं लाती, वो संतोष लाती है।
16. मेरे पास न दादा की दौलत है और न बाप की, मेरे पास सिर्फ मां का आशीर्वाद है।
17. सच सबसे बड़ा हथियार है और हर कोई जानता है कि सरकारी जगहों पर हथियार लेकर नहीं जा सकते।
18. अगर आपका देश पावरफुल है तो किसी की भी हमारे देश पर आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं होगी।
19. लोगों के सशक्तीकरण से देश का सशक्तीकरण होता है। आर्थिक विकास से सशक्तीकरण होता है और उसके माध्यम से सामाजिक बदलाव होता है।