एनडीए ने जब से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है विपक्ष बौखला गया है। वामपंथी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सब के सब हताश हैं। विपक्षी एकता की हेकड़ी तो गुम हो गई है लेकिन ‘बतोलेबाजी’ बंद नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और राजस्थान में पार्टी प्रभारी कुमार विश्वास ने एक ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर तंज किया है। विश्वास ने एनडीए द्वारा एक दलित को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर ट्वीट कर लिखा, ‘सत्तर बरस बिताकर सीखी लोकतंत्र ने बात, महामहिम में गुण मत ढूंढो, पूछो केवल जात।’
सत्तर बरस बिताकर सीखी लोकतंत्र ने बात,
महामहिम में गुण मत ढूँढो,पूछो केवल जात ???— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 20, 2017
इसके बाद उन्होंने ऐसे ही तंज वाली महाकवि दिनकर की कविता शेयर की. जो इस तरह है-
मूल जानना बड़ा कठिन है नदियों का, वीरों का धनुष छोड़कर और गोत्र क्या होता है रणधीरों का ? पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर, ‘जाति-जाति ‘ का शोर मचाते केवल कायर, क्रूर !
महामहिम चयन प्रसंग? pic.twitter.com/Qh5udxAcBB
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 20, 2017
दरअसल देश की राजनीति में जाति-जमात इतनी गहरे तक पैठ गई है कि समाज इससे निकल नहीं पा रहा है। यही राजनीति है जो आज तक दलित, ओबीसी, बीसी, सवर्ण, मुसलमान, क्रिश्चियन में बांटती आई है। जबसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी की घोषणा की तो गूगल में सबसे ज्यादा उनकी जाति ही सर्च की गई। ये जानने का प्रयास कम ही किया गया कि रामनाथ कोविंद कौन हैं? उन्होंने अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन में कितनी उपलब्धियां हासिल कीं? जिंदगी में उन्होंने कितना संघर्ष किया? किन संघर्षों से गुजरकर उन्होंने कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ीं? जानना तो बस इतना सा है कि वो किस जाति से आते हैं?
जातिवादी मानसिकता ने राजनीति की जिस परंपरा को आगे बढ़ाया है उसी की उपज तो मायावती जैसी नेता भी हैं… सो भला वे कैसे पीछे रहतीं… उन्होंने सबसे पहले कोविंद जी की जात बता दी। उन्होंने कहा,
”कोविंद कानपुर में कोली समुदाय से आते हैं। अगर कोई अन्य दलित उम्मीदवार मैदान में नहीं आता है तो वो कोविंद को सपोर्ट कर सकती हैं।”
बहरहाल मायावती की बात तो सब समझते हैं कि उनकी राजनीति ही जाति के आधार पर खड़ी हुई है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने जो टिप्पणी की वो काबिले गौर है।
How many of you logged onto Wikipedia today ? I did. #RamNathKovind
— Derek O’Brien (@quizderek) June 19, 2017
दरअसल भारतीय जनता पार्टी को दलित-पिछड़ा विरोधी बताने वाली विपक्षी पार्टियों को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती लग रही है। इसलिए उनकी टिप्पणी एक हद तक समझी जा सकती है। लेकिन पत्रकारों का क्या? वे क्यों बायस्ड रहे?
So Ramnath Kovind set to be president! When in doubt, turn to a ‘dalit’ face. Political tokenism yet again for highest post? #RamnathKovind
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 19, 2017
जातीय बंधनों को तोड़ कर समाजिक समानता और समरसता की राजनीति की बात तो सभी दल करते हैं, पत्रकार करते हैं, सामाजिक कार्यकर्ता करते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि वे भी जाति की राजनीति से निकल नहीं पाते हैं। तभी तो प्रधानमंत्री को भी वे ओबीसी और राष्ट्रपति को भी दलित के तौर पर देखते हैं। व्यक्ति की क्षमता, योग्यता, पद की गरिमा को तार-तार करती हुई राजनीति आगे बढ़ती जा रही है। लेकिन हकीकत ये भी है कि भारत बदल भी रहा है… क्योंकि भारत सबका साथ, सबका विकास की राजनीति पर चल पड़ा है… भारत एक भारत एक भारत, श्रेष्ठ भारत की राह पर अग्रसर है। जाहिर है बदलते भारत को कुमार विश्वास का ‘जाति’ वाला ट्वीट पसंद नहीं आया। ट्विटरबाजों ने विश्वास को निशाने पर लिया और क्या हुआ खुद देखिए।
आतंकवाद का धर्म क्या है
पता न कर पाये “आप”
गौरव प्रतिष्ठित महामहिम की
कहाँ से लाये जातबोलो बोलो कविराज
— Manoj Bhaiya (@ManojBhaiyaBsw) June 20, 2017
राज नीति में कुछ न सही न कुछ गलत होगा
पंजाब का अगला उप मुख्यमंत्री दलित होगादिल्ली के मशहूर शायर मिर्ज़ा केजरी
— @RoflGandhi_ की बीवी (@RofliGandhi_) June 20, 2017
16साल सुप्रीम कोर्ट में वकालत,सरकार के वकील रहे,राज्यसभा,IAS पास, संयुक्त राष्ट्र को संबोधित,गवर्नर #कोविंद
— Gourav Sharma (@qwertyGrv) June 20, 2017
बरसों बीते खोज न पाये आतंकवाद का धर्म,
महामहीम की ज़ात बता कर, हल्का करते मर्म??— abheeshek (@abhisheek986) June 20, 2017
सत्तर बरस बिताकर सीखी लोकतंत्र ने बात,
मुख्यमंत्री में गुण मत ढूँढो, बस करे जो बकवास ???— Vyani Singh (@_vyani) June 20, 2017
कुमार सर आप दिल के बड़े सच्चे है??
कुमार सर आप दिल के बड़े सच्चे है??
क्यों उलझते हो राजनीति में आप कवी ही अच्छे है?????????
— Mahesh Gupta (@imaheshgupta) June 20, 2017
Apne andar bhi kabhi jhaank kar dekha hota
Aina sare jamane ko dikhane wale— Khalid naseer khan (@Khalidnaseerkha) June 20, 2017
केजरी के भ्रष्टाचार पर कुमार सहवास के मुख से निकली न कोई बात,
क्योंकि खुजली के फेंकी रोटी (राजस्थान प्रभार) पर दिखा दी अपनी औकात— आवारा मसीहा (@Azaad_Barat) June 20, 2017
अंग्रेजों ने कांग्रेस को यही सिखाया धर्म और जाति मे बांट कर रखना बहुत दिन राज करोगे। उन्हे हटाने के लिए कुछ दिनो तक हर उपाय वही करना होगा।
— Raghavendra K. Pande (@raghav1943) June 20, 2017
कवीराज इनको महामहिम बनाने के लिए केजरीवाल के चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। आप के घोटालों का जिक्र भी किया करो कभी।।।
— Amarjit Singh (@amarsailor77) June 20, 2017
का कॉलम भी हटा दीजिये ,,,,,, जातिवाद और धर्मवाद का अन्धविश्वाश को दूर और जितना दूर कर सकते हैं कीजिये क्योंकि ऐसी में समाज का कल्याण है ।
— GOVIND MADHAV (@kmrmadhav007) June 21, 2017
पंजाब में दलित cm बनेंगे- केजरीवाल
अगर bjp दलित राष्ट्रपति की घोषणा करे तो तकलीफ
मतलब तुम नाचो तो डिस्को और हम नाचे तो मुजरा..— Gautam Gambhir? (@gautamgambhirji) June 20, 2017
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान, मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
— Raghav Sengar (@RomalSengar) June 20, 2017
अमेठी में खुद को पंडित कह के गर्व की अनुभूति कर चुनाव लड़ने तो आप ही गये थे कुमार भाई,,याददाश्त ठीक रखिए ये पब्लिक है सब जानती है,,,
— पुष्पेन्द्र सिंह (@Pushpendra) June 21, 2017
जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।— Raghav Sengar (@RomalSengar) June 20, 2017
जी बिल्कुल और जब #prtibhapatil महामहिम बनी थी तब आपका कविज्ञान कहा गया था
— kanchan kumar (@kanchan2903) June 20, 2017
सत्तर बरस बिताकर लोकतंत्र यहाँ पहुंचा
दिल्ली का cm,सीधा JNU के शपथ ग्रहण में रिबन काटने पहुंचा
सेना की भी कार्यवाही पर सबूत मांगने पहुंचा।— Raju Singla? (@raju1980singla) June 21, 2017