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केरल लव जिहाद मामले की जांच करेगी एनआईए-सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने केरल लव जिहाद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस आर वी रविंद्रन इस जांच की निगरानी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उस मुस्लिम युवक की अर्जी पर यह आदेश दिया है जिसके विवाह को केरल हाई कोर्ट ने लव जिहाद बताते हुए रद्द कर दिया था। केरल हाई कोर्ट ने मुस्लिम युवक शफीन जहां की शादी को लव जिहाद की संज्ञा दी थी। शादी के बाद हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने इसे लव जिहाद बताते हुए लड़की को उसके माता-पिता के पास भेज दिया था।

मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि एनआईए मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट पेश करे। जिसके बाद अदालत एनआईए की रिपोर्ट, केरल पुलिस से मिली जानकारी और लड़की से बातचीत करने के बाद विचार-विमर्श करके कोई निष्कर्ष निकालेगी। मामले की सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि इस तरह के और मामले हैं।

क्या है मामला?
केरल के वाइकोम की रहने वाली हिंदू लड़की अखिला तमिलनाडु में पढ़ाई कर रही थी। मुस्लिम युवक शफीन जहां ने अखिला को प्यार में फंसा कर हॉस्टल में रहने वाली दो मुस्लिम लड़कियों के जरिए उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया। धर्म परिवर्तन कराने के बाद अखिला का नाम हादिया हो गया। इसके बाद शफीन जहां ने पिछले साल दिसंबर में अखिला उर्फ हादिया से शादी कर ली।

फोटो सौजन्य

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेटी के धर्म परिवर्तन और शादी की खबर मिलने के बाद पिता केएम अशोकन ने केरल हाई कोर्ट में शादी तोड़ने के लिए अर्जी दी। पिता ने आरोप लगाया कि लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। अखिला के पिता ने यह आरोप भी लगाया कि धर्म परिवर्तन और इस्लामिक कट्टरपंथ के लिए पूरी तरह सुनियोजित एक व्यवस्था है। उन्होंने यह भी कहा कि लड़की को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के मिशन के लिए चुना गया था। इसके बाद केरल हाई कोर्ट ने विवाह रद्द करते हुए कहा था कि यह मामला ‘लव जिहाद’ का है। कोर्ट के मुताबिक शादी लड़की के जीवन का अहम फैसला था और यह माता-पिता की मौजूदगी में होनी चाहिए थी। हाई कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य पुलिस को ऐसे मामलों की जांच करने के लिए भी कहा था।

फोटो सौजन्य

शफीन जहां पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
नवभारत टाइम्स के अनुसार इसके बाद कथित मुस्लिम पति शफीन जहां ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जहां की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए और केरल सरकार से जवाब मांगा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप रही है जो यह पता लगाएगी कि क्या यह खास मामला एक छोटी जगह तक ही सीमित है या व्यापक रूप में है।

कपिल सिब्बल हैं वकील
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम युवक शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह का कहना था कि लड़की बालिग है और किसी भी धर्म को मानने के साथ ही किसी भी व्यक्ति से शादी करने को भी स्वतंत्र है। कपिल सिब्बल बार-बार ये कहते रहे कि हादिया की उम्र 25 साल है। वो बच्ची नहीं है। जजों को उससे मिलना चाहिए। जबकि पिता की तरफ से वकील माधवी दीवान ने कहा कि लड़की एक असहाय पीड़ित है, जो बुरी तरह से गिरोह में फंस गई। गिरोह मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां एक अपराधी है और लड़की आईएसआईएस के नेटवर्क में फंस गई है।

एनआईए ने हाल ही में लव जिहाद के कुछ मामलों की जांच की थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि केरल में कट्टरपंथी समूह के लोग धर्म परिवर्तन की कोशिश में लगे हैं। साथ ही वे धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बने लोगों को जिहाद के नाम पर अफगानिस्तान और सीरिया भी भेज रहे हैं।

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