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Scoll के न्यूज एडिटर की शर्मनाक पत्रकारिता

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व्हाट्सऐप, स्नैपचैट, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया ने पारंपरिक पत्रकारिता से अलग आम लोगों को एक बड़ी ताकत दी है, लेकिन कभी-कभी इसका दुरुपयोप भी होता है। इस पर गलत खबरों को वायरल करके सनसनी फैलाने की कोशिश की जाती हैं। ऐसे में एक पत्रकार से उम्मीद की जाती है कि वह लोगों के पास सही खबर पहुंचाएं, लेकिन अगर कोई पत्रकार, वह भी न्यूज एडिटर, गलत खबर वायरल करने की कोशिश करे तो उसे क्या कहिएगा? आम लोगों की गलतियों को तो नजरअंदाज किया जा सकता है, लेकिन एक सीनियर जर्नलिस्ट ऐसा करे तो! उसके ऐसा करने पर साफ लगता है कि इसके पीछे उसका कोई छिपा एजेंडा है। किसी की छवि बिगाड़ने का एजेंडा, किसी के प्रति दुष्प्रचार का एजेंडा। ऐसी शर्मनाक पत्रकारिता करने वालों के लिए मीडिया जगत में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। गलत जानकारी वायरल करने के लिए उनका बॉयकॉट होना चाहिए। साथ ही जिस मीडिया संस्थान से ऐसे पत्रकार जुड़े हों, उन्हें उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इससे उस संस्थान की विश्वसनीयता कायम रहेगी। इसी तरह की शर्मनाक पत्रकारिता का ताजा उदाहरण हैं scroll.in के न्यूज एडिटर रोहन वेंकट, जो इस समय सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता ना करके, अपनी छिपे एजेंडे की पूर्ति कर रहे हैं

आगे बढ़ने से पहले आप इन तस्वीरों को देखिए। ये दोनों तस्वीरें दो साल पहले, मई 2015 की हैं।

जहां से यह तस्वीरें ली गई हैं, आप वह वीडियो भी देख सकते हैं। यह वर्ष 2015 की है।

रोहन वेंकट ने पत्रकारिता धर्म को निभाए बिना, केवल सनसनी फैलाने के लिए इन तस्वीरों को री-ट्वीट करके यह बताने की कोशिश की है कि मुंबई के लिंकिंन रोड स्थित फीनिक्स मॉल में बारिश के पानी के कारण शार्क मछलियां तक वहां पहुंच गई हैं।

सवाल यह उठता है कि आखिर एजेंडा पत्रकारिता को लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया के कुछ पत्रकार कब तक लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते रहेंगे। सोशल मीडिया के जमाने में लोग खुद उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा देंगे।

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