प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वायुसेना ने पुलवामा अटैक का बदला लेते हुए पाकिस्तान में मौजूद आंतकी शिविरों को नेस्तनाबूत कर दिया है। भारत समेत पूरी दुनिया में इसके लिए मोदी सरकार और इंडियन एसरफोर्स की तारीफ रही है। लेकिन भारत में मौजूद कुछ पाकिस्तान परस्त राजनीतिक दलों को यह सब हजम नहीं हो रहा है। जहां आज पूरा देश प्रधानमंत्री मोदी से साथ खड़ा है, वहीं सपा, माकपा जैसे दलों के नेता इस हमले पर ही सवाल उठा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी ने तो सारी हदें पार कर दी हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह ने वायुसेना की एयर स्ट्राइक को झूठा करार दिया है। विनोद कुमा ने कहा कि बीजेपी झूठ बोलने वालों की पार्टी है। इस सपा नेता ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान से बात करके वहां खाली मकान पर बम गिराया है। सर्जिकल स्ट्राइक में कोई आतंकी नहीं मारा गया है।
सीपीएम ने हमले के पीछे भाजपा-आरएसएस की साजिश बताया
भारत की तरफ से पाकिस्तान की सरजमीं पर चल रहे आतंकी शिविरों को नष्ट करने की ऐतिहासिक घटना को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी झूठा करारा दिया है। सीपीएम की केरल इकाई के राज्य सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने कहा है कि भारत द्वारा किया गया हवाई हमला आम चुनाव की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक चाल है। बालाकृष्णन ने कहा कि इस हमले को आम चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ युद्ध भड़काने की बीजेपी-आरएसएस गठजोड़ की एक चाल के रूप में देखा जा सकता है, ताकि चुनाव को टाला जा सके। उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के बदले कश्मीर के लोगों को दुश्मन बनाने की कोशिश कर रही है।
बालाकृष्णन ने कहा, ‘इस समय मुस्लिम विरोधी भावना को बढ़ावा देकर एक सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की जा रही है। चुनाव में पराजय की आशंका से बीजेपी लोगों के दिमाग में भय पैदा करने और युद्ध के हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है।’
महबूबा मुफ्ती ने भी एयर स्ट्राइक का विरोध किया
पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी भारत द्वारा किए गए हवाई हमले पर अलग ही राय जाहिर की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि लोग जंग की संभवानाओं को लेकर खुशी मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सही मायनों में जहालत है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा, ‘आज भारतीय वायुसेना के हमले के बाद ट्विटर और न्यूज चैनलों पर बड़े पैमाने पर युद्धोन्माद हुआ। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि पढ़े-लिखे लोग की जंग की संभावना पर खुशी मना रहे हैं। यह सही मायनों में जहालत है।
Todays IAF strikes were followed by mass war hysteria on twitter & news channels. Most of these people are ignorant who have suspended the use of common sense. But its disconcerting that educated privileged people are cheering on at the prospect of a war. This is true jahaalat.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) 26 February 2019
अपने एक ट्वीट में महबूबा ने कहा, अगर मेरा प्रतिरोध गैरजरूरी है और लोग मेरे राष्ट्रवाद पर सवाल उठाते हैं तो ऐसा ही हो। मैं शांति का पक्ष लूंगी। मैं लोगों की जान बचाने का रास्ता चुनूंगी। वहीं अपने एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने कहा, पुलवामा हमले ने निसंदेह देश के महौल को खराब कर दिया है। लोग खून और बदले के लिए पागल हो रहे हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंसा से हिंसा ही पैदा होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया के किस हिस्से में शांति का पक्ष लेना और अर्थहीन हिंसा का विरोध करने पर किसी को गद्दारी कहलाता है।