Home समाचार फर्जी विरोध के जरिये चेहरा चमकाने का ‘बुद्धिजीवी’ फंडा !

फर्जी विरोध के जरिये चेहरा चमकाने का ‘बुद्धिजीवी’ फंडा !

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विरोध किसी भी लोकतांत्रिक समाज का अधिकार है। लेकिन यही विरोध जब नाजायज कारणों से होने लगे तो इनपर सवाल खड़े होने लगते हैं। लेखिका रूपा सुब्रमण्या ने ऐसा ही विरोध किया है जो इनके तथाकथित बुद्धिजीवी होने पर भी सवाल खड़े करता है। मोदी विरोध के नाम पर अपना नाम चमकाने के चक्कर की गई हरकत उनकी ओछी मानसिकता ही दिखाती है। पीएम मोदी के नाम पर विरोध इतना तीखा कि लगता है एक छात्र को प्रधानमंत्री कार्यालय की मदद मिलना भी इन्हें गंवारा नहीं है। उल-जुलूल तर्कों के जरिये प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय को घेरने की रूपा सुब्रमण्या की मंशा अब जगजाहिर हो चुकी है। लेकिन आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आखिर क्यों रूपा सुब्रमण्या कठघरे में हैं?

पीएमओ की पहल से मिली मदद
दरअसल गुड़गांव में काम करने वाले सुनील ठाकुर के लड़के सुमित ठाकुर का एडमिशन आईएमटी हैदराबाद में होना तय हुआ था, लेकिन बैंक में उनका सिबिल रेकॉर्ड खराब था। उन्हें लोन मिलने में परेशानी आ रही थी और एडमिशन का समय चूक जाने का खतरा था। 29 अप्रैल तक फीस जमा करना था लेकिन कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। सुमित ने 7 अप्रैल को पीएम को संबोधित करते हुए उनकी वेबसाइट पर अपनी पीड़ा लिखी। दस दिन बाद ही 20 अप्रैल को बैंक की तरफ से फोन आया कि उनका एजुकेशन लोन पास हो गया है। सुमित ने जब पता किया तो पता चला कि पीएमओ ने ही 19 अप्रैल को पीएनबी बैंक की कोलकाता हेड ऑफिस को सुमित की शिकायत भेजी थी जिसके बाद सुमित का लोन अगले ही दिन पास कर दिया गया। पीएमओ की ऐसी सकारात्मक पहल भी रूपा सुब्रमण्या जैसी फर्जी बुद्धिजीवियों को रास नहीं आई और सराहना करने के बजाय शिकायत करने लगीं। आइए दिखाते हैं उनके कुछ ट्वीट्स-

अब सवाल ये कि कि रूपा सुब्रमण्या को ये क्यों लगता है कि इस व्यवस्था को संस्थागत रूप देना जरूरी है। क्या पीएमओ को वे एक संस्था नहीं मानती हैं? क्या उन्हें ये लगता है कि प्रधानमंत्री अलग है, पीएमओ अलग है, मंत्रिपरिषद अलग है, सरकार अलग है और जनता कहीं दूर खड़ी है। जनता से जुड़े रहने का जो तौर-तरीका वर्तमान प्रधानमंत्री का है, क्या रूपा सुब्रमण्या ने पहले भारत में कभी अनुभव किया है? क्या पूर्व में भी ऐसा उदाहरण है? जाहिर है जवाब ना में ही होगा। दूसरी तरफ रूपा सुब्रमण्या ने व्यवस्था पर ही सवाल उठाए हैं तो उन्हें ये भी देखना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के कल्याण के लिए कितने कदम उठाए हैं। आइए हम रूपा सुब्रमण्या और उनकी जैसी अन्य फर्जी बुद्धिजीवियों की आंख खोलने के लिए कुछ योजनाओं का जिक्र करते हैं जो छात्रों के लिए चलाई जाती हैं : –

हर कदम पर छात्रों के साथ है मोदी सरकार

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल

प्रतिभाशाली भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा का खर्च वहन करने में वित्तीय चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए भारत सरकार उन्हें छात्रवृत्ति देकर वित्तीय मदद देती है।

पहले विभिन्न शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया लंबी कागजी कार्रवाई के कारण छात्रों के लिए एक मुश्किल काम था। सरकार द्वारा शैक्षिक छात्रवृत्तियों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उन्हें एक जगह से दूसरी जगह दौड़ना पड़ता था। मोदी सरकार ने इस समस्या का समाधान राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के रुप में दिया है।

  • एक अद्वितीय और सरल मंच है जो छात्रों के लिए एक कुशल और पारदर्शी तरीके से शैक्षिक छात्रवृत्ति का लाभ उठानें में मदद करने के लिए बनाई गई है।
  • इसके माध्यम से एक स्थान पर छात्रों के लिए सेवाओं – छात्र आवेदन, आवेदन प्राप्ति, प्रसंस्करण, मंजूरी और विभिन्न छात्रवृत्तियों के वितरण को सक्षम किया गया है।
  • राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) के तहत मिशन मोड परियोजना के रूप में लिया गया है।
  • इस पहल का उद्देश्य एक मिशन उन्मुख, सरलीकृत, जवाबदेह, उत्तरदायी और पारदर्शी ‘स्मार्ट’ प्रणाली को उपलब्ध कराना है जिससे छात्रवृत्ति आवेदन का त्वरित एवं प्रभावी निपटान हो सके एवं बिना किसी लीकेज के धन का वितरण सीधे लाभार्थियों के खाते में किया जा सके।

विद्या लक्ष्मी पोर्टल

  • बैंकों से शैक्षिक ऋण पाने के इच्छुक छात्रों के लाभ के लिए एक विद्या लक्ष्मी नामक वेब आधारित पोर्टल शुरू किया गया।
    • 15 अगस्त 2015 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुरू किया गया विद्या लक्ष्मी वेब आधारित पोर्टल अपनी तरह का एक पहला पोर्टल है जो छात्रों को बैंकों से शैक्षिक ऋण के लिए जानकारी और आवेदन करने के लिए एकल खिड़की उपलब्ध कराता है।
    • यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मार्गदर्शन में एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एनएसडीएल ई-शासन) द्वारा विकसित किया गया है।
    • केंद्रीय बजट 2015-16 में प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी कार्यक्रम के माध्यम से एक पूरी तरह से आईटी आधारित छात्र वित्तीय सहायता प्राधिकरण प्रशासन की स्थापना का प्रस्ताव शैक्षिक ऋण योजनाओं की निगरानी के लिए किया था, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी छात्र धन की कमी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। 
    • पोर्टल की विशेषताएं हैं-
  • बैंकों के शिक्षा ऋण योजनाओं के बारे में जानकारी
  • छात्रों के लिए सामान्य शैक्षिक ऋण आवेदन पत्र
  • शैक्षिक ऋण के लिए कई बैंकों में आवेदन करने की सुविधा
  • छात्रों के ऋण आवेदन पत्र डाउनलोड करने के लिए बैंकों को सुविधा
  • ऋण प्रसंस्करण स्थिति अपलोड करने के लिए बैंकों को सुविधा
  • छात्रों के लिए बैंकों को शैक्षिक ऋण से संबंधित शिकायतों/प्रश्नों को ईमेल करने के लिए सुविधा
  • छात्रों को अपने ऋण आवेदन की स्थिति को देखने के लिए डैशबोर्ड की सुविधा
  • सरकारी छात्रवृत्ति के लिए जानकारी और आवेदन के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से लिंकेज

छात्रवृतियां

भारत सरकार हर साल दसवीं तथा बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अपने मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त संस्थाओं के माध्यम से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय छात्रवृतियां देती है ।
किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना ( के.वी.पी.वाई. ) :-

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से शुरू की गयी ये छात्रवृति योजना बेसिक साइंस के लिए है जिसका उद्देश्य मूल रूप से छात्रों की रुचि, विज्ञान एवं अनुसंधान की तरफ ले जाना है। इसके लिए छात्रों का चयन ग्यारवीं कक्षा से लेकर बेसिक साइंस के स्नातक के पहले वर्ष के छात्रों में से किया जाता है।

पैनासोनिक छात्रवृत्ति 2016 :-

यह छात्रवृत्ति उन बाहरवीं पास छात्रों के लिए है जो इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं। 42,500 रुपये प्रति वर्ष प्रति छात्र की छात्रवृत्ति सहायता करके चार साल उनकी ट्यूशन फीस को कवर करती है तथा आईआईटी के स्नातक अध्ययन में प्रवेश के लिए पात्र बनाती है।

आर डी सेठना छात्रवृत्ति कोष :-

वे छात्र जिन्होंने माध्यमिक विद्यालय परीक्षा कम से कम 50 % अंकों के साथ उत्तीर्ण की है, इसके लिए आवेदन कर सकते हैं ।इस छात्रवृत्ति के साथ छात्रों को जाति और समुदाय की परवाह किए बिना भारत में कहीं भी और विदेश में, वैज्ञानिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक या तकनीकी विषयों का अध्ययन करने का मौका मिलता है ।

फाउंडेशन फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस एंड एक्सेस (FAEA) :-

FAEA सामाजिक और आर्थिक रूप से समाज के वंचित वर्गों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है। छात्रों को अपने अकादमिक उत्कृष्टता और सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर चुना जाता है। सभी भारतीय छात्र जो कि यहां के स्थायी हैं और जिन्होंने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है इस छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं।

अल्पसंख्यक समुदायों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति:-

11 वीं, 12 वीं कक्षा के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए ये छात्रवृत्ति 7,000-12,000 रुपए सालाना प्रदान करती है जिसमे वर्गीकरण अल्पसंख्यक दर्जे के अनुसार ही किया जाता है।

स्कीम फॉर अर्ली अट्रैक्शन ऑफ टैलेंट (SEATS):-

हर साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित किया जाने वाला ये कार्यक्रम छात्रों को विज्ञान परियोजना बनाने और यह प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्रत्येक छात्र को प्रदर्शनी में परियोजना को प्रदर्शित करने के लिए और परिवहन लागत के लिए 5000 रुपए की राशि मिलती है। प्रमाण पत्र अत्यधिक मान्यता प्राप्त है और भविष्य में काफी काम आता है।

अमूल विद्या श्री और विद्या भूषण पुरस्कार :-

अमूल विद्या श्री पुरस्कार, राज्य बोर्ड / केंद्रीय बोर्ड / आईसीएसई परीक्षा में कक्षा 10 के मेधावी छात्रों के लिए जबकि अमूल विद्या भूषण पुरस्कार बारहवीं कक्षा के मेधावी छात्रों के लिए है।

लड़कियों के लिए ए.आई.सी.टी.ई. छात्रवृत्ति योजना (SSGC):-

छात्राओं के लिए ये छात्रवृत्ति योजना तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई द्वारा प्रदान की जाती। इसका एकमात्र उद्देश्य है कि डिग्री और डिप्लोमा स्तर पर छात्राओं का अनुपात कम न हो एवं भारत भर में इच्छुक बालिकाएं तकनीकी शिक्षा से वंचित न रहें।

द लोर इंडिया फाउंडेशन स्कालरशिप ट्रस्ट :-

सामाजिक उद्यमशीलता के लिए काम करता ये ट्रस्ट 10 वीं, 11 वीं और 12 वीं के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम चलाता है जिसमे विद्यार्थियो को लर्निंग एप्टीट्यूड टेस्ट (LAT) के माध्यम से चुना जाता है। इस कार्यक्रम के तहत छात्रवृत्ति की कुल राशि 5 करोड़ रूपए है ।

ट्रस्ट फंड से छात्रवृत्ति योजना :-

इस योजना के तहत विकलांग छात्रों को एक मान्यता प्राप्त संस्थान से डिग्री और / या स्नातकोत्तर स्तर की तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें हर वर्ष 2500 छात्रवृतियों का प्रावधान है।

इंडियन ऑयल अकादमिक स्कालरशिप :-

हर शैक्षणिक वर्ष में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से पूरे भारत से मेधावी छात्रों को 2600 छात्रवृतियां दी जाती हैं। प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ-साथ 10 +/ आई.टी.आई. के छात्र भी इसके लिए पात्र हैं। छात्रवृत्ति के लिए उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर चुना जाता है।

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