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उपलब्धियां 2017: ‘पहल’ में विश्व रिकॉर्ड के साथ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बनाये कई मानदंड

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार की सबसे बड़ी विशेषता है योजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करना और देशवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए नई-नई पहल पर अमल करते रहना। मौजूदा सरकार का तो यह ट्रेडमार्क ही बन चुका है। वर्ष 2017 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने भी इसी इसी राह पर चलते हुए कई उपलब्धियां दर्ज कीं। एक नजर उनमें से 10 पर :   

1. रफ्तार में प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने की यह योजना समय से आगे चल रही है। 1 मई 2016 को शुरू हुई इस योजना के तहत तीन वर्ष में पांच करोड़ कनेक्शन दिये जाने हैं और अब तक 3.20 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इनमें से 30.5 प्रतिशत कनेक्शन अनुसूचित जाति और 13.3 प्रतिशत कनेक्‍शन अनुसूचित जनजाति वर्गों को दिये गये हैं।

2. DBT से जुड़ी पहल योजना का विश्व रिकॉर्ड

डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) को लेकर मोदी सरकार की योजना ‘पहल’ के दायरे में 13 नवम्‍बर, 2017 तक 19.12 करोड़ से अधिक उपभोक्‍ता आ चुके हैं। पहल को सबसे बड़ी प्रत्‍यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। तीन वर्ष पहले 54 जिलों के साथ शुरू की गई इस योजना को इस वर्ष 1 जनवरी से देश भर में लागू किया गया। पहल के कारण बेनामी खातों, एक से अधिक खातों और निष्क्रिय खातों की पहचान करने में बड़ी मदद मिली है और अब तक 58,243 करोड़ रुपये उपभोक्‍ताओं के बैंक खातों में जारी किये जा चुके हैं।

3. एलपीजी कनेक्शन की कवरेज बढ़ी

वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान अब तक 2.15 करोड़ से अधिक नये एलपीजी कनेक्‍शन दिये गए हैं। राष्‍ट्रीय एलपीजी कवरेज 11 जनवरी, 2015 को 60.6 प्रतिशत थी जो 01 नवम्‍बर, 2017 को बढ़कर 78.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है। एलपीजी दायरे को और बढ़ाने के लिए देश के विभिन्‍न राज्‍यों में 6,149 नई एलपीजी डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप देने का विज्ञापन दिया गया, जिसकी चयन प्रक्रिया चल रही है।

4. राष्‍ट्रीय गैस ग्रिड (प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा) का विस्तार

गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था और ऊर्जा बास्‍केट में गैस का हिस्‍सा 15 प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्‍य से सरकार 15 हजार किलोमीटर अतिरिक्‍त गैस पाइप लाइन नेटवर्क के विकास की योजना पर काम कर रही है। इस समय देश में प्राकृतिक गैस ग्रिड पश्चिमी, उत्‍तरी और दक्षिण-पूर्वी गैस बाजार को जोड़ता है। ये क्षेत्र प्रमुख गैस संसाधन वाले क्षेत्र हैं। देश के पूर्वी हिस्‍से को स्‍वच्‍छ ऊर्जा देने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर सरकार ने 5,176 करोड़ रुपये के पूंजी अनुदान को मंजूरी दी है।

5. शहरी गैस वितरण (CGD) तंत्र का बढ़ता दायरा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मार्च 2015 में यह घोषणा की थी कि शहरों में पाइपलाइन गैस कनेक्‍शन को 28 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य था शहरों में प्रदूषण में कमी लाना। इसके तहत 31 सीजीडी कंपनियां 21 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 81 स्‍थानों में सीजीडी तंत्र का विकास करने में लगी हैं। इस समय ये कंपनियां पीएनजी के रूप में स्‍वच्‍छ रसोई गैस के लगभग 40 लाख कनेक्‍शन प्रदान कर रही हैं। सरकार की कोशिश है कि गैस उपलब्‍धता और पाइप लाइन कनेक्‍शन के आधार पर देशभर में सीजीडी तंत्र का दायरा अधिक से अधिक बढ़ाया जाए।

6. डिजिटल भुगतान को प्रोत्‍साहन

पेट्रोलियम पदार्थों के खुदरा बिक्री केंद्रों से बड़े पैमाने पर डिजिटल भुगतान शुरू हो गया है। 28 नवम्‍बर, 2017 तक देश के 49,204 (90 प्रतिशत) पेट्रोल पंपों में 82,132 पीओएस टर्मिनल और 81,070 ई-वॉलेट सुविधाएं दी जा चुकी हैं। इन ब्रिकी केंद्रों से 95 प्रतिशत से अधिक ईंधन की ब्रिकी होती है।

7. परिशोधन क्षेत्र हुआ और सक्षम

देश न सिर्फ घरेलू खपत के लिए परिशोधन क्षमता में आत्‍म निर्भर हुआ है, बल्कि वह पर्याप्‍त मात्रा में पेट्रोलियम उत्‍पादों का निर्यात भी करता है। देश में अभी 23 रिफाइनरी प्लांट्स यानी परिशोधन संयंत्र काम कर रहे हैं, जिनमें से 18 सार्वजनिक क्षेत्र, 3 निजी क्षेत्र और दो संयुक्‍त उपक्रम के हैं। इनकी कुल परिशोधन क्षमता 247.566 एमएमटीपीए है। इस कुल परिशोधन क्षमता में से सार्वजनिक क्षेत्र की क्षमता 142.066 एमएमटी, संयुक्‍त उपक्रमों की 17.3 एमएमटी और निजी क्षेत्र की 88.2 एमएमटी है।

8. देश में बीएस-4 ईंधन की शुरुआत

सरकार ने चरणबद्ध तरीके से 01 अप्रैल, 2017 से पूरे देश में बीएस-4 ऑटो-ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी है। यह भी फैसला किया गया है कि बीएस-4 से सीधे बीएस-6 वर्ग का ईंधन लागू किया जाएगा, जो पूरे देश में 01 अप्रैल, 2020 से कार्यान्वित किया जाएगा। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। वैसे, दिल्‍ली में प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली में बीएस-6 को 01 अप्रैल, 2018 से लागू कर दिया जाए।  

9. पड़ोसी देशों के साथ पाइपलाइन निर्माण पर काम

सरकार की ‘ऐक्‍ट-ईस्‍ट’ नीति के मद्देनजर पड़ोसी देशों के साथ हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में कई समझौते किये गए हैं। इनके तहत बांग्‍लादेश और नेपाल जैसे हमारे पड़ोसी देशों के साथ विभिन्‍न पाइपलाइनों का निर्माण किया जा रहा है, जो हमारे गैस ग्रिडों से जुड़ेंगी। नेपाल, भूटान और मॉरिशस के साथ हमारा विशाल हाइड्रोकार्बन व्‍यापार होता है। भारत ने म्‍यांमार को पेट्रोलियम उत्‍पादों का पहला परीक्षण कार्गो भेजा। इसके साथ ही एक अंतर्राष्‍ट्रीय जेवी कंपनी के जरिये श्रीलंका के साथ एक एलएनजी टर्मिनल स्‍थापित करने की दिशा में भी काम चल रहा है।

10. स्‍टार्टअप निधि और स्किल काउंसिल की स्थापना

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों ने तीन वर्ष के लिए 320 करोड़ रूपये की स्‍टार्टअप निधि स्‍थापित की है। इन्‍होंने अपनी स्‍टार्टअप वेबसाइट शुरू कर दी है और पहले चरण में 29 स्‍टार्टअप फर्मों को चुना गया है। वहीं कौशल विकास कार्यक्रमों के आधार पर प्रमाणन के लिए हाइड्रोकार्बन सेक्टर स्किल काउंसिल की स्‍थापना की गई है। इसका लक्ष्‍य 2022 तक इस क्षेत्र में लगभग 7.3 लाख लोगों को प्रशिक्षित करना है।

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