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उपलब्धियां 2017: टूरिज्म इंडेक्स में भारत की ऊंची छलांग, देखिए पर्यटन मंत्रालय की 10 बड़ी पहल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी लोगों को अपने-अपने राज्य के पर्यटन स्थलों के साथ ही देश में नई-नई जगहों की सैर करने की सलाह देते रहे हैं। इससे सहज अंदाजा हो जाता है कि पर्यटन को बढ़ावा देने पर उनका कितना जोर है। टूरिज्म को लेकर प्रधानमंत्री की सोच पर आगे बढ़ते हुए पर्यटन मंत्रालय ने इस वर्ष कई खास पहल की है साथ ही अपने खाते में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज कराई हैं। एक नजर उन्हीं में से 10 पर:

1. पर्यटन की प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत की ऊंची छलांग

Travel and Tourism Competitive Index (TTCI) 2017 में भारत 2013 की तुलना में 25 पायदान ऊपर पहुंच गया। TTCI की रिपोर्ट में इस साल भारत का स्‍थान 40वां था, जबकि 2015 में यह 52वें और 2013 में 65वें स्‍थान पर था।

2. विदेशी पर्यटकों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी

इस वर्ष जनवरी से नवंबर के बीच 90.01 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 15.6 प्रतिशत अधिक है। वहीं इस वर्ष जनवरी से नवंबर के बीच 9.17 लाख विदेशी पर्यटक ई-पर्यटन वीजा पर भारत आए। पिछले वर्ष की इसी अवधि की संख्या के मुकाबले यह 58.8 प्रतिशत की वृद्धि है।

3. पर्यटन से बढ़ी विदेशी मुद्रा की आमदनी

पर्यटन विदेशी मुद्रा अर्जित करने के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है। देश का इस वर्ष जनवरी से नवंबर के बीच पर्यटन से 1,60,865 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित हुई। पिछले वर्ष इस पीरियड में अर्जित विदेशी मुद्रा से यह 16.9 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी है।

4. टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कई प्रोजेक्ट

पर्यटकों को बेहतर पर्यटन का अनुभव हो, इसके लिए टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी गई है। स्‍वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत थीम आधारित पर्यटन यात्रा मार्गों को विकसित किया गया है। 2017-18 के दौरान 824.80 करोड़ रुपये की लागत से 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 5648.71 करोड़ रुपये की लागत से कुल 67 परियोजनाओं की स्‍वीकृति दी गई है।

5. तीर्थस्थलों के समग्र विकास के कार्यक्रम

Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive (PRASHAD) योजना के अंतर्गत तीर्थस्‍थलों की पहचान करके समग्र विकास करने के कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। 2017-18 के दौरान 98.84 करोड़ रुपये की लागत से कुल 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत अब तक 587.29 करोड़ रुपये की लागत से कुल 21 परियोजनाओं को मंजूर किया गया है।

6. विशेष पर्यटन क्षेत्रों की योजना के लिए दिशा-निर्देश तैयार

2017-18 के बजट में यह घोषणा की गई कि राज्‍यों के साथ मिलकर विशेष पर्यटन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। राज्‍य सरकारों और निजी क्षेत्रों के साथ विचार-विमर्श करके पर्यटन मंत्रालय ने इस नई योजना के लिए दिशा-निर्देश तैयार किये हैं। विशेष पर्यटन क्षेत्र के निर्माण से उस क्षेत्र का समग्र विकास होगा। जीविका के अवसरों का निर्माण होगा और स्‍थानीय लोगों के जीवन स्‍तर में वृद्धि होगी।

7. देश भर में पर्यटन पर्व का आयोजन

अक्‍तूबर 2017 में 31 राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों में पर्यटन पर्व का आयोजन किया गया। ‘सभी के लिए पर्यटन’ इस कार्यक्रम की मुख्‍य थीम थी। कार्यक्रम में सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, फूड फेस्टिवल, पर्यटन प्रदर्शनी, हथकरघा और हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादों का प्रदर्शन, योग सत्र, पर्यटन व विरासत भ्रमण, छात्रों के लिए पर्यटन आधारित प्रतियोगिता, जागरूकता कार्यक्रम, सेमीनार और कार्यशालाएं शामिल थीं।

8. तीन रेलवे स्टेशनों पर पर्यटन सुविधाओं का विकास

पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन के दृष्टिकोण से कोंकण रेलवे के महत्व पर विचार करते हुए गोवा में मडगांव, कारमली और थिविम रेलवे स्टेशनों पर पर्यटन सुविधाओं का विकास करने के लिए 2499.98 लाख रुपये स्वीकृत किये है। कोंकण रेलवे की यात्रा सुंदर परिदृश्यों के कारण देश में सबसे यादगार ट्रेन यात्राओं में से एक है।

9. प्राकृतिक दृश्यों वाले रूटों पर कांच की छत वाले डिब्बे

पर्यटन मंत्रालय ने अपनी रेल पर्यटन नीति के तहत रेल मंत्रालय के साथ सहयोग कर तीन कांच वाले डब्बे बनाये हैं जिन्हें देश के प्राकृतिक दृश्यों वाले मार्गों पर संचालित किया जा रहा है। कांच की छत वाले ये डब्बे घूमने वाली आरामदायक सीटें, स्वचालित सरकने वाले दरवाजे, छोटी पेंट्री और चौड़े दरवाजे से लैस हैं। इस वर्ष कांच की छत वाले दो डब्बे विशाखापत्तनम-अरकू घाटी और दादर से मडगांव मार्ग पर चलाए गए है। एक और कांच की छत वाला डब्बा जम्मू और कश्मीर में काजीगंड-बारामूला मार्ग के लिए है।

10. ब्रह्मपुत्र में पर्यटन बढ़ाने के नये प्रयास

ब्रह्मपुत्र नदी में पर्यटन काफी लोकप्रिय है। दो जहाजों-एमवी महाबहु और एमवी चाराईडिऊ- का असम के सोऊलकूची और मजौली के बीच संचालन किया जा रहा है। विदेशी और घरेलू पर्यटक इसका पूरा आनंद ले रहे है। Inland Waterways Authority of India (IWAI) दो रो-रो जहाज प्राप्त करने की भी प्रक्रिया में है। पहले जहाज की क्षमता 8 ट्रकों सहित 100 यात्रियों को ढोने की होगी जबकि दूसरे जहाज में 12 ट्रक और 100 यात्री ढोए जा सकेंगे।

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