Home विशेष हामिद अंसारी की सोच शुरू से राष्ट्रविरोधी है, जानिए क्यों?

हामिद अंसारी की सोच शुरू से राष्ट्रविरोधी है, जानिए क्यों?

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10 अगस्त 2017 को उपराष्ट्रपति का पद छोड़ने के बाद से हामिद अंसारी लगातार अपने बयानों के कारण विवादों में बने हुए हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर का मामला हो, तीन तलाक के कानून का विरोध हो या देश के हर जिले में शरिया अदालतें स्थापित करने का ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रस्ताव हो, सभी का हामिद अंसारी ने समर्थन किया है। हामिद अंसारी लगातार कह रहे हैं कि देश के मुसलमानों के मन में भय पैदा हो रहा है। हामिद अंसारी की इस देश विरोधी सोच की कुछ और परतों को रॉ के पूर्व अधिकारी आर के यादव ने Mission R&AW में  उजागर किया है।

रॉ के पूर्व अधिकारी ने हामिद अंसारी को दोहरे चरित्र का व्यक्ति बतायारॉ के पूर्व अधिकारी आर के यादव ने 14 जुलाई को हामिद अंसारी के चरित्र का पर्दाफाश किया और कहा कि यह व्यक्ति दो चेहरे वाला है।

हामिद अंसारी के चरित्र के बारे में रॉ के अधिकारी आर के यादव ने यह बात लंबी जांच पड़ताल और अनुभव के आधार पर कही है। अपने अनुभवों के आधार पर लिखी गई किताब Mission R&AW में हामिद अंसारी के दोहरे चरित्र पर एक पूरा अध्याय- Bizarre R&AW Incidents- ही लिखा है।

हामिद अंसारी ने ईरान में कश्मीर आंदोलनकारियों  का साथ दिया- आर के यादव – Bizarre R&AW Incidents में लिखते हैं कि रॉ के अधिकारी डी बी माथुर, तेहरान के करीब कौम में कश्मीर के युवकों के लिए चल रहे ट्रेनिंग कैंप पर नियमित रुप से दिल्ली को रिपोर्ट भेजते रहते थे। ये सभी रिपोर्ट्स राजदूत हामिद अंसारी के पास से होकर गुजरती थीं, इनमें से कई रिपोर्ट्स को लेकर हामिद अंसारी काफी विरोध में रहते थे। इसी दौरान, एक सुबह डी बी माथुर को ईरान की गुप्तचर संस्था ने अगवा कर लिया, लेकिन हामिद अंसारी ने ईरान की सरकार से इस बारे में कोई बात नहीं की और बहुत ही साधारण रिपोर्ट दिल्ली भेज कर शांत हो गए। दो दिनों तक डी बी माथुर के बारे में कोई जानकारी न मिलने पर भारतीय दूतावास के करीब 30 अधिकारियों की पत्नियों ने हामिद अंसारी के चैम्बर में जबरदस्ती घुसकर विरोध भी दर्ज कराया था।

यह बात तेहरान में रॉ के एक अन्य अधिकारी एन के सूद ने दिल्ली में रॉ के अधिकारी आर के यादव को बताई थी। दूसरे दिन ही आर के यादव, विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी से मिले और पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव से बात की। पी वी नरसिम्हा राव ने तुरंत कार्रवाई की और ईरान को कुछ ही घंटों में डी बी माथुर को रिहा करना पड़ा। इसके बाद माथुर को 72 घंटों के अंदर वापस दिल्ली बुला लिया गया था।

हामिद अंसारी ने विश्वासघात किया- रॉ के अधिकारी Bizarre R&AW Incidents में आगे लिखते हैं कि ईरान में भारतीय दूतावास के सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद उमर से खुफिया जानकारी लेने के उद्देश्य से ईरानी गुप्तचर एजेंसी ने संपर्क किया, लोकिन मोहम्मद उमर ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस घटना की जानकारी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हामिद अंसारी को भी उमर ने बताई।

कुछ हफ्तों के बाद मोहम्मद उमर को ईरान की खुफिया एजेंसी वाले उठाकर ले गए और बुरी तरह से पिटाई करके सड़क पर अधमरा छोड़ दिया। हामिद अंसारी ने इस मुद्दे को लेकर ईरान सरकार के समक्ष कोई विरोध दर्ज नहीं कराया बल्कि मोहम्मद उमर को चुप रहने के लिए कहा।

कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को उपराष्ट्रपति बनाया– विभिन्न देशों में भारत के राजदूत रह चुके हामिद अंसारी ने ऐसे काम किए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की पहचान दूसरे देशों के सामने आ गई। हामिद अंसारी ने ऐसा एक बार नहीं कई बार किया, जिससे स्पष्ट होता है कि हामिद अंसारी की सोच ही भारत विरोधी है। ऐसे भारत विरोधी चेहरे को कांग्रेस ने देश का उपराष्ट्रपति बनाया। आजकल हामिद अंसारी कांग्रेस की तरफ से मुसलमानों के पैरोकार बन कर सामने आ रहे हैं।

देश के उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके व्यक्ति के बारे रॉ के पूर्व अधिकारी का ऐसा सनसनीखेज खुलासा, हामिद अंसारी के व्यक्तित्व की असलियत को उजागर करता है।

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