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देश के सभी शहरों का डेटाबेस तैयार करेगी मोदी सरकार, स्मार्ट सिटी मिशन में आएगी तेजी

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देश का तेजी से शहरीकरण हो रहा है, जिससे कई तरह की सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार एकीकृत विजन और मिशन के साथ कार्य कर रही है, ताकि मौजूदा और आने वाली चुनौतियों से पार पाया जा सके। साथ ही शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर और आसान बनाया जा सके। इसके लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी मिशन की शुरूआत की थी। अब मंत्रालय ने इस मिशन के अंतर्गत देश के सभी शहरों का यथासंभव सभी प्रकार की जानकारियों का ‘डेटाबेस’ अगले पांच सालों में बनाने का लक्ष्य तय किया है।

जुटाए जा रहे हैं नागरिक सुविधाओं से जुड़े आंकड़े

मिशन के तहत 24 शहर, जिनमें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर कार्यरत हो चुके हैं, वहां से सुगम यातायात, जलभराव, सीवर, स्वास्थ्य एवं महिला सुरक्षा सहित सभी प्रकार की नागरिक सुविधाओं से जुड़े तथ्यों और आंकड़ों को जुटाया जा रहा है। ये आंकड़े सरकारी और गैरसरकारी स्रोतों सहित अन्य दूसरे माध्यमों से जुटाए जा रहे है और उन्हें मंत्रालय के दिल्ली स्थित मुख्यालय से संचालित ‘इंडिया अर्बन ऑब्जर्वेटरी’ में एकत्र किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विभिन्न शहरों में चल रहे कामों की निरंतर निगरानी के लिए गत मार्च में इस ऑब्जर्वेटरी की शुरुआत की थी।

स्मार्ट सिटी मिशन के कामों की साप्ताहिक समीक्षा

मिशन के परियोजना निदेशक कुणाल कुमार ने बताया कि 24 शहरों से नागरिक सेवाओं की रियल टाइम जानकारियां पिछले तीन महीने से जुटाई जा रही हैं। इनके विश्लेषण के आधार इन शहरों में चल रहे स्मार्ट सिटी मिशन के कामों की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। साथ ही जिन शहरों में परियोजना के कामों में दिक्कत आ रही है उन्हें अन्य शहरों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर सहायता भी की जाती है।

2024 तक सभी 4000 शहरी निकाय ‘डेटाबेस’ में होंगे शामिल

मिशन के परियोजना निदेशक कुणाल कुमार ने बताया कि 2022 तक 400 शहरों और 2024 तक सभी 4000 शहरी निकायों को ‘डेटाबेस’ में शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब जुटाये गए डेटाबेस के आधार पर विभिन्न शहरों के लिए स्वच्छता, सुरक्षा एवं यातायात सहित अन्य नागरिक सुविधाओं के लिए अलग वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से लोगों को जरूरी जानकारियों का आदान- प्रदान की सहूलियत भी मुहैया कराने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।

स्वच्छ काशी पोर्टल से जानकारियों का आदान-प्रदान

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्वच्छ काशी पोर्टल तैयार किया गया है। इस पर स्थानीय लोग स्वच्छता अभियान से जुड़ी जानकारियां साझा करते हैं और इनके आधार पर न सिर्फ शहरों में चल रहे स्वच्छता की समीक्षा एवं निगरानी की जाती है, बल्कि नकारात्मक सूचनाओं को संबद्ध एजेंसियों को अवगत भी कराया जाता है।

वर्ष के अंत तक 16 प्रतिशत काम हो जाएगा पूरा

स्मार्ट सिटी मिशन की अब तक की प्रगति के बारे में कुणाल कुमार ने बताया कि जून 2015 में परियोजना के लिए शहरों का चयन शुरू हुआ था, उसके बाद जनवारी 2017 से चयनित शहरों में काम शुरू हुआ। इस साल के अंत तक सभी चयनित 100 शहरों में परियोजना के अंतर्गत 16 प्रतिशत काम पूरा हो जाएगा। मूलभूत परियोजनाएं पूरी होने के बाद अब समग्र परियोजना की गति में तेजी आएगी।

स्मार्ट सिटी मिशन

भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31% को शहरों में बसता है और इनका सकल घरेलू उत्पाद में 63% (जनगणना 2011) का योगदान हैं। ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40% रहेगा और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 75% का होगा । इसके लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास की आवश्यकता है। ये सभी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं लोगों और निवेश को आकर्षित करने, विकास एवं प्रगति के एक गुणी चक्र की स्थापना करने में महत्वपूर्ण हैं। स्मार्ट सिटी का विकास इसी दिशा में एक कदम है।
स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य मौजूदा शहरों में उन्नयन के जरिए 100 स्मार्ट शहर विकसित करना और नये शहर निर्मित करना है । केंद्र प्रायोजित इस योजना की शुरूआत 25 जून, 2015 को हुई थी। 

स्मार्ट सिटी मिशन रणनीति

पूरे शहर के लिए पहल जिसमें कम से कम एक स्मार्ट समाधान शहरभर में लागू किया गया है।
क्षेत्र का कदम-दर-कदम विकास – क्षेत्र के आधार पर प्रगति के तीन मॉडल
 1. रेट्रोफिटिंग
 2. पुनर्विकास
 3. हरितक्षेत्र

कोर बुनियादी सुविधाओं के तत्व

पर्याप्त पानी की आपूर्ति
निश्चित बिजली आपूर्ति
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता
कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन
किफायती आवास, विशेष रूप से गरीबों के लिए
सुदृढ़ आई टी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण
सुशासन, विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी
टिकाऊ पर्यावरण
नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा, और
स्वास्थ्य और शिक्षा

शहरों में बढ़ती आबादी और उसकी जरूरतों को देखते हुए मोदी सरकार ने कई योजनाएं बनाईं और उन्हें लागू किया। आइए एक नजर डालते हैं शहरों के विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर…

औरंगाबाद में देश के पहले स्मार्ट औद्योगिक शहर का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 सितंबर, 2019 को औरंगाबाद औद्योगिक शहर (औरिक) का उद्घाटन किया। यह देश का पहला नया स्मार्ट औद्योगिक शहर है और 10 हजार एकड़ में फैला हुआ है। यह दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गालियारे का हिस्सा है। उन्होंने छह मंजिले औरिक हॉल का भी उद्घाटन किया। यह भवन स्मार्ट शहर की निगरानी तथा प्रशासन का केंद्र होगा। साथ ही पीएम मोदी ने औरिक चैटबॉट की भी शुरुआत की, जो शहर के किसी भी व्यक्ति को प्रशासन से अपनी समस्या सही करवाने में मदद करेगा। 

समेकित विकास पर बल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों की जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए शहरी क्षेत्रों में विकास योजनाएं तैयार करने में उन्होंने ‘नीचे से ऊपर’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया। योजनाओं को एक साथ ही लागू करने के इस सिद्धांत के महत्व को स्थापित करने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून, 2015 को एक ही दिन में अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का शुभारंभ किया।

अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत )
प्रधानमंत्री‬ ‪अमृत‬ ‎योजना‬ का पूरा नाम ‘अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन’ यानी (AMRUT- ATAL MISSION FOR REJUVENATION AND URBAN TRANSFORMATION) है। इसमें 500 शहरों में जल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क सेवाओं, पानी की नालियों, गैर मोटर चालित परिवहन पर बल देते हुए शहरी परिवहन से संबंधित आधारभूत बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है और इसके अंतर्गत हरित तथा सार्वजनिक स्थलों का प्रावधान भी है। ‬

अमृत में शामिल शहर और कस्बे —
• अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह-1, आंध्र प्रदेश-33, अरुणाचल प्रदेश-1, असम-4, बिहार-27, चंडीगढ़-1, छत्तीसगढ़-9, दादर एवं नगर हवेली-1, दमन और दीव-1, दिल्ली-4, गोवा-1, गुजरात-31, हरियाणा-20, हिमाचल प्रदेश-2, जम्मू और कश्मीर-4, झारखंड-7, कर्नाटक-27, केरल-9, लक्षद्वीप-1, मध्य प्रदेश-34, महाराष्ट्र-44, मणिपुर-1, मेघालय-1, मिजोरम-1, नगालैंड-2, ओडिशा-9, पुदुचेरी-2, पंजाब-16, राजस्थान-29, सिक्किम-1, तमिलनाडु-32, तेलंगाना-12, त्रिपुरा-1, उत्तर प्रदेश-61, उत्तराखंड-7 और पश्चिम बंगाल-61

धरोहर विकास एवं संवर्धन योजना (हृदय)
हृदय यानी (HRIDAY- Heritage City Development and Augmentation Yojana) का उद्देश्य समावेशी तरीके से शहरी नियोजन, आर्थिक विकास और विरासत के संरक्षण करना है। इस योजना के तहत इन शहरों को एक साथ लाकर प्रत्येक शहर की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना है।
• 21 जनवरी, 2015 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य 500 करोड़ रुपये की कुल आवंटित राशि से नागरिक सुविधाओं के विकास के जरिए देश के विरासत शहरों की आत्मा और अद्वितीय चरित्र को संरक्षित और पुनर्जीवित करना है। 

शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को देश भर में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। इसके बाद शहरों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2016 में स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरूआत की गई। ऐसे सर्वेक्षणों के परिणामों से शहरों और नागरिकों के साथ सभी हितधारकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को भी बढ़ावा मिला, जिससे देश के सभी शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण के दायरे का विस्तार हुआ। सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के आधार पर देश के सबसे स्वच्छ और साफ शहरों के नाम का एलान किया। सबसे स्वच्छ शहर का खिताब एक बार फिर इंदौर के नाम रहा और भोपाल सबसे स्वच्छ राजधानी वर्ग में पहले स्थान पर रहा। वहीं इस सर्वे में छत्तीसगढ़ को बेस्ट परफॉर्मेंस स्टेट अवार्ड से नवाजा गया है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन पहले स्थान पर रहे।

शहरी मेट्रो परियोजनाएं

तेज गति से बढ़ते शहरीकरण के साथ, देश के सभी नगरों और शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है। मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, एमआरटीएस श्रेणी-I एवं श्रेणी-II शहरों में रहने वाले लोगों के लिए गतिशीलता के सबसे प्रभावी माध्यमों में से एक के रूप में उभरा है और मेट्रो एक प्रमुख माध्यम बन गया है। वर्तमान में 645 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइन पर परिचालन हो रहा है। अहमदाबाद, लखनऊ, नागपुर एवं गाजियाबाद नगरों में मेट्रो लाइन की शुरूआत हो चुकी है। वर्तमान में लगभग 600 किलोमीटर मेट्रो लाइन निर्माणाधीन हैं जो अगले पांच वर्षों में परिचालनगत होंगी। 2002 में 8 किलोमीटर की मामूली शुरूआत से लेकर आधुनिक मेट्रो रेल ने देश में ऐतिहासिक वृद्धि प्रदर्शित की है।

50 छोटे शहरों के लिए ‘मेट्रोलाइट’ ट्रेन चलाने की योजना

नरेंद्र मोदी देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों के विकास पर पूरा ध्यान देते हैं। तभी तो उन्होंने देश के 50 छोटे शहरों के लिए बड़ी योजना बनाई है। केंद्र सरकार ने कम भीड़ वाले देश के 50 शहरों में ‘मेट्रोलाइट’ ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में 50 शहरों में मेट्रो के विस्तार का वादा किया था। अपने इसी वादे को पूरा करने के लिए केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय ने ‘मेट्रोलाइट’ प्रणाली से संबंधित सारे मानक भी जारी कर दिए हैं। किसी भी क्षेत्र के विकास की धुरी वहां के यातायात पर टिकी होती है। 50 शहरों में मेट्रो ट्रेन की योजना से वहां के विकास में गति आएगी। देश का समग्र विकास ही पीएम मोदी का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
खास बात है कि देश में इस समय चल रही मेट्रो ट्रेन की तुलना में इसकी लागत कम होगी। इसके अलावा यह मेट्रोलाइट ट्रेन फीडर प्रणाली के रूप में भी काम करेगी। वैसे तो यह योजना राज्य यातायात पर आधारित है इसलिए इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों को लेनी चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने अपनी इस योजना के लिए भी राज्यों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

रियल इस्टेट बिल
2016 लागू किये गये ऐतिहासिक रियल एस्टेट (विकास एवं नियमन विधेयक), 2016 से भी निर्माण क्षेत्र में निवेश की सुविधा बढ़ेगी, जिससे जनता को काफी लाभ होगा।

 

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