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गुजरात विधानसभा चुनाव: बीजेपी छठी जीत का रिकॉर्ड बनाने की ओर

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गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी अपनी छठी जीत का रिकॉर्ड बनाने की ओर है। टाइम्स नाउ न्यूज चैनल के ओपिनियन सर्वे में बीजेपी को गुजरात चुनाव में दो तिहाई बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि कांग्रेस की हालत में पिछले चुनाव के मुकाबले कोई खास सुधार नहीं आने वाला है। टाइम्स नाउ-वीवीआर के सर्वे के अनुसार बीजेपी इस बार गुजरात में 2012 के चुनावों से भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

सर्वे के नतीजों के अनुसार 182 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी को 118-134 सीटें मिलेंगी। 2012 के चुनावों में बीजेपी को 115 सीटें हासिल हुई थीं। 2012 में 61 सीटें जीतने वाली कांग्रेस की हालत आज भी ठीक नहीं और इस बार उसे 49-61 सीटें मिलेंगी। ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी के वोट शेयर में 4% का सुधार हो सकता है और उसे पिछली बार के 48% की जगह इस बार 52% वोट मिलेंगे। वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में 2% की गिरावट आएगी और उसे 39% की जगह 37% वोट मिलेंगे। अन्य के खाते में 11 प्रतिशत वोट आ सकते हैं।

टाइम्स नाउ-वीवीआर सर्वे  
बीजेपी 118-134
कांग्रेस 49-61

 

सुदर्शन न्यूज सर्वे में भी बीजेपी को बहुमत
सुदर्शन न्यूज चैनल के सर्वे में भी बीजेपी को बहुमत मिलने की संभावना दिखाई गई है। 182 विधानसभा सीटों के लिए कराए गए ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी 145 से 155 सीटों पर जीत का परचम लहराने जा रही है। गुजरात की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के खाते में 27 से 37 सीटें आती दिख रही हैं।

सुदर्शन न्यूज सर्वे  
बीजेपी 145-155
कांग्रेस 27-37

 

इससे पहले आज तक के ओपिनियन पोल में भी बीजेपी की जीत का अनुमान लगाया गया था। इंडिया टुडे ग्रुप और एक्सिस माइ इंडिया ओपिनियन पोल के मुताबिक गुजरात में भाजपा एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है और हिमाचल प्रदेश में वापसी करने जा रही है। ओपिनियन पोल के मुताबिक भाजपा को गुजरात की कुल 182 सीटों में से 115 से 125 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 57 से 65 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा।

गुजरात में पिछले कुछ समय से भले ही जीएसटी, नोटबंदी और पाटीदार-ओबीसी-ठाकोर-दलितों को लेकर आंदोलन हो रहे हों, लेकिन लोगों का भरोसा अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। पोल के मुताबिक 66 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से गुजरात को फायदा हुआ है। पीएम मोदी के कामकाज का भी गुजरात के ज्यादातर लोगों ने समर्थन किया है। पोल से साफ है कि भाजपा को कांग्रेस या फिर तीन युवा पाटीदार नेताओं से कोई खतरा नहीं है।

गुजरात में किसे कितना वोट?  
बीजेपी 48%
कांग्रेस+अल्पेश ठाकोर+जिग्नेश मेवाणी 38%
हार्दिक समर्थित पार्टी 2%
अन्य (वाघेला समर्थित पार्टी+AAP) 12%

 

गुजरात में किसे कितनी सीट?  
बीजेपी 115-125 सीट
कांग्रेस+अल्पेश ठाकोर+जिग्नेश मेवाणी 57-65 सीट
हार्दिक समर्थित पार्टी 0 सीट
अन्य (वाघेला समर्थित पार्टी+AAP) 0-3 सीट

अगर हार्दिक पटेल कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करते हैं तो भी कांग्रेस को सिर्फ 5 से 10 और सीटों का फायदा हो सकता है।

मुख्यमंत्री पद के लिए रूपाणी नंबर-1 उम्मीदवार
गुजरात में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भाजपा उम्मीदवार विजय रूपाणी लोगों की पहली पसंद है। ओपनियन पोल में 34 फीसदी वोट के साथ विजय रुपाणी राज्य में मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद दिखे। 19 फीसदी वोटों के साथ कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल मुख्यमंत्री पद की रेस में दूसरे स्थान पर रहे।

गुजरात सरकार की उजाला गुजरात योजना को लेकर 90 फीसदी लोग जागरुक हैं। इनमें से 84 फीसदी लोगों का कहना है कि राज्य सरकार की इस योजना से जनता को फायदा मिल रहा है। बच्चों के टीकाकरण के लिए चलाए जा रहे मिशन इंद्रधुनष अभियान को लेकर 88 फीसदी लोग जागरुक हैं। इनमें से 93 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार की इस योजना से लोगों को फायदा मिल रहा है।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को देश भर में मिल रहे जबरदस्त समर्थन को भी दिखाता है। भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ चलाए गए नोटबंदी अभियान के बाद हुए तमाम चुनावों में बीजेपी को भारी कामयाबी मिली है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में ही नहीं देशभर में कई जगहों पर हुए स्थानीय चुनावों में भी बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

महाराष्ट्र पंचायत चुनाव में 50% सीटों पर बीजेपी का कब्जा
विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तरी महाराष्ट्र और पश्चिमी महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनाव चुनाव में बीजेपी ने लगभग 50% सीटों पर कब्जा जमा लिया है। महाराष्ट्र में 7 अक्टूबर को हुए 3,884 ग्राम पंचायत चुनावों में से 2,974 पंचायत के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए जिसमें बीजेपी को 1457 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को 301 सीटें मिली हैं जबकि 222 सीटों पर शिव सेना ने कब्जा किया है। एनसीपी के खाते में 194 सीटें गई हैं।

मीरा-भायंदर महानगर पालिका चुनाव में बीजेपी का कब्जा
पंचायत चुनाव से पहले मीरा-भायंदर महानगर पालिका के चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना और कांग्रेस को बहुत पीछे छोड़ दिया। चुनाव में बीजेपी 61 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। चुनाव परिणाम में बीजेपी को 61, शिवसेना को 22, कांग्रेस को 10 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली है वहीं एनसीपी अपना खाता भी नहीं खोल पाई है।

केएएसी चुनाव में भी भाजपा को भारी बहुमत
कार्बी आंग्लांग स्वायत्तशासी परिषद (केएएसी) चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से चुनाव जीतने में कामयाब रही। भाजपा को 26 सीटों में से 24 सीटों पर सफलता मिली। बाकी दो सीटों पर भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले आर टकबी और डी उफिंग मासलाई को जीत मिली है। इस चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका है। असम के पहाड़ी जिले कार्बी आंग्लांग के केएएसी चुनाव में कांग्रेस के साथ अगप और स्थानीय पार्टी एचएसडीसी का भी खाता तक नहीं खुल पाया। 30 सीटों वाले केएएसी में चार सदस्यों को राज्यपाल मनोनीत करते हैं। 

एमसीडी में प्रचंड जीत

दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली। बीजेपी को तीनों एमसीडी में बहुमत हासिल हुआ। दिल्ली नगर निगम की 270 सीटों में से बीजेपी को 184, आम आदमी पार्टी को 45, कांग्रेस को 30 और अन्य को 11 सीटों पर जीत मिली। चुनाव में कांग्रेस के 92 और आम आदमी पार्टी के 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 

हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधान परिषद चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राज्य विधानपरिषद के चुनाव परिणाम के अनुसार 34 सीटों वाले जम्मू-कश्मीर के उच्च सदन में बीजेपी 11 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनावों में और चंडीगढ़ में हुए नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी को पहले से काफी ज्यादा सीटें मिलीं। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान के उप चुनावों में भी पार्टी ने बाजी मारी।

महाराष्ट्र में महानगरपालिकाओं और जिला परिषदों के लिए हुए चुनावों में बीजेपी ने भारी जीत दर्ज की। बीएमसी की 227 सीटों में बीजेपी को 82 सीटें मिली। पुणे में बीजेपी को 74, नागपुर में 70, नासिक में 33, पिंपरी चिंचवाड़ में 70, इसी तरह उल्हासनगर में 34, सोलापुर में 49, अकोला में बीजेपी को 48 और अमरावती मे 45 सीटें मिली। 1514 जिला परिषद चुनाव में बीजेपी को 403, शिवसेना को 269, कांग्रेस को 300, एनसीपी को 344 सीटें मिली।

महाराष्ट्र की चंद्रपुर और लातूर महानगरपालिका चुनावों में बीजेपी को भारी सफलता मिली। लातूर में पिछली बार बीजेपी को एक भी सीट नही मिली थी। इस बार 41 सीटों पर कामयाबी मिली। आजादी के बाद पहली बार यहां कांग्रेस को करारी हार मिली।

कांग्रेस का सफाया

लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार खराब चल रहा है। विधानसभा चुनाव के साथ महाराष्ट्र नगर निगम और जिला परिषद चुनाव में भी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। जो पार्टी कभी पहले पायदान पर रहती थी, अब तीसरे और चौथे स्थान के लिए संघर्ष करती दिख रही है। पार्टी का कई इलाकों में सफाया हो गया है।

ओडिशा में भी जय-जयकार
ओडिशा में स्थानीय निकायों के चुनाव में भी बीजेपी ने परचम लहरा दिया। कोई खास जनाधार नहीं होने के बाद भी बीजेपी को यहां 270 सीटों का फायदा हुआ है। बीजेपी को यहां 2012 में 36 सीटें मिली थीं जो अब बढ़कर 306 हो गई हैं। बीजेपी यहां सत्ताधारी बीजू जनता दल के बाद दूसरे नंबर पर आई है। बीजेपी ने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है।

चंडीगढ़ में बल्ले-बल्ले

नोटबंदी के बाद 18 दिसंबर को चंडीगढ़ नगर निकाय के चुनाव हुए। यहां भाजपा को जबर्दस्त बहुमत मिला। इस चुनाव में 26 में से 20 सीट भाजपा की झोली में गई जबकि सहयोगी पार्टी शिरोमणी अकाली दल को एक सीट मिला। कांग्रेस पार्टी का तो सूपड़ा ही साफ हो गया। वह मात्र 4 सीट पर सिमट गई। भाजपा का वोटिंग शेयर यहां 56 फीसदी हो गया है। चंडीगढ़ निकाय चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं की जमानत जब्त हो गई।

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में बीजेपी अव्वल

महाराष्ट्र में पहली बार म्यूनिसिपल काउंसिल के अध्यक्ष पद के लिए डायरेक्ट चुनाव हुए। इसमें बीजेपी ने 51 सीटें जीतीं जो कि कांग्रेस, एनसीपी या शिवसेना से दोगुनी है। शिवसेना को 25 और कांग्रेस को महज 23 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। यानी 2011 में जो पार्टी चौथे नंबर पर थी, वो नोटबंदी के फैसले के बाद 2016 में पहले नंबर पर आ गई, वो भी ग्रामीण इलाके में।

गुजरात में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत

गुजरात में हुए स्थानीय चुनावों में तो बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ कर दिया। यहां के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस से 35 सीटें छीन लीं। 126 में से 109 सीटें जीती। वापी नगरपालिका, राजकोट, सूरत-कनकपुर-कंसाड में जो चुनाव हुए, उसमें बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

उपचुनाव में भी जीत

प्रधानमंत्री मोदी के जलवे के चलते पंजाब और गोवा के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में भी जोरदार झटका लगा। दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस दूसरे और आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही है और उसकी जमानत तक जब्त हो गई। 

नोटबंदी के बाद पहली बार 19 नवंबर को देशभर के विभिन्न राज्यों में 10 विधानसभा और चार लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए। भाजपा असम, अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की सभी उपचुनाव जीतने में सफल रही।

असम- नोटबंदी के बाद लखीमपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए। यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रधान बरुआ को जीत मिली। बैथालांगसो विधानसभा सीट पर भाजपा के ही मानसिंह रोंगपी ने जीत हासिल की।

मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट और नेपानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। शहडोल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह और नेपानगर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मंजू दादू ने जीत दर्ज की।

अरुणाचल प्रदेश- नोटबंदी के बाद अरुणाचल प्रदेश में भी भाजपा की लहर देखने को मिली। भाजपा प्रत्याशी देसिंगू पुल को हायूलियांग विधानसभा सीट से जीत मिली।

त्रिपुरा- यहां उपचुनाव के बाद भाजपा का वोट शेयर 1% से बढ़कर पूरे 21% तक पहुंच गया है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 41% से घट कर मात्र 2% हो गया है।

पश्चिम बंगाल- नोटबंदी के बाद पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और तामलुक लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए। कूचबिहार लोकसभा सीट पर भाजपा का वोट शेयर 16.4 से बढ़कर 28.5 फीसदी हो गया। वहीं तामलुक लोकसभा सीट पर भाजपा का वोट शेयर 6.4 से बढ़कर 15.25 फीसदी तक पहुंच गया। दोनों लोकसभा सीट पर भाजपा तृणमूल कांग्रेस के सामने खतरा बनकर उभरी है।

नोटबंदी के फैसले के बाद ज्यादातर नतीजे बीजेपी के पक्ष में गए हैं। सारे परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं। ये सारे परिणाम पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले पर जनता की सहमति का मुहर है।

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