पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अब उनके भतीजे अबेश भी शामिल हो चुके हैं। ममता के भाई कार्तिक के बेटे अबेश बुधवार को जादवपुर में केपीसी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को नेतृत्व करने वाली टीम में शामिल रहे।
कोलकाता के मेयर की बेटी डॉक्टर शब्बा हकीम भी आईं ममता के विरोध में
इसके अलावा कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की बेटी डॉक्टर शब्बा हकीम ने भी जूनियर डॉक्टरों का समर्थन किया है। शब्बा हकीम ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से निपटने के तरीके को लेकर ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की है।
शब्बा हकीम ने फेसबुक पोस्ट में लिखकर जताई नाराजगी
शब्बा हकीम ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि डॉक्टरों के पास भी ‘कार्यस्थल पर सुरक्षा’ और ‘शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन’ का अधिकार है। उन्होंने लिखा कि तृणमूल कांग्रेस समर्थक के रूप में मैं कुछ नहीं किए जाने और अपने नेता की चुप्पी पर बेहद शर्मिन्दा हूं।
कृपया सरकार से सवाल कीजिए कि क्यों सरकारी अस्पतालों में तैनात पुलिस अधिकारी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं करते? उनसे सवाल कीजिए, जब दो ट्रकों में भरकर गुंडे पहुंचते हैं, तो बैकअप तुरंत क्यों नहीं भेजा गया? कृपया सवाल कीजिए, क्यों गुंडों ने अब तक अस्पतालों को घेरा हुआ है, और डॉक्टरों को पीट रहे हैं?
75 साल के एक मरीज की मौत के बाद हुआ हंगामा
असल में नील रतन सिरकार मेडिकल कॉलेज (एनआरएसएमसी) में बीते सोमवार को इलाज के दौरान 75 साल के एक मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई कर दी। इसके बाद जूनियर चिकित्सक भड़क गए और अगले दिन मंगलवार को हड़ताल पर जाकर स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया।
मामला तब और गंभीर हो गया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने के लिए चार घंटे का अल्टीमेटम दिया और ऐसा न करने पर एक्शन की धमकी दी। डॉक्टर्स का कहना है कि एक तो पश्चिम बंगाल सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा नहीं सुनिश्चित कर रही है और उल्टे विरोध प्रदर्शन पर धमका भी रही है।
हड़ताल का मुद्दा हुआ देशव्यापी
शुक्रवार को डॉक्टरों की हड़ताल का यह मुद्दा राष्ट्रव्यापी हो गया और अब दिल्ली में एम्स सहित देश के कई हिस्सों के डॉक्टरों ने अपने कार्यस्थल पर विरोध करना शुरू कर दिया है।