देश के भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी को लेकर कांग्रेस आए दिन केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि मेहुल चौकसी के मामले में कांग्रेस उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। सिलसिलेवार देखते जाइए कि कैसे यह स्थापित हो जाता है कि मेहुल को भगोड़ा बनाना कांग्रेस की एक सोची समझी रणनीति थी।
1. मेहुल चौकसी से दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी संबंध रहे हैं और उसके देश छोड़कर भागने में भी कांग्रेस ने ही मदद की थी। इस बात की तस्दीक खुद चौकसी ने ही की है। रिपब्लिक टीवी ने इसको लेकर उस वकील से बात भी की जिसने ये भी बताया कि मेहुल को भगाने के पीछे कांग्रेस की चुनावी चाल हो सकती है।
#ChoksiCongLink | SENSATIONAL: After Antigua opens the way for Mehul Choksi’s extradition, lawyer confirms fugitive offender’s ‘loose alliance with Congress’https://t.co/LyuWhK0bKI
— Republic (@republic) August 2, 2018
2. दरअसल मेहुल चौकसी का संबंध कैंब्रिज एनालिटिका की पैरेंटल कंपनी SCL Elections से होने का पता चला है। ये वही कैंब्रिज एनालिटिका है जिसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए हायर किया था। यह बात भी सामने आ चुकी है कि मोदी सरकार को बदनाम करने और राहुल गांधी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए इसी कंपनी के कहने पर कांग्रेस ने देश के 69 बड़े पत्रकारों को हायर किया ।
3. कांग्रेस ने राजनीतिक उसूलों को ताक पर रखकर उस प्लान पर काम करना शुरू कर दिया जिससे राहुल गांधी को 2019 में सत्ता तक पहुंचाया जा सके। इस प्लान को बनाने में कैंब्रिज एनालिटिका जुटी थी और इसी का एक हिस्सा भगोड़े मेहुल चौकसी को बनाया गया। गौर करने वाली बात है कि कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ के साथ राहुल गांधी की गुप्त मीटिंग का भेद भी खुला था।
4. कैंब्रिज एनालिटिका से मेहुल के संबंध ने इस बात को पुख्ता किया है कि राहुल गांधी के कहने पर ही मेहुल चौकसी को देश से भगाया गया जिसमें SCL Elections ने अपनी भूमिका निभाई।
5. यह भी खुलासा हुआ है कि मेहुल चौकसी को एंटीगुआ की नागरिकता दिलाने में SCL Elections ने मदद की थी। इससे यह जाहिर हो जाता है कि यह भी कांग्रेस की ही चाल थी क्योंकि SCL Elections उस कैंब्रिज एनालिटिका की पैरेंटल कंपनी है जिससे मेहुल जुड़ा था।
6. मेहुल को एंटीगुआ की नागरिकता लंदन स्थित कंपनी हेनली एंड पार्टनर ने दिलाई थी जिसका SCL Elections के साथ काफी नजदीकी संबंध था। हेनली एंड पार्टनर के साथ SCL Elections और कैंब्रिज एनालिटिका का गहरा नाता रहा है। इस बारे में ब्रिटेन के हाऊस ऑफ कॉमन्स की डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स (DCMS) कमेटी भी खुलासा कर चुकी है।
7. घटनाक्रम के पूरे तार को जोड़कर देखने से यह पता चल जाता है कि कांग्रेस ने मेहुल को भगाने और उससे आगे की योजना को लेकर पूरी रणनीति बनाई थी। एंटीगुआ के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है इसलिए उसे वहां की नागरिकता दिलाने में इसलिए मदद की गई ताकि वह 2019 के चुनावों तक भारत लौट ही ना सके। हालांकि कांग्रेस की चिंता एंटीगुआ की सरकार की इस बात से बढ़ सकती है जिसमें उसने कहा है कि अपनी प्रत्यर्पण नीति में बदलाव कर वह मेहुल को भारत भेजने पर विचार कर सकती है।
8. विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी के भागने को राहुल गांधी ने जिस प्रकार से बढ़-चढ़कर एक मुद्दा बनाने की कोशिश की अब नए खुलासे से यह जाहिर हो रहा है कि यह भी कांग्रेस की चुनावी रणनीति से जुड़ी एक चाल थी। इससे यह पता चलता है कि कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीतियों को देश की बजाय विदेश से ही संचालित करने का इरादा रखती है।
9. पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की पार्टी में राहुल गांधी आते-जाते रहे थे। यह खुलासा खुद कांग्रेस से जुडे रहे शाहजाद पूनावाला कर चुके हैं। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस में राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी के लिए बिजनेस क्लास में नि:शुल्क यात्रा की व्यवस्था थी।
10. अब मेहुल चौकसी के राहुल गांधी से संबंध का खुलासा सामने है। यानि जिन्हें देश से भगाने में खुद राहुल गांधी ने मदद की उसका आरोप वो उल्टा सरकार पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।