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मोदी सरकार ने भारत को दुनिया में 21वीं सदी का नेतृत्व करने वाले एक ब्रांड के तौर पर स्थापित कर दिया

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साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली ने एक ओर पुरातन-सनातन भारत की अवधारणा को मजबूती दी तो दूसरी ओर सरकार के फैसलों ने 21वीं सदी में दुनिया का नेतृत्व करने वाली ब्रांड इंडिया की परिकल्पना को भी जन्म दे दिया। गांव-गरीब, किसान-मजदूर के लिए अनेक योजनाएं लागू करने के साथ ही पीएम मोदी ने परंपरा, पर्यटन, व्यापार, तकनीक और प्रतिभा को आगे बढ़ाने का काम किया। भारत को दुनिया में ब्रांड इंडिया के रूप में प्रतिस्थापित करने का उनका यह विचार जिस सूत्र पर आधारित है, वह है- ट्रेड, टेक्नोलॉजी, टैलेंट, ट्रेडिशन और टूरिज्म।                

संचार और तकनीक की दुनिया में पीएम मोदी ने भारत को नए रूप में दुनिया के सामने रखा। उनकी बात दुनिया के बड़े ब्रांड मैनेजरों और विज्ञापन कंपनियों को समझ में भी आ रही है। 7 सितंबर, 2018 को अंग्रेजी दैनिक बिजनेस लाइन में एक छपी एक रिपोर्ट में ब्रांडिंग और विज्ञापन की कंपनी डब्ल्यूपीपी के सीईओ डेविड रॉथ ने कहा था- “हमने ब्रांड इंडिया में एक बहुत बड़ा बदलाव देखा है। लोगों ने भारत को बिजनेस के लिए एक बेहतर स्थान के रूप में देखना शुरू कर दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी को सकारात्मक नजरिए से देखा जा रहा है, जबकि कुछ अन्य देशों के प्रमुखों को नकारात्मक नजरिए से देखा जाता है। ब्रांड इंडिया के अम्बेस्डर के रूप में वह सब कुछ ठीक कर रहे हैं।”

ट्रेड

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, एफडीआई

ब्रांड इंडिया अब पहले से कहीं अधिक चमकदार और धारदार दिखाई दे रहा है। मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के लिए कई सुधार किए और इन सुधारों का लाभ भी मिला है। दरअसल, आज भारत दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक अनुकूल एफडीआई डेस्टिनेशन बन गया है। भारत ने पहली बार 2015-16 में 50 अरब डॉलर की एफडीआई वाले क्लब को पार किया और एक साल बाद 2016-17 में 60 अरब डॉलर से अधिक एफडीआई वाले क्लब में शामिल हो गया। यह आंकड़ा दिखाता है कि किस तरह भारत के प्रति विदेशी निवेशक समुदाय की धारणा बदली है और भारत के प्रति उनका विश्वास बढ़ा है।

वास्तव में, पिछले 5 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के कारण ही देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है। उदाहरण के लिए वर्ष 2013-14 में संयुक्त अरब अमीरात से एफडीआई प्रवाह 255 मिलियन डॉलर था, जो 2015 में प्रधानमंत्री की यूएई की यात्रा के बाद बढ़कर वर्ष 2016-17 में 1050 मिलियन डॉलर हो गया। यह 300 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि है।

अर्थव्यवस्था

यूपीए के राज में बेपटरी हुई देश की अर्थव्यवस्था फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। मोदी सरकार के सुधार के एजेंडे के कारण ही दुनिया के व्यापार मानचित्र पर ब्रांड इंडिया मजबूती से उभरा है और कई तरह की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है। रैंकिंग में इन सुधारों से ही विदेशी निवेशकों के बीच ब्रांड इंडिया की कीमत बढ़ी है और अधिक एफडीआई भी उसी के कारण आई है। भारत अब बड़े आकार के निवेशों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन चुका है। इसका एक और प्रमाण है कि सैमसंग भारत में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल निर्माण इकाई लगा रहा है। वर्ल्ड बैंक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत 2014 में 142वें स्थान पर था, जिसमें लंबी छलांग लगाते हुए भारत 77वें स्थान पर पहुंच गया।

टेक्नोलॉजी

टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत एक उभरता हुआ देश है। इसने हाल की अपनी तकनीकी प्रगति से पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। इन प्रौद्योगिकी तरक्की के कारण कुछ आश्चर्यजनक परिणाम भी सामने आए हैं। यह भारत का मजबूत प्रौद्योगिकी ढांचा ही है, जो दुनिया के सबसे बड़े नागरिक पहचान कार्यक्रम ‘आधार’ को सफलतापूर्वक लागू कर सका, जो जीएसटी लांच कर सका। जाहिर है, इन दोनों कार्यक्रमों के लिए एक बड़े तकनीकी मंच की आवश्यकता थी, जो भारत के पास है।

भारत अब दुनिया का सबसे किफायती डेटा वाला देश है। इस सस्ते डाटा के कारण ही कम नकदी अर्थव्यवस्था की प्रक्रिया आसान बन गई है। सरकार द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए जारी भीम ऐप को अभी तक 3 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक 30 देशों ने भीम ऐप में प्रयुक्त प्रौद्योगिकी के लिए भारत सरकार से संपर्क किया है। 

दुनिया के चुनिंदा देशों के साथ एक प्रौद्योगिकी साझेदारी से जारी भारत का अपना भुगतान गेटवे रुपे है, जिससे 1100 जारीकर्ता और सहयोगी बैंक जुड़े हैं और जिसका 50 करोड़ कार्ड चलन में है। उसके जरिए हर महीने लगभग 26 करोड़ डॉलर का लेनदेन हो रहा है। जनधन खातों और नोटबंदी को मुख्य रूप से रुपे कार्ड को बढ़ावा देने का कारण माना जा रहा है। बेहतर अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता के लिए रुपे ने डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज (डीएफएस) के साथ गठबंधन भी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपे के साथ भीम ऐप को भी सिंगापुर में लांच किया, ताकि भारतीय भुगतान प्रणाली को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जा सके। 

इसके अलावा, एक नजर भारत की उन उपलब्धियों पर जो टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत के बढ़ते दबदबे के परिचायक हैं।

  • भारत ने एक बार में 104 उपग्रह लान्च किए।
  • भारत के पास अब अपना खुद का जीपीएस है– नाविक
  • भारत के पहले स्मार्ट ग्रीनफील्ड शहर, नया रायपुर के पास अत्याधुनिक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र है, यह ई-गवर्नेंस का सबसे अच्छा उदाहरण है।
  • भारत अपने पहले प्रयास में ही मंगल पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है।
  • डिजिटल इंडिया – 19 लाख ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से जुड़ चुकी हैं, मोदी सरकार से पहले इसकी संख्या केवल 59 थी।
  • भारत का गगन– एक उपग्रह-आधारित ऐसा संवर्द्धन प्रणाली है, जो इस क्षेत्र से गुजरने वाले हवाई जहाजों को हवाई नेविगेशन में मदद करता है
  • भारत 2 गीगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा पार्क के साथ सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी में दुनिया का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बन गया है।
  • भारत ने 2022 तक अंतरिक्ष में मानव मिशन की घोषणा की है।
  • भारत में अब एक एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार है।

टैलेंट

पेटेंट

भारत अब वैज्ञानिकों और निवेशकों, खासकर युवाओं की क्षमता का सही उपयोग कर रहा है। देश अब नए अन्वेषणों को लेकर जागरुक हो चुका है। 2013-14 के मुकाबले 2017-18 में भारत द्वारा जारी पेटेंट की संख्या में 200 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। 2013-2014 में पेटेंट की संख्या 4227 थी, जो 2016-17 में बढ़कर 9847 और 2017-18 में बढ़कर 13045 हो गई। स्थानीय लोगों में पेटेंट के प्रति सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में भारत की रैंकिंग 2013 में 66वें स्थान के मुकाबले अब 57वें स्थान पर पहुंच गई है।

स्टार्ट अप्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट अप्स के लिए उपयुक्त माहौल बनाने और प्रोत्साहन देने के लिए देश में प्रशासनिक बदलाव के साथ इस क्षेत्र के लिए खास नीति बनाई। स्टार्ट अप्स के लिए छूट, पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाना भी उसमें शामिल है। इसके कारण भारत की प्रतिभाएं सामने आईं।

2013 में तकनीक आधारित स्टार्ट अप्स की कुल संख्या 2200 थी, जो 2016 में बढ़कर 4750 यानि लगभग दोगुनी हो गई। महत्वूपर्ण बात यह है कि स्टार्टअप्स को मिल रही वित्त व्यवस्था में भारी वृद्धि हुई है। 2013 में स्टार्टअप्स को 1.6 अरब डॉलर का फंड मिला था, वहीं 2017 में 13 अरब डॉलर का फंड दिया गया। यह आकंड़ा बताता है कि किस तरह ब्रांड इंडिया के प्रति वैश्विक समुदाय का भरोसा बढ़ा है।

खेलकूद

साल 2018 में एशियन गेम्स में भारत ने 69 मेडल जीते। भारत का यह एशियन गेम्स में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। मोदी सरकार द्वारा चलाया जा रहा खेलो इंडिया अभियान गांवों और दूर-दराज के इलाकों की प्रतिभाओं को निखारने में सफल रहा है। इसके अलावा वर्ष 2017 में भारत में पहली बार फीफा टूर्नामेंट का भी आयोजन कराया गया। हालांकि, फुटबाल में हमारा ज्यादा अनुभव नहीं होने के कारण, भारत इस टूर्नामेंट में ज्यादा कुछ नहीं कर पाया, लेकिन इस टूर्नामेंट के आयोजन ने भारत को एक बड़े स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिला दी। फीफा अधिकारियों ने इस आयोजन को काफी सराहा। इसे देखने के लिए 13.50 लाख लोग आए थे। इस आयोजन को लेकर भारत सरकार की भी सराहना की गई और फीफा अंडर 17 को सफलतम आयोजन माना गया। भारत ने नेशनल टैलेंट सर्च पोर्टल के जरिए गांवों और दूर-दराज की प्रतिभाओं को निखारने की प्रक्रिया भी शुरू की है, ताकि उन्हें विश्व पटल पर लाया जा सके।

ट्रेडिशन

योग

स्वस्थ शरीर के लिए प्राचीन भारत के ज्ञान के रूप में योग ब्रांड इंडिया का प्रतीक बन गया है। खास कर तब से, जब से मोदी जी ने इसको बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की लगातार कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने न सिर्फ योग के महत्व को माना बल्कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया। इससे भी आगे यूनेस्को ने कुंभ के साथ योग को दुनिया की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल कर लिया है। जार्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के वाल्टर आर थाम्पसन द्वारा 2018 के लिए फिटनेस ट्रेंड पर किए गए एक सर्वे के अनुसार योग 2014 के 10 बड़े फिटनेस ट्रेंड में शामिल हुआ और तब से 2018 तक यह लगातार टॉप 10 फिटनेस ट्रेंड के अंदर ही रहा। 

इसके अतिरिक्त योग जर्नल द्वारा 2016 में अमरीका में किए गए एक अध्ययन से यह पता चलता है कि वहां योग और ब्रांड इंडिया की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। अमरीका में इस समय योग का अभ्यास करने वालों की संख्या लगभग 3 करोड़ 67 लाख है, जबकि यह संख्या 2012 में 2 करोड़ 4 लाख थी, यानि मोदी सरकार के आने के बाद अमरीका में योग का अभ्यास करने वालों की संख्या 80 प्रतिशत बढ़ी है। अमरीका में योग एक उद्योग की तरह बढ़ रहा है। योगाभ्यास करने वाले लोग वहां योग क्लास, योग ड्रेस, इक्विपमेंट आदि पर 16.8 अरब डॉलर खर्च कर रहे हैं। अब केवल अमरीका या ब्रिटेन ही नहीं बल्कि लगभग सभी देश भारतीय योग परंपरा को अपना रहे हैं। योग अब चीन में भी लगातार लोकप्रियता हासिल कर रहा है। 

आयुर्वेद और खानपान

भारत सरकार ने 2017 में पहली बार एक मेगा फूड इवेंट वर्ल्ड फूड इंडिया कांग्रेस का आयोजन किया था। भारत ने इस इवेंट में दुनिया भर के निवेशकों ,सीइओ और खाद्य क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों के समक्ष भारत के पारंपरिक भोज्य पदार्थों का प्रदर्शन किया था। पूरी दुनिया ने अब तक का सबसे अधिक एक साथ 900 किलो खिचड़ी पकाने का वर्ल्ड रिकार्ड देखा। वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की औषधीय क्रांति शुरू करने की योजना पर यह टिप्पणी की गई है- ‘ब्रांड आयुर्वेद को रिलान्च करने के लिए’ सरकारी एजेंसियों ने दर्जनों अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दायर किए हैं और शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किए गए हैं और दुनिया भर के कॉलेजों में आयुर्वेद पाठ्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों को भेजा गया है। साथ ही, 25 देशों के प्रतिनिधियों ने पारंपरिक भारतीय ज्ञान के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए सूचना इकाई की स्थापना की है।

टूरिज्म

भारत दुनिया में बहुत तेजी से एक बड़े टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है। वीजा नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के कारण 2014 के बाद भारत की पर्यटन क्षमता में तेजी से वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया भर में बढ़ रही लोकप्रियता और 150 देशों के लिए ई-वीजा सुविधा को लागू करने के कारण भी भारत का पर्यटन उद्योग तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका, मारिशस, ओमान, आयरलैंड, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया, चीन जैसे देशों से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में 20 से लकेर 83 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। अमेरिका की बात करें तो 2012 और 2013 के बीच यात्रियों की संख्या में लगभग 45 हजार की वृद्धि हुई, लेकिन 2014 और 2015 के बीच अमरीका से आने वाले यात्रियों की संख्या में 95 हजार वृद्धि देखी गई। यह प्रधानमंत्री के मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद एक वर्ष के भीतर ही दोगुने से अधिक की वृद्धि है। यहां यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में खुद यूएसए की अपनी पहली यात्रा की थी और मैडिसन स्क्वायर गार्डन, न्यूयॉर्क में अपने मशहूर भाषण के माध्यम से दुनिया के सामने भारत को नए अंदाज में प्रस्तुत किया था।

ट्रेड और टूरिज्म से टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशन तक मोदी सरकार ने भारत को दुनिया के सामने एक ब्रांड के तौर पर प्रस्तुत किया है। आज भारत की योग परंपरा को दुनिया भर में अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों के बाद भारत भ्रमण के लिए आने वाले विदेशी यात्रियों की संख्या ही उल्लेखनीय रूप से नहीं बढ़ रही है, बल्कि विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या में भी भारी वृद्धि देखी गई है। एफडीआई में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है और आर्थिक सूचकांक में भारत की रैंकिंग सुधरी है, जिसके कारण व्यापार में भारी वृद्धि देखी गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी के सभी आयामों में विस्तार हो रहा है। आधार कवरेज, जीएसटी और भीम, रुपे कार्ड के संदर्भ में देखा जाए तो हमने अपने मजबूत तकनीकी ढांचे का लाभ उठाया है। दरअसल, अब भारत अपनी सभ्यता-संस्कृति की रक्षा करते हुए 21वीं सदी में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। 

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