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पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया नेशनल वॉर मेमोरियल, शहीद सैनिकों को मिला सम्मान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में पत्थर से बने स्तंभ के नीचे ज्योति को प्रज्ज्वलित कर 40 एकड़ में फैले युद्ध स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया। ये स्मारक आज़ादी के बाद देश के लिए जान क़ुर्बान करने वाले वीर सैनिकों के सम्मान में तैयार किया गया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे बहुत संतोष है कि देश का दशकों लंबा इंतजार खत्म हो गया है। आजादी के सात दशक बाद मां भारती के लिए बलिदान देने वाले वीरों को याद करने के लिए यह युद्ध स्मारक उनको समर्पति किया जा रहा है। इसमें हजारों शहीदों के नाम अंकित हैं।

पूर्व सैनिक भूतपूर्व नहीं, अभूतपूर्व हैं- पीएम मोदी

इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी भूतपूर्व नहीं अभूतपूर्व हैं, क्योंकि आज लाखों सैनिकों के शौर्य और समर्पण के कारण हमारी सेना सबसे बड़ी सेना में से एक है। आपने अपने शौर्य से जो परंपरा बनाई है उसकी कोई तुलना नहीं है। देश पर जब भी संकट आया है तब हमारे सैनिकों ने हमेशा पहला वार अपने ऊपर लिया है और चुनौती को सबसे पहले कबूल किया है। साथ ही उसका सबसे असरदार जवाब भी दिया है।

पीएम मोदी ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को किया नमन

पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं पुलवामा में शहीद हुए हर बलिदानी को नमन करता हू। मैं राष्ट्र के सभी मोर्चों पर खड़े वीरों को नमन करता हूं। शहीदों को नमन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जीये तो भी देश के लिए, मरे भी तो देश के लिए, जीए भी तो तिरंगे के लिए और मरे भी तो तिरंगा ओढ़कर, ऐसे वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं।’ उन्होंने कहा कि नया हिन्दुस्तान आज नई नीति और नई रीति से आगे बढ़ रहा है, मजबूती से विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है तो उसमें एक योगदान आपका भी है।

कुछ लोगों के लिए  देश नहीं, परिवार पहले- पीएम मोदी

इस दौरान उन्होंने जहां देश की सेना और शहीदों के परिवारों के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया, वहीं कांग्रेस खासकर नेहरू-गांधी परिवार पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि बोफोर्स से लेकर हेलिकॉप्टर तक सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंच जाना बहुत कुछ कह जाता है। कांग्रेस पर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों के लिए देश पहले नहीं, बल्कि परिवार और परिवार के हित पहले हैं।

हमारे लिए देश पहले- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में वन रैंक वन पेंशन को मंजूरी, सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेटों और आधुनिक सैन्य साजो-सामानों, हथियारों की खरीदारी समेत अपनी सरकार द्वारा सेना और शहीदों के परिवारों के हित में लिए गए फैसलों का खास जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘देश की सेना को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार आधुनिक सैन्य साजो-सामानों और हथियारों से लैस कर रही है। दशकों से रूके हुए सौदों को प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही में सरकार ने 72 हजार आधुनिक राइफलों की खरीदी का ऑर्डर दिया है। 25 हजार करोड़ रुपये के गोले-बारूद को मिशन मोड में खरीदा है।

‘मोदी याद रहे न रहे, वीरों की शौर्यगाथा अमर रहनी चाहिए’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए वह महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि देश की सभ्यता और उसका इतिहास अहम है। उन्होंने कहा, ‘मेरा यह स्पष्ट मानना है कि मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास सबसे ऊपर है। मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों के त्याग, तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही चाहिए।’

मेमोरियल में शहीद हुए 26 हजार सैनिकों के नाम

इस मेमोरियल का निर्माण गत वर्ष फरवरी में शुरू हुआ था।  इसमें शहीद हुए 26 हजार सैनिकों के नाम हैं। इसकी 16 दीवारों पर 25,942 योद्धाओं का जिक्र किया गया है। ग्रेनाइट पत्थरों पर योद्धाओं के नाम, रैंक व रेजिमेंट का उल्लेख किया गया है। अब शहीदों से जुड़े कार्यक्रम अमर जवान ज्योति के बजाए नेशनल वॉर मेमोरियल में ही होंगे। इस प्रॉजेक्ट पर करीब 176 करोड़ रुपये की लागत आई है। 1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 में चीन से युद्ध, 1965 में पाक से जंग, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1987 में सियाचिन, 1987-88 में श्रीलंका और 1999 में कारगिल में शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में इसे बनाया गया है।

आइए जानते हैं इस स्मारक की 11 खूबियां

इस स्मारक की कुल लागत 176 करोड़ रुपये है।

एक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से इसका डिजाइन चुना गया था।

मुख्य संरचना को चार चक्रों के रूप में बनाया गया है, जिनमें से प्रत्येक सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों को दर्शाया गया है।

चक्रव्यूह की संरचना से प्रेरणा लेते हुए इसे बनाया गया है।

इसमें चार वृत्ताकार परिसर होंगे और एक ऊंचा स्मृति स्तंभ भी है, जिसके तले में अखंड ज्योति दीप्तमान रहेगी।

स्मारक में आजादी के बाद शहीद हुए 25,942 भारतीय सैनिकों के नाम इन पत्थरों पर लिखे गए हैं।

सशस्त्र बलों के भविष्य के समारोहों के लिए भी यह स्मारक स्थल के रूप में काम करेगा।

जानें स्मारक में अन्य विशेषताएं

आर्टिफिशियल लाइटिंग और वॉकिंग प्लाजा।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में प्रवेश सभी के लिए निशुल्क है।

अपवाद रूप में मुख्य क्षेत्र और परम योदा स्टाल में समय की पाबंदी होगी। हर शाम रिट्रीट सेरेमनी भी होगी।

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